कैल्केरिया फ्लोरिका (Calcarea fluorica)
गाउट के कारण फिंगर ज्वाइंट्स बढ़ जाते हैं। इसमें घुटने और पैर की उंगलिया भी शामिल हो सकती है। ऐसे में जब भी व्यक्ति काम करता है, तो जोड़ों से आवाज आती है और साथ ही दर्द का एहसास भी होता है। मौसम बदलने पर समस्या भी बढ़ जाती है। ऐसे में कैल्केरिया फ्लोरिका (Calcarea fluorica) का इस्तेमाल करने से राहत मिल सकती है। बेहतर होगा कि आप एक्सपर्ट से इस बारे में जानकारी लें।
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गाउट की होम्योपैथिक मेडिसिन: रोडोडेंड्रोन (Rhododendron)
गाउट के कारण पैरों और हाथों में पैदा हुई सूजन को कम करने के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है। सूजन की समस्या कम से अधिक भी हो सकती है, जो कई परेशानियों का कारण बन सकती है। अक्सर लोगों को सुबह के समय ज्वाइंट्स में दर्द और सूजन अधिक महसूस होती है। ऐसे में रोडोडेंड्रोन (Rhododendron) अपना असर दिखाती है। आप डॉक्टर से इस दवा के बारे में पूछ सकते हैं।
लाइकोपोडियम (Lycopodium)
जिन लोगों को गठिया या गाउट की समस्या लंबे समय से होती है, उनके लिए लाइकोपोडिम मेडिसिन का इस्तेमाल बेहतर रहता है। चलने में एड़ी में दर्द के साथ ही चुभन का एहसास भी होता है। इस कारण से कमर में भी दर्द शुरू हो जाता है। डॉक्टर आपसे बीमारी के लक्षणों को पूछकर इस दवा को लेने की सलाह दे सकते हैं।
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अर्टिका यूरेन्स (Urtica urens)
गठिया की समस्या यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होती है। इसकी ब्लड में मात्रा को कम या फिर खत्म करना जरूरी होता है। यूरिक एसिड के लेवल को कम करने के लिए अर्टिका यूरेन्स का इस्तेमाल किया जाता है। जिन लोगों को गठिया के कारण कंधे के साथ ही कलाई और घुटनों में ठंड आने पर अधिक समस्या होती है, उनके लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है।
गाउट की होम्योपैथिक मेडिसिन लेने के साथ ही इन बातों का रखें ध्यान
आपको दवाओं का इस्तेमाल करने के साथ ही अपनी डायट और लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत है। आपको खाने में कैफीन के साथ ही गोभी, सूखी बींस, पालक, यीस्ट प्रोडक्ट आदि के सेवन को सीमित करना होगा। साथ ही खाने में प्यूरीन को भी कम मात्रा में लें। आपको समुद्री फूड्स जैसे कि केकड़ा, झींगा और श्रिम्प के साथ ही टूना, ट्राउट और हेरिंग जैसे मछलियों के सेवन से भी दूरी बनानी चाहिए, क्योंकि इनका सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ता है। शरीर में किन चीजों के सेवन से यूरिक एसिड बढ़ता है, आपको इसकी जानकारी जरूर होनी चाहिए।
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आपको खाने में ब्लूबेरीज, चेरीज और स्ट्राबेरीज को शामिल करना चाहिए क्योंकि ये आपके शरीर में यूरिक एसिड को कम करने का काम करते हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं। आपको खाने में चावल, बाजरा, स्टार्च वाली सब्जियां, हरी सब्जियां, मक्का, कॉर्नब्रेड, फल, अंडे, नट्स और हर्बल चाय आदि को शामिल करना चाहिए। साथ ही नियमित रूप से व्यायम करें और पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन करे। पानी का सही मात्रा में सेवन करने से शरीर के कई विषैले तत्व शरीर के बाहर निकल जाते हैं। आपको एल्कोहॉल के साथ ही स्मोकिंग से दूरी बना लेनी चाहिए। आप डॉक्टर की सलाह से कुछ सप्लिमेंट्स भी ले सकते हैं।
गाउट एक गंभीर रोग है। गाउट के लक्षण दिखते ही आपको डॉक्टर से जांच जरूर करानी चाहिए।ऐसा करने से आपको गाउट का ट्रीटमेंट लेने में मदद मिलेगी। अगर आप घरेलू उपचार कर रहे हैं और आपको फायदा नहीं पहुंच रहा है, तो डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं। कई बार स्थितियां गंभीर होने लगती हैं। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको गाउट की होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic medicine for gout) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।