
वर्तमान समय में माइग्रेन हर तीसरे व्यक्ति की समस्या होती है। माइग्रेन में सिरदर्द होने का कारण कई बार हमारी लाइफस्टाइल और खानपान ही जिम्मेदार हो सकता है। माइग्रेन का इलाज करने कि लिए आप माइग्रेन में खाना क्या खाएं और क्या नहीं, इसका भी ध्यान देना चाहिए। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कुछ ऐसे ही माइग्रेन फूड्स के बारे में जो माइग्रेन में खाना चाहिए। ऐसे माइग्रेन फूड्स को विशेषज्ञ माइग्रेन डायट भी कहते हैं। जिसमें आपको कुछ चीजें खानी चाहिए और कुछ फूड्स को अवॉएड करना चाहिए।
माइग्रेन क्या है?
माइग्रेन सिरदर्द जैसी एक समस्या है, जो कि काफी आम है। हर तीसरा व्यक्ति आज माइग्रेन से परेशान है। माइग्रेन में अक्सर सिर के किसी एक हिस्से में ही दर्द होता है। माइग्रेन के साथ-साथ जी मचलाना और उल्टी जैसी अन्य समस्या भी होती है। अगर समय पर माइग्रेन का इलाज न किया जाए, तो यह परेशानी रोजमर्रा के कामों को प्रभावित कर सकती है। सही इलाज के साथ माइग्रेन में खानपान सुधार कर भी इससे बचा जा सकता है।
माइग्रेन के लक्षण क्या हैं?
माइग्रेन के लक्षण निम्न हैं :
- सिरदर्द के एक हिस्से में दर्द होने के साथ-साथ आंखों में दर्द और उल्टी होना
- सुबह उठते ही सिर में दर्द होना
- तेज रोशनी और तेज आवाज से तकलीफ महसूस होना
- अच्छी तरह से नींद न आना
- मूड स्विंग
- तनाव
- चक्कर आना
- कभी-कभी नाक बंद होना, जिससे सांस लेने में परेशानी और बेचैनी महसूस होना
- आंखों की रोशनी कमजोर होना
- बार-बार भूख लगना
- कब्ज
- सिर के आधे हिस्से में दर्द होना
- 4 से 72 घंटे तक लगातार दर्द होना
माइग्रेन और डायट में क्या संबंध है?
सिरदर्द से तो हर कोई परेशान रहता है। एक रिसर्च के मुताबिक 18 से 65 के 75 फीसदी लोग सिर दर्द से परेशान रहते हैं। इनमें से 30 फीसदी लोग माइग्रेन से पीड़ित होते हैं। हाल ही में हुए अध्ययनों और रिसर्च की माने तो हमारी डायट माइग्रेन के लक्षणों को कम कर सकती है। माइग्रेन में खाना खाने से या उनमें थोड़ा बदलाव करने से सिरदर्द में राहत मिलती है।
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माइग्रेन में खाना क्या खाना चाहिए?
हमें माइग्रेन में खाना ऐसा खाना चाहिए, जो हेल्दी होने के साथ ही माइग्रेन के लक्षणों को कम करता हो :
माइग्रेन डायट में शामिल करें फलों, सब्जियों और फलियों को
फलों, सब्जियों और फलियों के पौधे होते हैं, जो हमारे शरीर के एस्ट्रोजन के प्रभाव को कम करते हैं। यह खासकर के उन महिलाओं के लिए है, जिनकों पीरियड्स के साथ माइग्रेन शुरू हो जाता है। शरीर में एस्ट्रोजन की कमी होने के कारण ही माइग्रेन की समस्या हो सकती है। हमारे शरीर में मौजूद फाइबर शरीर के वेस्ट मटेरियल के साथ एस्ट्रोजन बाहर निकल जाता है, फिर एस्ट्रोजन शरीर में दोबारा नहीं आ पाता है। इसके लिए आपको अपने डायट में फलों और सब्जियों को शामिल करने की जरूरत होती है। आप निम्न फल, सब्जियां और फलियां खा सकते हैं :
माइग्रेन में खाना: फैटी फिश माइग्रेन में खाना सही है
फैटी फिश में सैल्मन, ट्राउट्स, सर्डिन आदि का सेवन करना सही है। फैटी फिश में ओमेगा-3 फैटी एसिड की चेन पाई जाती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से शरीर मे प्रोस्टाग्लैंडिंस की कमी हो जाती है। प्रोस्टाग्लैंडिंस एक हॉर्मोन की तरह केमिकल है, जो शरीर में माइग्रेन के इन्फ्लमेशन और दर्द से राहत दिलाता है। एक रिसर्च में माइग्रेन से पीड़ित 50 लोगों को शामिल किया गया, जिसमें से सभी को 1.25 ग्राम फिश ऑयल दो महीने तक रोजाना पिलाया गया। जिसके बाद उसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड के कारण लोगों में माइग्रेन की समस्या कम हो गई या खत्म हो गई। इसके साथ ही शरीर की इम्यूनिटी तो भी इम्प्रूव पाया।
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माइग्रेन में खाना: अदरक माइग्रेन में खाना चाहिए
