“हार्ट अटैक! कैसे हुआ? अरे.. अरे.. अब तो आपको आपकी सेहत का और भी ज्यादा ख्याल रखना होगा!” ये बातें आपको तब सुननी पड़ती हैं, जब आप या आपका कोई अपना हार्ट अटैक की चपेट में आ जाता है। हार्ट अटैक हुआ नहीं कि लोग तरह-तरह के नुस्खे, डॉक्टरों की लिस्ट, खाने-पीने से जुड़ी बातें और न जाने क्या-क्या बातें बताने लगते हैं। लेकिन इसके बावजूद, जो बात मायने रखती है, वो है हार्ट अटैक के बाद ठीक हुए व्यक्ति की सेहत। जहां आपको फूंक-फूंक कर कदम रखने की जरूरत पड़ती है।
लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि हार्ट अटैक का एक टाइप ऐसा भी है, जिससे अच्छे-अच्छों को दिन में तारे दिख जाते हैं? हम बात कर रहे हैं सायलेंट हार्ट अटैक की- जो रोगी की जिंदगी में दबे पांव आता है और चुपचाप उसे हमेशा के लिए बीमार करके चला जाता है। सायलेंट हार्ट अटैक सामान्य हार्ट अटैक के मुकाबले अधिक गंभीर होता है और यह लंबे समय के लिए रहता है। फोर्टिस हॉस्पिटल की सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर जाकिया खान के मुताबिक ‘सायलेंट हार्ट अटैक व्यक्ति को 6 घंटे तक प्रभावित कर सकता है। ऐसे में तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट लेना बेहद जरूरी होता है।’
है न डरने वाली बात? जी हां, ऐसी तकलीफ से तो सभी को डर लगेगा। लेकिन अगर सायलेंट हार्ट अटैक चुपके से आपके दरवाजे पर आ भी जाए, तो आपको अपना इलाज तैयार रखना चाहिए। ये इलाज और कोई नहीं, बल्कि है आयुर्वेद। जो प्राचीन भारतीय चिकित्सा की अनोखी देन है। इतना ही नहीं, आयुर्वेद में ऐसे भी ट्रीटमेंट हैं, जो आपके हृदय रोग को हमेशा के लिए रिवर्स कर सकते हैं। है न कमाल की बात! लेकिन इसके इलाज के बारे में जानने से पहले आप ये जान लीजिये कि सायलेंट हार्ट अटैक आखिर होता क्या है। आइए, आगे बढ़ते हैं..
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दिल पर पड़ती है भारी, सायलेंट हार्ट अटैक की तैयारी!
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क्या आपने कभी ध्यान दिया है, जब भी किसी को हार्ट अटैक आता है, तो वह व्यक्ति अपनी छाती को पकड़कर तेज दर्द से कराहता है। डॉक्टर जाकिया खान की माने तो ‘सायलेंट हार्ट अटैक को सायलेंट इसीलिए कहा जाता है, क्योंकि यह बिना किसी लक्षण के आता है। यह आम तौर पर लंबे समय से डायबिटीज और हाय ब्लड प्रेशर से जूझ रहे मरीजों को होता है। हालांकि, कई बार लोगों को ऐसा लगता है कि सीने में दर्द होना हार्ट अटैक का एक मात्र लक्षण है, जबकि असल में मरीज को सांस लेने में कमी, पेट खराब, अचानक बेहोशी होना और बुजुर्गों में एक्यूट कंफ्यूजन हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं।’
लेकिन जरा सोचिये, अगर आपको हार्ट अटैक के दौरान दर्द ही महसूस ना हो, तो? आपको खुद को भी यह समझ नहीं आएगा कि आपको हार्ट अटैक आया था। जी हां, यही स्थिति सायलेंट हार्ट अटैक कहलाती है। सायलेंट हार्ट अटैक में रोगी को पता नहीं चलता कि उसे अटैक आया था, जो एक बड़ी मुश्किल भरी और खतरनाक स्थिति में तब्दील हो सकती है, जिससे मरीज की जान जा सकती है।
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जब सायलेंट किलर करने लगे दिल के रास्ते बंद, तो इन बातों पर गौर करना मेरे दोस्त!
