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ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स एक पौधा है, जो शुगर चेन से जुड़ा हुआ है। इसमें मौजूद शुगर को बॉडी सिंपल शुगर में तोड़ देती है। ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स वाले पौधों में आमतौर पर एलोए (aloe) और लार्च आराबिनोगालेक्टन (larch arabinogalactan) का इस्तेमाल होता है। इन शुगर का इस्तेमाल दवाइयां बनाने में होता है। इसका इस्तेमाल शराब की लत छुड़ाने, एलर्जी दूर करने, अल्जाइमर रोग, एमायट्रॉफिक लैटरल स्लॉरोसिस (amyotrophic lateral sclerosis – (ALS), अस्थमा, एथेरोस्क्लेरोसिस, एथलेटिक प्रदर्शन बढ़ाने के लिए, ADHD, ऑटिज्म, कैंसर के उपाचर, सामान्य सर्दी, क्रोहन रोग, सिस्टिक फाइब्रोसिस, अवसाद, डाउन सिंड्रोम, डिस्लेक्सिया, फाइब्रोमायल्गिया, शिशुओं में विकास की समस्याएं, एचआईवी/एड्स, प्रजनन समस्याएं और फ्लू जैसी समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है।
हाालंकि, इसके अत्यधिक सेवन के कारण मांसपेशियों को नुकसान हो सकती है। जिसके कारण मांसपेशियों का कमजोरी होना, हमेशा थकावट महसूस करना, पार्किंसंस रोग, गठिया और स्ट्रोक के जोखिम बढ़ सकते हैं। लेकिन, इसके साथ ही इसका इस्तेमाल मुंह के घावों, बुखार, छालें और दांत से जुड़ी समस्याओं के लिए सफल उपचार में कारगार हो सकती है।
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ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स का इस्तेमाल निम्नलिखित समस्याओं में होता है:
इसके कार्य करने के संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नही है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें। हालांकि कुछ ऐसे शोध हैं, जो बताते हैं कि ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स में ऐसे रसायन होते हैं, जो इम्यून सिस्टम पर स्टिमुलेशन का प्रभाव डालेत हैं, या कोलेन में मौजूद कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया की ग्रोथ को बढ़ाते हैं।
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निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नहीं हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
सात हफ्तों तक प्रतिदिन ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स को 9 ग्राम की मात्रा में लेना संभवतः सुरक्षित है।
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स का सेवन सुरक्षित है या नहीं, इस संबंध में विश्वसनीय सुबूत मौजूद नही हैं। सुरक्षा की दृष्टि से इसका सेवन करने से बचें।
ऑटो इम्यून डिजीज: दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड में कोशिकाओं का डैमेज होना, चेहरे पर तितलीनुमा लालिमा पड़ना, रयूमेटाइड अर्थराइटिस या अन्य समस्याएं में ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स इम्यून सिस्टम को और सक्रिय कर सकता है। इससे ऑटो इम्यून बीमारी के लक्षणों का बढ़ने का खतरा रहता है। यदि आपको ऑटो इम्यूनि डिजीज है, तो बेहतर होगा कि जब तक इसके बारे में अधिक जानकारी न मिल जाए, इसका सेवन न करें।
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ग्लायोकोन्यूट्रिएंट्स से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
हालांकि, हर व्यक्ति को यह साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। उपरोक्त दुष्प्रभाव के अलावा भी ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
यह औषधि आपकी मौजूदा दवाइयों और मेडिकल कंडिशन के साथ रिएक्शन कर सकती है। इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह अवश्य लें।
ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स को हमेशा कमरे के तापमान पर ही स्टोर करना चाहिए। इसे कभी भी सूर्य की रोशनी या नमी वाली जगह में स्टोर नहीं करना चाहिए। न ही, इसे बाथरूम या फ्रीज में स्टोर न करें। ध्यान रखें कि, इस औषधि का इस्तेमाल तभी तक करना चाहिए, जब तक यह डॉक्टर द्वारा निर्देश किया गया हो। औषधि का इस्तेमाल न होने पर इसका इस्तेमाल न करें। अगर यह एक्सपायर हो गया हो, तो इसका सेवन करना तुंरत बंद कर दें। इस्तेमाल न होने पर इस औधषि को कभी भी सीधे कूड़ेदान में न फेंके और न ही इसे किसी खुली नाली या टॉयलेट में फ्लश करें। इससे पर्यावरण को नुकसान हो सकता है। इसके सुरक्षित और उचित निपटारे के लिए इसके पैक पर दिए गए दिशा निर्देशों को पढ़ें और अपने डॉक्टर से इस बारे में उचित सलाह लें।
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उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
हर मरीज के मामले में ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स की डोज अलग हो सकती है। जो डोज आप ले रहे हैं वो आपकी उम्र, हेल्थ और दूसरे अन्य कारकों पर निर्भर करता है। औषधियां हमेशा ही सुरक्षित नही होती हैं। ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स के उपयुक्त डोज के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
ग्लायकोन्यूट्रिएंट्स निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हो सकता है:
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By the way, doctor: Should I supplement my diet with Ambrotose?. https://www.health.harvard.edu/newsletter_article/By_the_way_doctor_Should_I_supplement_my_diet_with_Ambrotose. Accessed on 8 January, 2020.