टेटिनस वैक्सीन कब दी जाती है?
बच्चों को आमतौर पर DTaP या DT वैक्सीन की 5 डोज दी जाती है, जो 2 महीने, 4 महीने, 6 महीने, 15 से 18 महीने के बीच और 4 से 6 साल के बीच दिया जाता है। इसके बाद Tdap का एक डोज 11 से 12 साल के बीच और Td बूस्टर हर 10 साल में दिया जाता है।
यदि आपको बचपन में टिटनेस का टीका नहीं लगा है, तो आपको 3 डोज की सीरीज के रूप में वैक्सीन दी जाएगी जिसमें पहली डोज Tdap की और दो डोज Td की शआमिल है। ये वैक्सीन आपको 7 से 12 महीनों के अंदर गी जाएगी। इसके बाद आपको हर 10 साल में Td बूस्टर वैक्सीन लगवाने की जरूरत है।
प्रेग्नेंसी के तीसरे चरण में महिलाओं को Tdap की अतिरिक्त डोज लेने की सलाह दी जाती है ताकि वह और उनका बच्चा संक्रमण से बचा रहे।
टेटिनस वैक्सीन किसे लगवान चाहिए?
आपको टिटनेस वैक्सीन लगवाने की जरूरत है यदि-
- बचपन में आपको टिटनेस की वैक्सीन नहीं लगी है
- पिछले 10 सालों में टिटनेस बूस्टर नहीं लिया है
- टिटनेस से रिकवर हुए हैं
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चोट लगने पर टिटनेस का इंजेक्शन बहुत जरूरी होता है। लेकिन इस बार लोग चोट लगने पर इसे इग्नोर कर देते हैं, कि छोटी सी चोट है। पर ऐसा नहीं करना चाहिए, लोहे या किसी धातु से चोट लगने के बाद टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना बहुत जरूरी है। नहीं तो, आपकी जान को भी खतरा हो सकता है। टिटनेस के जीवाणु मिट्टी, खाद या धूल में पाए जाते हैं। शरीर में किसी हिस्से में चोट या घाव होने पर यह जीवाणु वहीं रह जाते हैं और शरीर में संक्रमण पैदा कर देते हैं। ये खासकर उन जगाहों पर होता है, जहां गंदगी होती है। बच्चों को चाेट लगने पर इसका टीकाकरण जरूर करवाएं। इससे उनके शरीर में टिटनेस के लिए एंटीबॉडी विकसित हो जाएंगे। यदि बचपन में आपका टिटनेस का टीकाकरण नहीं दिया गया था, तो अब आप टिटनेस का टीकाकरण करवा लें। यह टीकाकरण 3 चरणों में होता है – पहले टीके को देने के बाद, दूसरा टीका 4 सप्ताह बाद दिया जाता है और तीसरा टीका, 6 से 2 सप्ताह बाद लगाया जाता है।
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टेटिनस वैक्सीन किसे नहीं लगवानी चाहिए?
यदि आपको Tdap की पहली डोज के बाद गंभीर एलर्जी हुई हो, तो आपको इसकी अगली डोज नहीं लेनी चाहिए। पिछली बार Tdap वैक्सीन लेने के एक हफ्ते यादि आप कोमा में गए हों या सिजर की समस्या हुई हो तो आपको आगे यह वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। यदि आपको नर्वस सिस्टम से जुड़ी कोई दूसरी समस्या, पिछले टिटनेस वैक्सीन के दौरान तेज दर्द या सूजन की समस्या हुई हो तो इस बारे में डॉक्ट से बात करें। बीमार होने पर भी टिटनेस का टीका नहीं लगवाना चाहिए।
एक्सपर्ट की राय
इस बारे में सहानी नर्सिंग होम की ग्यानेकलॉजिस्ट डाक्टर संतोष सहानी का कहना है कि आज भी कई गर्भवती महिलाओं को ये नहीं पता होता है कि टिटनेस का इंजेक्शन उनके और अपने पेट में पल रहे बच्चे के लिए कितना जरूरी होता है। इसीलिए डॉक्टर द्वारा गर्भवती महिला को पहले ही चेकअप के दौरान डॉक्टर द्वारा इस वैक्सीन दी जाती है। अगर उस दौरान टीटी वैक्सीन मां को नहीं दी जाती है, तो गभर्वती महिला और बच्चे दाेनों के लिए भविष्य में संकट का कारण हो सकता है। इसके लिए किसी व्यक्ति को चोट लगने पर भी इसका इंजेक्शन तुरंत लेना चाहिए, उसे अंनदेखा न करें। नहीं तो, ऐसे में जान का खतरा हो सकता है। अगर आपने चोट लगने से कुछ ही सप्ताह पहले ही इंजैक्शन लिया था, जो उस स्थिति में एक बार अपने डॉक्टर से सलाह ले लें कि क्या करना है। आपकी छोटी-छोटी समझदारी आपको कई शारीरिक संकटों से बचा सकती हैं। इसलिए टिटनेस के वैक्सीन को समय रहने जरूर लेना चाहिए, यह बहुत जरूरी है।
टेटिनस वैक्सीन के जोखिम और साइड इफेक्ट
टिटनेस से बचाव के लिए टिटनेस की वैक्सीन लगवानी बहुत जरूरी है, लेकिन कभी-कभी इसका मामूली साइड इफेक्ट भी हो सकता है।
- इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन, लाल होना या दर्द होना
- बुखार
- बदनदर्द या सिरदर्द
- थकान
- उल्टी, मितली या डायरिया
- भूख न लगाना
- छोटे बच्चे ज्यादा नखरने करने लगते हैं