स्वेदन- स्वेदन आयर्वेद के पंचकर्म थेरिपी (Therapy) में शामिल है। इस पद्धति से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जाता है। इससे मरीजों को महसूस होने वाली परेशानियां जैसे दर्द, अकड़न या भारीपन महसूस होने वाली परेशानी दूर होती है।
स्नेहन- आयुर्वेद में स्नेहन का अर्थ है मालिश। हर्बल ऑयल (Herbal Oil) की मदद से शरीर की मालिश की जाती है, जिससे मरीज को लाभ मिलता है।
बस्ती- स्लिप डिस्क का आयुर्वेदिक उपाय बस्ती विधि से भी किया जाता है। इस दौरान आयुर्वेद एक्सपर्ट शरीर के प्रभावित हिस्सों पर औषधीय तेल डालकर करते हैं। इसके अलावा हर्बल काढ़े की मदद से भी शरीर में मौजूद टॉक्सिन (Toxine) को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
नास्य- जिन लोगों को स्लिप डिस्क की आज से गर्दन (Nack) और कन्धों (Shoulder) में अत्यधिक परेशानी महसूस होती है, उनके लिए नास्य बेहद प्रभावी माना जाता है। दरअसल नास्य पद्धति के दौरान पेशेंट के नाक में औषधीय तेल या अर्क डाला जाता है। यह पढ़ती तब बेहद कारगर मानी जाती है। नास्य विधि सिर्फ गर्दन और कन्धों की समस्या से निजात दिलाने के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है।
शिरोधारा- डिस्क का आयुर्वेदिक उपाय शिरोधारा विधि से भी किया जाता है। इस दौरान हर्बल तेल (Herbal Oil) का प्रयोग किया जाता है, जो मरीज के सिर पर डाला जाता है। इससे पेशेंट को रिलैक्स महसूस होता है और मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।
पिझिचिल- आयुर्वेदिक एक्सपर्ट गुनगुने औषधीय तेल से मरीज के शरीर की मालिश करते हैं। डिस्क का आयुर्वेदिक उपाय पिझिचिल से करने पर लगातार 10 दिनों तक एक्सपर्ट के कंसल्टेशन में रहने की जरूरत पड़ती है, क्योंकि इस विधि के दौरान लगातार 10 दिनों तक शरीर की मसाज कुछ देर तक की जाती है।
इन अलग-अलग आयुर्वेदिक पद्धति से स्लिप डिस्क का इलाज किया जाता है, लेकिन स्लिप डिस्क का आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic treatment for Slip disc) सिर्फ यहीं तक सिमित नहीं है। अब क्या है स्लिप डिस्क का दूसरा आयुर्वेदिक उपाय जानते हैं आगे।
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स्लिप डिस्क का आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic treatment for Slip disc) के लिए ये जड़ी-बूटियां हैं लाभकारी-
गुडूची- गुडूची एक हर्ब्स है, जिसका सेवन स्लिप डिस्क के मरीजों के लिए लाभकारी माना जाता है। अगर आप गुडूची नाम से परिचित ना हों, तो परेशान ना हों, क्योंकि इसे गिलोय भी कहा जाता है। गिलोय में मौजूद कॉपर (Copper), आयरन (Iron), फॉस्फोरस (Phosphorus), जिंक (Zinc), कैल्शियम (Calcium) और मैगनीज (Magnes) जैसे तत्व बॉडी की इम्यून पावर को स्ट्रॉन्ग करने में मददगार होते हैं। इसलिए स्लिप डिस्क के पेशेंट्स के गुडूची का सेवन लाभकारी माना जाता है।
अश्वगंधा– अश्वगंधा एक जड़ी-बूटी है, जिसका प्रयोग कई रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। इन्हीं रोगों में स्लिप डिस्क भी शामिल है। इसमें मौजूद एन्टीस्ट्रेस (Antistress), एंटी ट्यूमर (Antitumor), एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) एवं एंटीअर्थरिटिक (Antiarthritic) गुण रामबाण उपाय माना जाता है।
शुंथि- शुंथि चमत्कारी जड़ी-बूटियों की लिस्ट में शामिल है। इसलिए स्लिप डिस्क का आयुर्वेदिक उपाय शुंथि से भी किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) की मौजूदगी स्लिप डिस्क की मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
नोट: आयुर्वेद रिसर्च रिपोर्ट्स के मुताबिक ये 3 जड़ी-बूटियां स्लिप डिस्क की परेशानी से निजात दिलाने में खास भूमिका निभाती हैं, लेकिन इनका सेवन अपनी मर्जी से ना कर आयुर्वेदिक डॉक्टर के सलाह अनुसार किया जाना चाहिए। क्योंकि कुछ खास स्थितियों में स्लिप डिस्क का आयुर्वेदिक उपाय इन जड़ी-बूटियों के अलावा आयुर्वेदिक दवाओं से भी किया जा सकता है।
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स्लिप डिस्क की तकलीफ को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं कौन सी हैं?
स्लिप डिस्क का आयुर्वेदिक उपाय आयुर्वेदिक दवाओं से भी किया जाता है। इन दवाओं में शामिल है:
1. दशमूल क्वाथ
2. त्रयोदशांग गुग्गुल
3. वृहत वात चिंतामणि रस