अगर आपको उपरोक्त लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बीमारी का सही समय पर इलाज कराने से बीमारी के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। आपको अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
गैस्ट्राइटिस और डुओडेनाइटिस (gastritis and duodenitis) को डायग्नोज कैसे किया जाता है?
गैस्ट्राइटिस और डुओडेनाइटिस को डायग्नोज करने के लिए कई टेस्ट्स किए जाते हैं। डॉक्टर ब्लड और स्टूल टेस्ट की सलाह दे सकता है। साथ ही एच. पाइलोरी की जांच के लिए ब्रीथ टेस्ट किया जाता है। इसमे पेशेंट को लिक्विड या टैबलेट दिया जाता है और एक बैग में सांस लेने के लिए कहा जाता है। डॉक्टर ये टेस्ट एक्स्ट्रा कार्बन डाई ऑक्साइड टेस्ट के लिए करते हैं, जो एच. पाइलोरी के इन्फेक्शन के बारे में जानकारी देता है। स्टमक लाइनिंग के टेस्ट के लिए एंडोस्कोपी (endoscopy) भी की जा सकती है। टेस्ट के दौरान एक ट्यूब या एंडोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है, जो मुंह की सहायता से पेट और छोटी आंत की जांच के लिए इस्तेमाल की जाती है। एंडोस्कोप में कैमरा लगा होता है, जो सूजन के बारे में जानकारी देता है। साथ ही ब्लीडिंग, पेप्टिक अल्सर और एब्नॉर्मल टिशू के बारे में भी जानकारी मिलती है।
कैसे किया जाता है गैस्ट्राइटिस और डुओडेनाइटिस (gastritis and duodenitis) का ट्रीटमेंट
गैस्ट्राइटिस और डुओडेनाइटिस का ट्रीटमेंट एंटीबायोटिक्स और एसिड रिड्यूसर के माध्यम से किया जाता है। लाइफस्टाइल में बदलाव भी बीमारी के लक्षणों को कम करने मदद करता है। जानिए गैस्ट्राइटिस और डुओडेनाइटिस का ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है।
- गैस्ट्राइटिस और डुओडेनाइटिस का ट्रीटमेंट करने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह देते हैं। एच. पाइलोरी का ट्रीटमेंट करने के लिए कुछ ड्रग्स दिए जाते हैं, जो संक्रमण को खत्म करने का काम करता है। डॉक्टर कुछ सप्ताह तक दवाओं का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।
- ओवर-द-काउंट दवाओं का उपयोग एसिड प्रोडक्शन को कम करने के लिए किया जा सकता है। कुछ दवाएं जैसे कि सिमेटिडाइन (cimetidine), फैमोटिडाइन (famotidine) आदि दवाएं इस्तेमाल की जाती है। डॉक्टर प्रोटान पंप इनहिबिटर्स (Proton pump inhibitors) लेने की सलाह भी देते हैं। डॉक्टर इसोमेप्राजोल (esomeprazole), लैंसोप्राजोल (lansoprazole), ओमेप्राजोल (omeprazole) आदि दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
- डॉक्टर स्टमक एसिड और दर्द से राहत के लिए एंटासिड्स (Antacids) लेने की सलाह भी दे सकते हैं। एंटासिड्स के रूप में कैल्शियम कार्बोनेट (calcium carbonate), मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड (magnesium hydroxide), कैल्शियम कार्बोनेट और मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड आदि की सलाह दी जा सकती है एंटासिड्स लेने पर शरीर कुछ मेडिसिन को अवशोषित नहीं कर पाता है। बेहतर होगा कि अगर आप पहले से किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को जानकारी जरूर दें।
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लाइफस्टाइल में सुधार करने से बच सकते हैं पेट की सूजन से
दवाओं का सेवन करने से किसी भी बीमारी के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। अगर आप जीवनशैली या लाइफस्टाइल में सुधार करेंगे, तो आपको बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। अच्छी लाइफस्टाइल कई बीमारियों से बचाती है। जानिए गैस्ट्राइटिस और डुओडेनाइटिस से छुटकारे के लिए किन बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता है।
- डायजेस्टिव ट्रेक में सूजन की समस्या से बचने के लिए आपको स्मोकिंग और एल्कोहॉल से दूरी बना लेनी चाहिए।
- खाने में फ्रेश फ्रूट्स के साथ ही वेजीटेबल्स शामिल करें। आप चाहे तो खाने में लिक्विड डायट भी शामिल कर सकते हैं।
- पेन रिलीवर्स मेडिसिन का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें चूंकि कुछ दवाएं पेट में सूजन को बढ़ावा देती है।
- अगर जांच के दौरान सीलिएक रोग ( celiac disease) के बारे में जानकारी मिलती है, तो ग्लूटेन का सेवन करने से बचें।
- अगर बुखार, वॉमिटिंग और पेट में दर्द की समस्या हो रही है, तो पेन रिलीवर्स खाने के बजाय तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
- एंटीबायोटिक्स दवाओं का पूरा सेवन करें और उन्हें अधूरा न छोड़ें वरना आपको दोबारा इन्फेक्शन हो सकता है।
बिना ट्रीटमेंट के गैस्ट्राइटिस और डुओडेनाइटिस क्रॉनिक कंडीशन खड़ी कर सकते हैं। इस कारण से स्टमक अल्सर और स्टमक ब्लीडिंग की समस्या भी हो सकती है। कुछ कंडीशन में स्टमक कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि पेट दर्द को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। बीमारी का सही तरह से इलाज कराकर आप बड़ी समस्या से बच सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।