अब आप यही सोच रहे होंगे कि क्या इस जानलेवा बीमारी की दस्तक पहचानने का कोई तरीका नहीं है? तो हमारे पास इसका जवाब है। सायलेंट हार्ट अटैक के लक्षणों में आम तौर पर छाती में दर्द या असहजता, मतली, पसीना आना, सिर चकराना और थकान जैसी दिक्कतें होती है। जिसे आप तूफ़ान से पहले की खामोशी या संकेत मान सकते हैं।
वहीं कुछ लोगों में बिलकुल अलग से लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि अपच, सीने में जलन, मतली और पेट में दर्द। यहां तक कि हार्ट अटैक के दौरान उन्हें उल्टी भी हो सकती है। आपको ये भी बता दें कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस तरह के लक्षण महसूस होने की बात ज्यादा देखी गई है। साथ ही साथ हार्ट अटैक आने पर चक्कर आने जैसा भी महसूस हो सकता है और छाती में दर्द के साथ सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
भले ही ये स्थिति डरा देने वाली हो, लेकिन इसका इलाज और उससे बचाव भी आपके लिए उतना ही जरूरी है। इसके अलावा सायलेंट हार्ट अटैक से बचाव के लिए आपको जरूरत है रेग्युलर चेकअप की जिसके लिए आप आयुर्वेद से जुड़े डॉक्टर से ऑनलाइन कंसल्टेशन (e-consultation) कर सकते हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट न सिर्फ आपको सायलेंट हार्ट अटैक से बचाव के तरीके बताएंगे, बल्कि हृदय रोग को रिवर्स करने में मदद भी करेंगे। तो अब जल्द से जल्द जान लिया जाए कि कैसे आपके दिल की सेहत में आयुर्वेद चार चांद लगा सकता है?
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‘दिल की तंदुरुस्ती’ की रक्षा करता है आयुर्वेद!
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आयुर्वेद, आपके दिल को चुस्त, दुरुस्त और तंदुरुस्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता। जहां आयुर्वेद आपकी बीमारियों से रक्षा करता है, वहीं बीमारी हो जाने पर ये उससे निपटने के तरीके भी आपको सिखाता है। इसलिए सायलेंट हार्ट अटैक में आयुर्वेद का दामन थामना आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कि सायलेंट हार्ट अटैक का आयुर्वेदिक इलाज कितना कारगर साबित होता है। दरअसल, शरीर में तीन तरह के दोष पाए जाते हैं, जिसमें से वात दोष के असंतुलन के कारण दिल से जुड़ी बीमारियां होती है। आयुर्वेदिक इलाज में खास आहार, तेलों और जड़ी बूटियों की मदद से इस वात दोष को संतुलित बनाया जाता है, जिससे हृदय रोग और हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जाता है।
आयुर्वेद में वात दोष को संतुलित करने के लिए हल्की और शुष्क चीजें दी जाती हैं। इसमें विटामिन ए, ई और डी से बनी चीजें खास तौर पर खिलाई जाती हैं। इसके अलावा मेडिटेशन, योगासन जैसे उपायों का भी सहारा लिया जाता है। तो अब आप समझे, कैसे आयुर्वेद आपके दिल की सेहत का ख्याल रखता है। इस पूरी प्रक्रिया को और भी बेहतर तरीके से समझने के लिए आपको आयुर्वेद से जुड़े डॉक्टर से ऑनलाइन कंसल्टेशन (e-consultation) करना चाहिए, जो आपके ह्रदय रोग को रिवर्स करने में आपकी मदद करेंगे।
लेकिन आप एक बात तो भूल ही गए, जो आपके दिल को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए बेहद जरूरी है। नहीं समझे? आपका लाइफस्टाइल, यानी कि जिंदगी जीने का ढंग, जो सही ना हो, तो दिल की गाड़ी कभी भी पटरी से उतर सकती है। आइये अब जान लेते हैं लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ खास बातें।
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क्योंकि जीना इसी का नाम है!