अदरक भारतीय मसाले का एक हिस्सा है, जिसके अपने औषधीय गुण पाए जाते हैं। अदरक में ऐसे कई कम्पाउंड पाए जाते हैं, जो नॉन-स्टेरॉएडल एंटीइंफ्लमेटरी होते हैं। जो माइग्रेन के दर्द से राहत पहुंचाने में मददगार होती है। माइग्रेन में उल्टी या मितली आ सकती है, जिसमें अदरक का सेवन करने से राहत मिलती है।
मैग्नीशियम से भरपूर चीजें खाएं
मैग्नीशियम से भरपूर चीजें माइग्रेन में खाना चाहिए। जिसमें बीन्स, हरी पत्तेदार सब्जियां और संपूर्ण अनाज शामिल है। इसमें पाए जाने वाला मैग्नीशियम दर्द को कम करता है, लेकिन जैसे ही मैग्नीशियम की कमी होती है शरीर में वैसे ही माइग्रेन का दर्द शुरू हो जाता है। इसलिए कोशिश करें कि रोजाना आप अपने डायट में मैग्नीशियम को शामिल करें। क्योंकि मैग्नीशियम शरीर के लिए एक जरूरी अवयव है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
हाइड्रेट रहना एक अच्छी बात है, माइग्रेन को रोकने के लिए आप खुद को हाइड्रेट रखें। क्योंकि सौ मर्ज का एक इलाज पानी है। कई बार ऐसा देखा गया है कि सिरदर्द होने की वजह डिहाइड्रेशन रहा है। इसलिए कोशिश करें कि रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पिएं। वहीं, अगर आप प्रेग्नेंट हैं, ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं या एक्सरसाइज कर रहे हैं तो आपको 8 गिलास से ज्यादा पानी की जरूरत है। इसके अलावा आप हर्बल या ग्रीन टी भी पी सकते हैं।
माइग्रेन डायट में क्या खाएं और क्या ना खाएं?
माइग्रेन डायट में आप निम्न चीजें शामिल कर सकते हैं और निम्न को अपने डायट से निकाल सकते हैं :
मीट, नट, और बीज
माइग्रेन डायट में ये खाएं :
- ताजा मांस, चिकन, मछली आदि
- कद्दू के बीज
- खसखस
- प्राकृतिक स्वाद के बिना सूरजमुखी के बीज
- तिल के बीज
माइग्रेन डायट में ये ना खाएं :
- बीफ और चिकन लीवर
- मैरिनेटेड मीट
- ब्रीडेड मीट
- नट बटर
- फ्लेवर्ड पॉपकॉर्न
फल और सब्जियां
माइग्रेन डायट में ये खाएं :
- ताजा फल
- सब्जियां
- प्रिजरवेटिव वेजिटेबल
माइग्रेन डायट में ये ना खाएं :
- आलू
- सल्फाइट प्रिजरवेटिव युक्त सूखे फल
- सिट्रस या खट्टे फल
- लाइमा बीन्स
- खट्टी गोभी
- प्याज
कुछ फलों में परागकण या अन्य यौगिक भी हो सकते हैं, जो हिस्टामिन रिलीज करते है और इसी कारण से माइग्रेन हो सकता है। जैसे- केला, संतरा, अंगूर, रसभरी और प्लम आदि।
सलाद और सॉस
माइग्रेन में खाना की परेशानी होने पर ये खाएं :
- घर पर बने हुए ही सॉस खाएं, जिनमें सलाद को डिप करते हैं
- घर का बना रांच ड्रेसिंग
- तेल और व्हाइट विनेगर से सलाद को ड्रेसिंग करके खाएं
माइग्रेन डायट में ये ना खाएं :
प्री-पैकेज्ड डिप्स यानी की बाजार से मिलने वाले डिप्स, जैसे साल्सा, अल्फ्रेडो सॉस या सरसों के बने डिप्स।
क्योंकि कई बोतलबंद सलाद ड्रेसिंग में एडिटिव्स और प्रिजरवेटिव होते हैं जो माइग्रेन के लक्षणों को बुरा कर सकते हैं। बचने के लिए एडिटिव्स में एमएसजी, नाइट्राइट और एस्पार्टेम शामिल हैं। कई दिनों का पुराना चीज़ और रेड वाइन विनेगर भी माइग्रेन की स्थिति बिगाड़ सकता है, इसलिए उन्हें जितना कम खाएं अच्छा है।
ब्रेड, ग्रेन और अनाज
माइग्रेन डायट में ये खाएं :
- सूखे फल, नट्स को छोड़कर सभी अनाज खाएं
- तिल के बीज
- आलू के चिप्स
- क्विक ब्रेड, जैसे- पम्परनिकल या जुकिनी ब्रेड
- नमकीन या स्नैक क्रैकल्स
- गेहूं के बने ब्रेड
माइग्रेन में खाना अवश्य खाएं लेकिन, निम्नलिखित फूड से डिस्टेंस बनायें:
- फ्लेवर्ड क्रैकल, जैसे- चेडर चीज़
- पिज्जा
- सिजंड चिप्स
माइग्रेन डायट को माइग्रेन में खाना चाहिए, जिससे माइग्रेन में राहत मिलती है। वहीं, माइग्रेन डायट में कुछ चीजें नहीं खानी चाहिए, वरना माइग्रेन मे स्थिति बद से बदतर हो सकती है। उम्मीद है कि ये आर्टिकल आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
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