किनके लिए है ज्यादा खतरा
महिलाओं और 50 वर्ष पार करने वाले व्यक्तियों में यह सिंड्रोम ज्यादा प्रभाव डालता है। जिन लोगों में न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर (neurological disorders) जैसे कभी सर पर चोट आना, सीजर डिसआर्डर (Seizure disorder) होते हैं। यदि पहले कभी कोई मानसिक रोग जैसे एनजाइटी (Anxiety) या डिप्रेशन (Depression) से गुजरा है या गुजर रहा है। ऐसे लोगों में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome) का खतरा बढ़ जाता है।
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क्या है उपचार ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome) का ?
पहले यदि आपके साथ ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome) की स्थिति पैदा हुई है, तो आगे भी हो सकती है। इससे बचने के लिए कोई मान्य थेरेपी नहीं है। कई डॉक्टर लंबे समय के लिए बेटा ब्लॉकर (Beta blockers) या दवाएं देते हैं, जिनसे कि दिल को नुकसान पहुंचाने से स्ट्रेस हार्मोन (Stress hormone) को रोका जा सकता है। जिंदगी में तनाव ही तनाव लेंगे तो, जिंदगी तनाव से ही भरी रहेगी। चाहे सबकुछ बुरा ही क्यों न दिख रहा हो उस बुरे को छोड़कर कुछ अच्छा देखने की कोशिश करनी चाहिए। अच्छा लाइफ स्टाइल और मेडिटेशन से भी स्थिति को काबू में किया जा सकता है।
अगर आपको दिल से जुड़ी कोई परेशानी है, तो आप डॉक्टर से निम्नलिखित सवाल पूछ सकते हैं। इन सवालों में शामिल है-
तनाव (Stress) किस तरह दिल (Heart) को नुकसान पहुंचा सकता है?
- स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी क्या है?
- क्या स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी खतरनाक है?
- स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी के लक्षण क्या हो सकते हैं?
- अचानक से होने वाले तनाव की वजह से हृदय की मांसपेशियों को कितना नुकसान पहुंच सकता है?
- क्या स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी और हार्ट अटैक में अंतर है?
- स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी का खतरा सबसे ज्यादा किसे हो सकता है?
अगर आप ब्रोकन हार्ट से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। उपरोक्त दी गई जानकारी एक्सपर्ट की सलाह नहीं है। अगर आपको भी उपरोक्त दिए गए लक्षण नजर आते हैं तो एक बार विशेषज्ञ से जरूर मिले।