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इस संदर्भ में डॉक्टर जाकिया खान का कहना है ‘यदि सायलेंट हार्ट अटैक होने पर मरीज को समय रहते मेडिकल ट्रीटमेंट मुहैया ना हो, तो कंडीशन बेहद खतरनाक हो सकती है। इस तरह के मरीजों को प्रोटोकॉल के अनुसार एको और कार्डिएक एमआरआई की मदद से कॉरोनरी एंजियोग्राफी और मायोकार्डियल वायबिलिटी ट्रीटमेंट देने की जरूरत होती है।’
इसके अलावा डॉक्टर जाकिया कहती हैं कि लाइफस्टाइल में कुछ अच्छे बदलाव कर के इस मुसीबत से बच सकते हैं। कहते हैं, जो ये कला सीख गया, उसे बीमारियां छू नहीं पाएंगी। ऐसे में जब आप सायलेंट हार्ट अटैक की तकलीफ से गुजर रहे हों, तो लाइफस्टाइल बेहतर बनाना आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है। और जब आपको एक ऐसा तरीका मिल जाए, जिससे हार्ट प्रॉब्लम ही रिवर्स हो जाए, तो कहना ही क्या! लेकिन ये कैसे मुमकिन होगा? कैसे हम हृदय रोग को रिवर्स कर पाएंगे? नहीं जानते? तो चलिए अब ये जान लेते हैं।
बैलेंस्ड डायट
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किसी भी व्यक्ति की ज़िन्दगी में उसकी डायट बहुत मायने रखती है। जाहिर सी बात है कि अपने खाने में आपको न्यूट्रीशस फूड एड करना होगा। अगर आप सायलेंट हार्ट अटैक के जुल्म सह चुके हैं, तो आपको अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां शामिल करनी होगी। इसमें अनाज और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर चीजें लें। नमक, सैचुरेटेड फैट, मीठा और रेड मीट खाने से बचें।
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मेडिटेशन
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जिंदगी स्ट्रेस फ्री जीने के लिए मेडिटेशन बहुत जरूरी है। वैसे ही सायलेंट हार्ट अटैक से बचने के लिए आपको योग और मेडिटेशन की मदद लेनी चाहिए। इससे स्ट्रेस लेवल कम होता है। जैसा कि आप जानते हैं गुस्से और स्ट्रेस के कारण हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है, इसलिए मेडिटेशन की मदद से खुद की मेन्टल हेल्थ को बेहतर बनाएं।
ब्लड प्रेशर पर नजर रखें
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अब ये तो कोई बच्चा भी बता देगा कि ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ जाए, तो हार्ट अटैक और हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है! इसलिए हमारी बात मानिए और अपने ब्लड प्रेशर के लेवल को कंट्रोल में रखने की कोशिश कीजिए।
ब्लड शुगर मेंटेन रखें
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डॉक्टरों की मानें, तो खून में शुगर का लेवल बढ़ जाने पर धमनियों को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसा प्री डायबिटीज और डायबिटीज की स्थिति में होता है। इसलिए अपने ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखें, ताकि आप हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोगों से बच सकें।
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वजन मेंटेन रखें
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जिन लोगों का वजह ज्यादा होता है, उन्हें हृदय रोगों का खतरा अधिक होता है। इसलिए अपने वजन को कंट्रोल में रखने की कोशिश करें। एक्सरसाइज और डायट की मदद से वजन कम करें।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि सायलेंट हार्ट अटैक की तकलीफ में लाइफस्टाइल का क्या रोल है! तो जल्द से जल्द इस पर काम करना शुरू कर दीजिये। क्योंकि हृदय रोग रिवर्स करने के लिए आयुर्वेद से बेहतर उपाय आपको कहीं नहीं मिल सकता। इसलिए अब जब जानकारी मिल गई है, तो देर न करते हुए इन बातों को फॉलो करने की शुरुआत कर दीजिए।
अच्छा.. जब बात हो रही है जिंदगी बेहतर बनाने की, तो भई सायलेंट हार्ट अटैक के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में तो बात अब शुरू होगी। क्या आप नहीं जानना चाहते उस आयुर्वेदिक इलाज के बारे में, जो आपको सायलेंट हार्ट अटैक से बचा सकता है? और तो और आपकी हार्ट प्रॉब्लम को रिवर्स भी कर सकता है!
और आपके प्रश्न का सही जवाब है – आयुर्वेद!
