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मिट्टी के बर्तन में खाना (Earthen pot) बनाना से पाचन शक्ति बढ़ती है
मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से पाचन शक्ति दुरुस्त होती है। भोजन में मौजूद आयरन, कैल्शियम, मैग्निशियम और सल्फर नष्ट नहीं होते हैं और ये पाचन तंत्र के लिए जरूरी मिनरल होते हैं। इसके साथ ही खाने में मौजूद एसिड को भी मिट्टी के बर्तन न्यूट्रीलाइज्ड कर देते हैं।
दिल के दोस्त हैं मिट्टी के बर्तन
आजकल दिल की बीमारी होने का सबसे बड़ा कारण बढ़ा हुआ वजन है। ज्यादा मात्रा में तेल का सेवन करने से वजन बढ़ता है। मिट्टी के बर्तन में खाना (Earthen pot) बनाते समय कम मात्रा में तेल का इस्तेमाल होता है। जिससे वजन बढ़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। इस तरह से कहा जा सकता है कि मिट्टी का बर्तन हमारे दिल का दोस्त होता है।
मिट्टी के बर्तन में तेल का कम इस्तेमाल होने के पीछे का कारण यह है कि मिट्टी के बर्तन में बहुत छोटे-छोटे छेद होते हैं। जिससे बर्तन में नमी सर्कुलेट होती रहती है। इसके साथ ही धीमे-धीमे खाना पकने के कारण भोजन में मौजूद नेचुरल तेल और नमी के कारण खाना कम तेल में भी पक जाता है।
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प्रकृति से एल्कलाइन होते हैं मिट्टी के बर्तन
मिट्टी के बर्तन की प्रकृति एल्कलाइन होती है। मिट्टी के बर्तन में खाना (Earthen pot) बनाने से पीएच बैलेंस बना रहता है। फूड में पीएच बैलेंस खाने में नेचुरल डिटॉक्स की तरह काम करता है। आपको शायद ये जानकर हैरानी हो, लेकिन ये सच है कि मिट्टी में विटामिन बी12 प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। मिट्टी के बर्तन में खाना (Earthen pot) बनाने से हमें विटामिन बी12 मिलता है।
मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से भोजन में महक बनी रहती है
जब हम किसी मेटल के बर्तन में खाना बनाते हैं, तो हमारे खाने की महक वैसी हो जाती है, जैसा मेटल होता है, लेकिन मिट्टी के बर्तन में बना खाना सौंधी सी महक के साथ खाने के महक को नहीं बदलता है।
मिट्टी के बर्तन में खाने का स्वाद बेहतरीन हो जाता है
मिट्टी के बर्तन में भोजन का पीएच बैलेंस मेंटेन रहने के कारण उसका स्वाद बेहतरीन लगता है। इसके पीछे की वजह ये है के धीमी आंच पर खाना पकता है और बर्तन के भीतर की नमी के कारण मिट्टी के स्वाद हल्का-हल्का खाने में घुलता रहता है।
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पॉकेट फ्रेंडली है अर्थन पॉट्स
मिट्टी के बर्तन हमारे देश की पुरानी परंपरा है। हमारे देश में ये बर्तन बहुत आसानी से मिल जाते हैं। आज कल बाजारों में कढ़ाई, तवा और हांडी आदि मिलती है। आपके बजट में मिट्टी का बर्तन आराम से फिट भी हो जाते हैं। इसलिए ये पॉकेट फ्रेंडली कहे जाते हैं।
मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल कैसे करें?
मिट्टी के बर्तन में खाना (Earthen pot) बनाना और उसकी देखरेख करना काफी पेचीदा होता है। इसके लिए आपको उसे खरीदने से लेकर खाना बनाने के बाद धुलने तक कई बातों का ध्यान देना होगा। मिट्टी का बर्तन खरीदते समय उसे दुकान पर ही चेक कर लें कि कहीं कोई छेद तो नहीं है।
मिट्टी के बर्तन खरीदने के बाद सबसे पहले क्या करें?