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कुछ जटिलताएं
फूड पॉइजनिंग और पेट इंफेक्शन होने पर बच्चों में कुछ जटिलताएं दिख सकती हैं, जैसे कि:
- यूरिन का कम पास होना
- डार्क यूरिन होना
- आपके मुंह या गले में ड्रायनेस
- रक्त का दबाव कम हाेना
- प्यास अत्यधिक लगना
- चक्कर महूसस होना
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फूड पॉइजनिंग और स्टमक इंफेक्शन के लक्षणों (Stomach infection Symptoms) में अंतर क्या हैं?
पेट में इंफेक्शन के लक्षण
यदि आपके पेट में इंफेक्शन है, जिसे वायरल गैस्ट्रोएंटेरिटिस के रूप में भी जाना जाता है, तो आपमें निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं, जैस कि:
- दस्त
- पेट या आंतों में ऐंठन
- जी मिचलाना
- उल्टी
- बुखार
- वजन घटना
- जोड़ों का दर्द
- मांसपेशियों के दर्द
- सिरदर्द
- सामान्य बीमारी
पेट में इंफेक्शन होने पर और आपके वॉयरस के संपर्क में आने के 24 से 72 घंटों के भीतर स्टमक इंफेक्शन के लक्षण दिखने लगते हैं। जो कि कई दिनों तक बना रह सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पेट को इंफेक्शन ने कितना प्रभावित किया है। यह लक्ष्ण आपमें 10 दिनों तक भी नजर आ सकते हैं। ऐसे मं आपको जल्दी ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
फूड पॉइजनिंग के विशिष्ट लक्षणों में शामिल हैं:
गंभीर मामलों में, दिखने वाले लक्षण
- खूनी मल या उल्टी होना
- गंभीर पेट में ऐंठन
- झटका महसूस होना
- बेहोशी आना
- वयस्कों को 101 डिग्री और बच्चों को 100.4 डिग्री से ज्यादा बुखार होने पर
फूड पॉइजनिंग के लक्षण कभी-कभी कुछ घंटों में और कभी-कदार 2 से 4 दिनों में दिखाई दे सकते हैं। जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि आपको कितना गंभीर फूड पॉइजनिंग हुआ है। फूड पॉइजनिंग की बाहर के दूषित खाने के कारण होता है। जो कि छोट बच्चे के लेकर बुजुर्गों तक, किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। फूड पॉइजनिंग का बोटुलिज्म नामक एक गंभीर रूप भी हो सकता है। क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नामक जीवाणु बोटुलिज्म का कारण बनता है, जो कि तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हैं।
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पेट में इंफेक्शन और फूड पॉइजनिंग का उपचार
पेट में इंफेक्शन का इलाज
भले ही पेट के बग को कभी-कभी पेट फ्लू कहा जाता है। इससे कोई भी, कभी भी प्रभावित हो सकता है। इस फ्लू वैक्सीन इसे रोक नहीं पाएगा। विभिन्न प्रकार के वायरस पेट में कीड़े पैदा करते हैं। एंटीबायोटिक्स पेट की बग का इलाज करने में मदद नहीं करेंगे क्योंकि एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया के संक्रमण का इलाज करने के लिए काम करते हैं, वायरस से नहीं।
- पेट में इंफेक्शन वाले लोगों को हायड्रेशन का ध्यान रखना चाहिए। उनमें पानी की कमी नहीं होना चाहिए, नहीं तो रिक्स हो सकता है। इसलिए कुछ-कुछ देर में पानी लेते रहें। डिहायड्रेशन से बचने के लिए पीड़ित व्यक्ति को दिन में 2-4 बार ओआरएस (ORS) का सेवन करना चाहिए।
- सुनिश्चित करें कि लिक्विड ड्रिंक अधिक से अधिक लें, जैसे कि नारियल पानी या जूस आदि। वयस्क इलेक्ट्रोलाइट्स के साथ गेटोरेड जैसे तरल पदार्थ पी सकते हैं,और बच्चे भी तरल प्रतिस्थापन समाधान जैसे कि पेडियालेट पी सकते हैं।
- अपने खानपान में सोडियम की कमी न होने दें। ज्याद मोशन होने पर नमक और चीनी का घोल भी लेते रहें।
- पेट के इंफेक्शन में गर्म पानी और तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें।
- दही और छाछ के सेवन से पेट को काफी आराम मिलता है।
- नमक, चीनी वाले नींबू पानी का सेवन में 3-4 बार करें।