कम से कम मीट का सेवन करने का अर्थ यह है कि हम कम सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रोल का सेवन कर रहे हैं।
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क्लीन इटिंग पर करें फोकस
हृदय रोग डायट प्लान के तहत क्लीन इटिंग को अपनाकर हम कैन्ड या फ्रोजन फूड का कम से कम सेवन करते हैं। ऐसे में हम अपने आप ही प्रोसेस्ड फूड में पाए जाने वाले सॉल्ट, एडेड शुगर, सैचुरेटेड फैट का सेवन नहीं कर पाते हैं। इससे हमारे दिल का स्वास्थ्य बेहतर होता है। हेल्दी हार्ट के लिए जरूरी है कि रेड मीट का सेवन कम से कम करें।
हृदय डायट प्लान के तहत वैसे खाद्य पदार्थ जो हमें नहीं खाना चाहिए
हृदय की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए जरूरी है कि उन्हें वैसे खाद्य पदार्थों का सेवन कतई नहीं करना चाहिए जिसमें अत्यधिक चीनी, नमक व अन हेल्दी फैट हो। खासतौर पर तब जब आपको हार्ट अटैक आ चुका हो।
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हृदय रोग डायट प्लान के तहत इनका सेवन नहीं करना चाहिए
- फास्ट फूड
- फ्राइड फूड
- बॉक्सड फूड
- केन्ड फूड (वेजीस व बींस को छोड़कर, वहीं वैसे खाद्य पदार्थ जिनमें सॉल्ट नहीं डाला हो)
- कैंडी
- चिप्स
- प्रोसेस्ड फ्रोजन मिल्क
- कूकीज और केक
- बिस्किट्स
- आईस्क्रीम
- मेयोनीज और कैचअप
- रेड मीट (यदि खाएं तो कम मात्रा में)
- शराब
- हाइड्रोजेनरेटेड वेजिटेबल ऑयल (इनमें ट्रांस फैट होता है)
- मुलायम मांस
- पिज्जा, बर्गर, हॉट डाग
हृदय रोग डायट प्लान के लिए व स्वस्थ्य हार्ट के लिए जरूरी है कि आप सैचुरेटेड फैट का जितना संभव हो कम सेवन करें, वहीं ट्रांस फैट का सेवन न करें। ट्रांस फैट हाइड्रोजेनेटेड ऑयल में पाया जाता है। रोजाना इसकी कुल कैलोरी का सिर्फ छह फीसदी ही सैचुरेटेड फैट का सेवन आप कर सकते हैं। यदि आपको हाई कोलेस्ट्रोल की समस्या है तो इसपर और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। अपने ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के लिए रोजाना सोडियम इनटेक को 1500 एमजी या इससे भी कम करें। चाय या कॉफी जिसमें कैफीन होता है उसके सेवन को लेकर डॉक्टरी सलाह लें। यदि सेवन करते भी हैं तो इसमें क्रीम, मिल्क या चीनी मिलाए बिना ही सेवन करें।
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क्या सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं?
खाने की तुलना में हमारा शरीर सप्लीमेंट का सेवन करने के बाद अलग अलग तरीके से रिएक्ट कर सकता है। वैसे सप्लीमेंट्स का सेवन तभी किया जाता है जब हमें खाद्य पदार्थों से पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिएंट्स न मिलें। यदि आप वेजीटेरियन हैं तो आपको विटामिन बी 12 व आयरन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलेगा। ऐसे में डॉक्टर आपके खून की जांच कर न्यूट्रिएंट्स के लेवल का पता लगा सकते हैं। उनके सुझाए अनुसार ही आप न्यूट्रिएंट्स का सेवन कर सकते हैं अन्यथा नहीं। यदि आप मछली का सेवन नहीं करते हैं तो आपके डॉक्टर आपको फिश ऑयल सप्लीमेंट का सेवन करने का सुझाव दे सकते हैं।
बिटा कैरोटीन (Beta-carotene) की तरह कुछ सप्लीमेंट आपके दिल के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि डॉक्टरी सलाह लेने के बाद ही सप्लीमेंट का सेवन करें। बिटा कैरोटीन एक प्रकार से विटामिन ए, इसका सेवन करने से संभावनाएं रहती है कि आपको दूसरा हार्ट अटैक भी हो सकता है। इसलिए डॉक्टरी सलाह लें।
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हृदय रोग डायट प्लान के अलावा इन लाइफस्टाइल को अपनाएं
हृदय रोग डायट प्लान में न्यूट्रीशन हमारे शरीर के विकास के लिए जरूरी है और दिल के लिए भी। लेकिन पूरे शरीर की बात करें तो अच्छा खाने के साथ अच्छी लाइफस्टाइल का होना भी जरूरी है। ताकि अपने दिल के स्वास्थ्य को बेहतर कर सकें।
- नियमित तौर पर करें एक्सरसाइज : अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार 75 से 150 मिनट हर सप्ताह में एक्सरसाइज करना चाहिए। अच्छी एक्सरसाइज के लिए आप डॉक्टर से बात कर सकते हैं। दिल के मरीजों के लिए जिम की आवश्यकता नहीं है, वॉकिंग कर व स्वीमिंग कर स्वस्थ रह सकते हैं।
- वजन कम करें : यदि आपका वजन नियंत्रण में नहीं है, यानि आप अपनी उम्र व हाइट के हिसाब से आपका वजन अधिक है तो उसे नियंत्रण में रखें। इसके लिए आप न्यूट्रीशननिस्ट की सलाह ले सकते हैं।
- तनाव को नियंत्रित करना सीखें : तनाव के कारण हमारे दिल का स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि ध्यान व योग सहारा लें। एक्सपर्ट की मदद लेकर योग करें व तनावमुक्त रहें।
- स्मोकिंग छोड़ें : दिल के स्वास्थ्य के लिए स्मोकिंग जितना जल्दी संभव हो छोड़ देनी चाहिए। स्मोकिंग कैसे छोड़ना है इसके लिए आप डॉक्टरी सलाह ले सकते हैं।
- शराब से दूर रहें : शराब हमारे खून को पतला करती है। आपको हार्ट अटैक आ चुका है तो बेहद ही कम मात्रा में इसका सेवन करें। कोशिश करें कि शराब का सेवन न ही करें।
लाइफस्टाइल और हृदय रोग डायट प्लान का है अहम रोल
हृदय रोग डायट प्लान के साथ अच्छी लाइफस्टाइल को अपनाकर हार्ट अटैक को लंबे समय तक टाला जा सकता है। इसके लिए अपने डॉक्टर के साथ न्यूट्रीशनिस्ट की सलाह ले सकते हैं। वहीं हृदय रोग डायट प्लान को अपनाकर उसे नियमित तौर पर फॉलो कर स्वस्थ्य रहा जा सकता है और अपने दिल को भी स्वस्थ्य रखा जा सकता है।