हमारा नर्वस सिस्टम एक जटिल और खास नेटवर्क की तरह काम करता है। यह हमारे और हमारी आस-पास की दुनिया के बीच कम्युनिकेशन को मैनेज करता है। नर्वस सिस्टम हमारे शरीर में इन चीजों को नियंत्रित करता है:
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
हमारा नर्वस सिस्टम एक जटिल और खास नेटवर्क की तरह काम करता है। यह हमारे और हमारी आस-पास की दुनिया के बीच कम्युनिकेशन को मैनेज करता है। नर्वस सिस्टम हमारे शरीर में इन चीजों को नियंत्रित करता है:
नर्वस सिस्टम में समस्या (Problem in Nervous System) के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि नर्वस सिस्टम के कौन से हिस्से में समस्या है और यह किस वजह से हो रही है। आज हम बात करने वाले हैं, पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स (Peripheral Nervous System disorders) के बारे में। जानिए इस बारे में विस्तार से:
पेरीफेरल नर्वस सिस्टम (Peripheral Nervous System) हमारे दिमाग और रीढ़ की हड्डी से शरीर के अन्य हिस्सों को सुचना भेजता है। पेरीफेरल नर्वस, सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central Nervous System) को सेंसरी इनफार्मेशन (Sensory Information) भी भेजती हैं। पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स (Peripheral Nervous System disorders) किसी ट्रॉमेटिक चोट, इंफेक्शन, मेटाबोलिक समस्याओं, इनहेरिटेड समस्याओं या हानिकारक तत्वों के सम्पर्क में आने से होते हैं। इनका सबसे मुख्य कारण डायबिटीज है। पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स (Peripheral Nervous System disorders) मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की बाहर की नसों को हुए नुकसान वजह से होते हैं। जिसके कारण कमजोरी, सुन्नता और दर्द हो सकती है, खासतौर पर हमारे हाथों और पैरों में। हालांकि, इससे शरीर के अन्य अंगों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इन्हें पेरीफेरल न्यूरोपथी (Peripheral Neuropathy) भी कहा जाता है।
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हमारे पेरीफेरल सिस्टम की हर नर्व का अपना खास काम है, इसलिए इसके लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपकी किस नर्व पर प्रभाव पड़ा है। नर्वस को भी अलग भागों में बांटा गया है, जैसे:
पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर के लक्षण यह हो सकते हैं, जैसे:
अगर ऑटोनोमिक नर्वस पर प्रभाव पड़े तो इसके लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
पेरीफेरल न्यूरोपैथी एक नर्व (मोनोन्यूरोपैथी), दो या अधिक नर्वस (मल्टीपल मोनोन्यूरोपैथी) या कई नर्वस (पॉलीमोनोन्यूरोपैथी) को प्रभावित कर सकती है। कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal tunnel Syndrome) मोनोन्यूरोपैथी का एक उदाहरण है। पेरीफेरल नर्वस सिस्टम से प्रभावित अधिकांश लोगों में पॉलीमोनोन्यूरोपैथी होती है।
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पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स (Peripheral Nervous System disorders) में कई स्थितियां नर्व को नुकसान पहुंचाती हैं। कुछ स्वास्थ्य स्थितियों जो इसमें शामिल हो सकती हैं, वो इस प्रकार हैं:
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इस बारे में फोर्टिस हॉस्पिटल, मुलुंड की फिजिशियन एंड इंफेक्शन डिजीज स्पेशलिस्ट डा. अनीता मैथवे का कहना है कि पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स (Peripheral Nervous System disorders) के निदान के लिए सबसे पहले डॉक्टर आपसे लक्षणों, मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। इसके बाद आपकी शारीरिक जांच की जाएगी। लेकिन, अगर उन्हें इस बात का पता नहीं चलता है कि यह लक्षण पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स (Peripheral Nervous System disorders) के हैं। तो वो आपको अन्य टेस्ट कराने के लिए भी कह सकते हैं, जैसे:
पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स (Peripheral Nervous System disorders) का उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है। जैसे अगर इसका कारण डायबिटीज है तो ब्लड ग्लूकोज को कंट्रोल करना जरूरी है। अगर विटामिन की कमी के कारण यह समस्या हो रही है तो विटामिन की कमी को पूरा करने की तरफ ध्यान देना चाहिए। कई उपचारों से इस समस्या में आराम पहुंच सकता है और आप अपनी सामान्य गतिविधियां कर सकते हैं। पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स (Peripheral Nervous System disorders) के उपचार के लिए कई बार ट्रीटमेंट्स का संयोजन प्रयोग किया जाता है, जैसे:
ओवर द काउंटर दर्द की दवाईयां जैसे एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) और नॉन स्टेरॉइडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवाइयां, जैसे एस्पिरिन (Aspirin) और आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) अधिक दर्द से राहत पहुंचाने में मददगार है। लेकिन अगर आप इन्हें अधिक मात्रा में लेते हैं तो इनका लीवर और पेट पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इन दवाईयों का अधिक समय तक प्रयोग करने से बचना चाहिए। खासतौर पर अगर आप एल्कोहॉल का अधिक सेवन करते हैं।
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कई प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन्स भी दर्द से राहत दिलाती हैं। इनमें नारकोटिक्स (Narcotics), कुछ एंटीएपिलेप्टिक मेडिसिन (Antiepileptic Medicines) और कुछ एंटीडिप्रेसेंट्स (Antidepressants) भी शामिल हैं। कुछ अन्य प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन्स इस तरह से हैं।
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पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर कई मेडिकल ट्रीटमेंट्स का प्रयोग कर सकते हैं, जैसे:
प्लास्मफेरेसिस (Plasmapheresis), एक ब्लड ट्रांसफ्यूज़न (Blood Transfusion) है, जो आपके ब्लडस्ट्रीम से संभावित खराब एंटीबॉडी को हटा देता है। यदि आपकी नर्व ब्लॉक होती है , तो आपके डॉक्टर आपकी नसों में सीधे अनेस्थेटिक (Anesthetic) इंजेक्ट कर सकते हैं।
ट्रांसक्यूटेनस इलेक्ट्रॉनिक नर्व स्टिमुलेशन सबके लिए काम नहीं करता है। लेकिन बहुत से लोग इसे पसंद करते हैं क्योंकि यह एक ड्रग फ्री थेरेपी है। ट्रांसक्यूटेनस इलेक्ट्रॉनिक नर्व स्टिमुलेशन के दौरान इलेक्ट्रोड को त्वचा पर लगाया जाता है और यह इलेक्ट्रोड त्वचा में कुछ मात्रा में इलेक्ट्रिसिटी भेजता है। इस ट्रीटमेंट का लक्ष्य मस्तिष्क में पैन सिग्नल को फैलाने से नर्वस को बाधित करना है।
अगर पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स (Peripheral Nervous System disorders) से आपके कुछ अंगों (पैर, टांगे, बाजुएं, हाथ ) पर प्रभाव पड़ा है, तो यह चीजें आपके काम आ सकती हैं। कास्ट्स उस शरीर के हिस्से को सहारा देती है, जिनमें समस्या है। इससे दर्द से भी राहत मिलती है जैसे कास्ट या स्पलिंट सोते हुए आपकी कोहनी को सही स्थिति में रहने के लिए सहारा देते हैं। ऐसे में आपको कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome) के दौरान होने वाली बेचैनी से छुटकारा मिलता है।
पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स (Peripheral Nervous System disorders) से बचने और छुटकारा पाने के लिए आपको दवाईयों या अन्य उपचारों के साथ ही अपने जीवन में भी परिवर्तन ला कर हेल्दी आदतों को अपनाना होगा। जानिए, कैसे करें अपने लाइफस्टाइल में बदलाव:
रोजाना व्यायाम जैसे वाकिंग रनिंग, कार्डियो आदि करने से आपको इन डिसऑर्डर के कारण होने वाले दर्द से राहत, मसल्स स्ट्रेंथ में सुधार और ब्लड शुगर और डायबिटीज के लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है।
धूम्रपान ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर सकता है। जिससे पैर की समस्याओं और अन्य न्यूरोपैथी जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है। शराब भी इस समस्या को बढ़ा सकती है। इसलिए, अगर आप धूम्रपान करते हैं तो छोड़ दें और शराब की मात्रा भी सीमित रखें।
अच्छा पोषण आपको आवश्यक विटामिन और खनिज से मिलता है। अपने आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें। फल सब्जियां और साबुत अनाज अवश्य खाएं। ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं।
तनाव भी पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स (Peripheral Nervous System Disorders) को बढ़ाने का काम कर सकता है। इसलिए, तनाव से बचे। उसके लिए स्वस्थ आदतों का पालन करें, सकारात्मक और खुश रहें। इसके साथ ही नींद भी जरूरी है दिन में आठ घंटे की नींद अवश्य लें।
कुछ लोग पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स (Peripheral Nervous System disorders) में कुछ अन्य तरीकों से भी राहत महसूस कर सकते हैं जैसे कायरोप्रैक्टिक देखभाल (Chiropractic Care), एक्यूपंक्चर (Acupuncture), मालिश (Massage), योग (Yoga) आदि। आप डॉक्टर की सलाह के बाद इन तरीकों को भी अपना सकते हैं।
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अगर आप पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर्स से बचना चाहते हैं तो अपने ब्लड ग्लूकोज के स्तर को जांचते रहें। इससे आपको इन डिसऑर्डर्स से बचने में मदद मिलेगी। इस डिसऑर्डर को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है उन समस्याओं को मैनेज करना जिनसे इनका जोखिम बढ़ सकता है जैसे डायबिटीज, संधिशोथ आदि। इसके साथ ही हानिकारक केमिकल के संपर्क में आने से बचे। इसके लक्षणों पर नजर रखें और समय पर इलाज कराएं। अगर आपको कोई समस्या होती है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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