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आयुर्वेद, जो आपको सायलेंट हार्ट अटैक के चंगुल से बचाने का पूरा दमखम रखता है। तो क्यों न इसके बारे में कुछ जरूरी बातें जान ही ली जाएं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की माने, तो आयुर्वेद में पाई जानेवाली इन दवाओं के जरिये आप सायलेंट हार्ट अटैक को अखाड़े में पटकनी दे सकते हैं। ये आयुर्वेदिक इलाज ऐसे हैं, जो आपको बीमारी के मजबूत पंजों से छुड़ाकर हेल्दी जिंदगी का तोहफा दे सकते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे आयुर्वेदिक इलाज के बारे में बताएंगे, जिनसे हृदय रोग को रिवर्स करने में मदद मिलेगी।
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इलायची (Cardamom)
हाय ब्लड प्रेशर को कम करने और ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने के लिए इलायची बहुत असरदार होती है। ये दोनों ही तकलीफें हार्ट अटैक का कारण बनती हैं, जाहिर है इसे कंट्रोल कर आप सायलेंट हार्ट अटैक का बचाव ढूंढ सकते हैं।
लहसुन (Garlic)
आयुर्वेद में लहसुन को चमत्कारिक जड़ी बूटी माना गया है। दिल में ब्लॉकेज को रोकने के लिए लहसुन का इस्तेमाल आम तौर पर किया जाता है। यह अमा यानी जहरीले पदार्थों को साफ कर नसों की सफाई करता है। लहसुन धमनियों को साफ कर ब्लड फ्लो में भी सुधार करता है। इसलिए हार्ट अटैक की तकलीफ में ये आपके बहुत काम आ सकता है।
दालचीनी एक मसाला ही नहीं है, बल्कि इसमें कई ऐसे गुण हैं जो बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं। दालचीनी ब्लड शुगर लेवल को कम करती है और इंसुलिन के लेवल में सुधार लाती है। हाय ब्लड शुगर और इंसुलिन दोनों ही सायलेंट हार्ट अटैक का कारण होते हैं, इसलिए दालचीनी से इन दोनों को कंट्रोल कर के हार्ट को हेल्दी रखा जा सकता है।
अर्जुन की छाल (Arjuna bark)
हार्ट के ब्लॉकेज और दिल से जुड़ी अन्य तकलीफों को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं में अर्जुन की छाल का इस्तेमाल किया जाता है। अर्जुन की छाल में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
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अश्वगंधा (Ashwagandha)
यह जड़ी बूटी रक्त वाहिकाओं में ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल को कम करती है। पशुओं और इंसानों पर किए गए अध्ययनों के अनुसार कोलेस्ट्रॉल के स्तर को अश्वगंधा 17 फीसदी और ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल को 11 फीसदी कम करती है। कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स कंट्रोल में रहने से हार्ट में ब्लॉकेज होने का खतरा कम हो जाता है और आप हार्ट अटैक से बचे रहते हैं।
मुलेठी (Liquorice)
मुलेठी में हृदय रोगों में से एक एथेस्केलेरोसिस को रोकने के गुण होते हैं। मुलेठी शरीर की नसों में सीरम कोलेस्ट्रॉल और जमा होने वाले प्लाक को कम करती है। इसके अलावा मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जिससे कार्डियोवैस्क्युलर बीमारियों से बचाव होता है।
तो अब आप समझे कि कैसे आयुर्वेद की मदद से सायलेंट हार्ट अटैक को मात दे सकते हैं! हालांकि, खुद से किसी भी दवा का इस्तेमाल करना थोड़ा खतरनाक हो सकता है, लेकिन एक्सपर्ट की राय के साथ आप सेफली आयुर्वेदिक इलाज अपना सकते हैं। इसके लिए आप ऑनलाइन कंसल्टेशन (e-consultation) की मदद से न केवल आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट ले सकते हैं, बल्कि अपनी हार्ट प्रॉब्लम को रिवर्स भी कर सकते हैं।
ये थी बात सायलेंट हार्ट अटैक से बचाव और उससे छुटकारा पाने के तरीके की। जो आज हमने आपको बता दी है। तो क्यों नहीं आप अपनाते आयुर्वेद का रास्ता, जो आपकी जिन्दगी में सेहत के फूल खिला देगा!
किसी भी बीमारी से लड़ना आसान होता है अगर आपकी विल पवार स्ट्रॉन्ग हो। नीचे दिए इस वीडियो लिंक में मिलिए मिसेज पुष्पा तिवारी रहेजा से। मिसेज रहेजा ने कभी न ठीक होने वाली बीमारियों की लिस्ट में शामिल डायबिटीज को मात दी है।