और पढ़ें: आयुर्वेदिक डायट प्लान अपनाना है, तो जान लें अपना बॉडी टाइप
आयुर्वेदिक डायट प्लान के फायदे
आयुर्वेदिक डायट प्लान के निम्न फायदे हो सकते हैं।
सूंपर्ण खाद्य पदार्थ पर फोकस
कई आयुर्वेदिक चिकित्सक अपने छात्रों को स्थानीय चीजें खाने की ही सलाह देते हैं। कुछ लोगों को यह सलाह अजीब लग सकती है, लेकिन इसका मकसद छात्रों को स्वस्थ रखना है। स्थानीय खाद्य पदार्थ अनप्रोसेस्ड और शुद्ध होते हैं, इसे अधिक खाने से मतलब है कि व्यक्ति प्रोसेस्ड फूड से दूर रहेगा।
और पढ़ें: Quiz: फूड एडिक्शन या खाने की लत के शिकार कहीं आप तो नहीं? इस बीमारी को समझने के लिए खेले क्विज
माइंडफुल ईटिंग
आयुर्वेद में भोजन को मन और शरीर दोनों से जोड़ा जाता है। भोजन करते समय उसके स्वाद पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही अपने शरीर के संकेतों को समझना ही माइंडफुलनेस है। यानी जब भूख हो तभी खाएं और पेट भर जाने पर रुक जाएं।
वजन कम हो सकता है
चूंकि आर्युवेदिक डायट में संपूर्ण आहार पर फोकस किया जाता है, जिससे वजन कम होने की संभावना रहती है। हालांकि इस संबंध में अभी बहुत रिसर्च नहीं की गई है। 200 लोगों पर किए एक अध्ययन के मुताबिक, कफ और पित्त दोष वाले व्यक्तियों ने 3 महीने तक आयुर्वेदिक डायट फॉलो की और उनका वजन काफी कम हो गया। जाहिर सी बात है जब आप जंक/फास्ट फूड और तली चीजों से दूर रहते हैं और भूख के हिसाब से ही खाते हैं, तो शरीर में अतिरिक्त फैट नहीं बनता है।
आयुर्वेदिक डायट प्लान की चुनौतियां
आयुर्वेदिक डायट प्लान वैसे तो शरीर के लिए बहुत अच्छा है, लेकिन प्रैक्टिकली इसे फॉलो करना थोड़ा मुश्किल काम है:
और पढ़ें: वेट लॉस के लिए साउथ इंडियन फूड करेंगे मदद
भ्रमित करने वाला
आयुर्वेदिक डायट प्लान आपको थोड़ा कंफ्यूज कर सकता है और इसे फॉलो करना थोड़ा मुश्किल लग सकता है। प्रत्येक दोष के लिए न सिर्फ खाद्य पदार्थों की अलग सूची है, बल्कि अतिरिक्त नियम भी है। जैसे कि खाना और न खाने वाले खाद्य पदार्थों की सूची पूरे साल मौसम के हिसाब से बदलती रहती है। साथ ही इसमें कब, कितना और कितनी बार खाना है इसका भी नियम है। जो पहली बार डायटिंग करने वालों को बहुत चुनौतीपूर्ण लग सकता है।