backup og meta

क्या बच्चों को हर बार चोट लगने पर टिटेनस इंजेक्शन लगवाना है जरूरी?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/07/2022

    क्या बच्चों को हर बार चोट लगने पर टिटेनस इंजेक्शन लगवाना है जरूरी?

    मेरे बेटे को 18 महीने की उम्र में टिटनेस का इंजेक्शन लगा था। अब वह तीन साल का है। वह सड़क पर गिर गया और उसे चोट लग गई। क्या उसे फिर से टीटी इंजेक्शन की जरूरत है? यह सवाल कई पेरेंट्स के मन में आता है। आपको बता दें कि टिटनेस का बैक्टीरिया मिट्टी में कई सालों तक रह सकता है और चोट लगने पर शरीर के अंदर पहुंचकर इन्फेक्शन पैदा करता है। इसलिए, संक्रमित धातु या मिट्टी से चोट लगने पर टिटेनस इंजेक्शन लगवाना बहुत जरूरी हो जाता है। लेकिन, क्या हर बार चोट लगने पर टिटेनस इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। जानते हैं इस आर्टिकल में-

    टिटनेस (Tetanus) क्या है?

    टिटनेस को लॉकजॉ (lockjaw) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक गंभीर बीमारी है जो शरीर की मांसपेशियों और नसों को प्रभावित करती है। हालांकि, इसकी रोकथाम आसानी से की जा सकती है।

    बच्चों को टिटनेस वैक्सीनेशन (Tetanus Vaccination) कब-कब लगता है?

    बच्चों और प्री-टीन्स को टिटनेस से बचाव के लिए DTaP और Tdap बूस्टर शॉट सहित पांच डोज लेने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है। DTaP एक टीकाकरण है जो तीन बीमारियों से बचाता है: डिप्थीरिया (Diphtheria), टेटनस (Tetanus) और पर्टुसिस (काली खांसी)। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) बच्चों को निम्नलिखित अंतराल पर DTaP वैक्सीन लगवाने की सलाह देता है:

    • दो महीने ( 2 months)
    • चार महीने (4 months)
    • छह महीने ( 6 month)
    • 15-18 महीने ( 15-18 months)
    • चार से छह साल (4-6 year)
    • DTaP वैक्सीन सात साल से अधिक उम्र के बच्चों को नहीं दी जाती है।

    बच्चों को लगभग 11 या 12 साल की उम्र में Tdap बूस्टर शॉट लगवाना चाहिए। Tdap बूस्टर शॉट के दस साल बाद, उसे Td शॉट लगवांने की सलाह डॉक्टर देते हैं। टीडी शॉट टेटनस और डिप्थीरिया से सुरक्षा प्रदान करता है।

    और पढ़ें : कई महीनों और हफ्तों तक सही से दूध पीने वाला बच्चा आखिर क्यों अचानक से करता है स्तनपान से इंकार

    बूस्टर शॉट्स (Booster Shots) की आवश्यकता क्यों होती है?

    टिटनेस वैक्सीन जिंदगी भर प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करती है। लगभग 10 वर्षों के बाद वैक्सीन का प्रोटेक्शन कम होने लगता है, यही वजह है कि डॉक्टर हर 10 सालों में बूस्टर शॉट्स लगवाने की सलाह देते हैं। वैक्सीनेशन से बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

    और पढ़ें : बच्चों में खांसी होने पर न दे ये फूड्स

    निओनेटल टिटनेस इंजेक्शन(Neonatal Tetanus) क्या है?

    निओनेटल टिटनेस, (Neonatal Tetanus) टिटनेस का ही एक रूप है। यह इंजेक्शन उन बच्चों को दिया जाता है जो विषम परिस्थितियों में पैदा होते हैं। खासकर अगर गर्भनाल स्टंप दूषित हो जाता है।

    बच्चे को टिटनेस शॉट (Tetanus Shots) क्यों लगवाना चाहिए?

    बच्चे को टिटनेस, डिप्थीरिया और काली खांसी (पर्टुसिस) हो सकती है। इन सबसे बचाने के लिए टिटनेस इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। टिटनेस जैसी बीमारी की वजह से बच्चे को दर्दनाक मसल्स स्टिफनेस का सामना करना पड़ सकता है। उसे इन मुसीबतों का सामना न करना पड़े, इसलिए टिटनेस वैक्सीनेशन जरूरी है।

    और पढ़ें : एक दिन में बच्‍चे का डायपर कितनी बार बदलना चाहिए

    चोट लगने पर टिटनेस इंजेक्शन क्यों लगाया जाता है?

    यदि बच्चे को चोट लगने से कोई घाव हो गया है, तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। खासकर अगर घाव गहरा है और उस पर गंदगी या कोई बाहरी चीज लग गई हो। अगर बच्चे को लोहे से जख्मी हुआ है तो चोट लगने पर टिटनेस इंजेक्शन के लिए डॉक्टर सिफारिश कर सकते हैं। डॉक्टर चोट को देखकर बता सकते हैं कि आपको टिटनेस के इंजेक्शन की जरुरत है या नहीं। टिटनेस के इंजेक्शन के बारे में अगर आपके मन में कोई शंका है तो डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा।

    और पढ़ें : बच्चों में कान के इंफेक्शन के लिए घरेलू उपचार

    एक बच्चे में टिटनेस (Tetanus injection for Kids)

    का क्या कारण हो सकता है?

    यह टेटनस बैक्टीरिया के कारण होता है। बैक्टीरिया आमतौर पर त्वचा में घाव के द्वारा बॉडी में प्रवेश करते हैं। यह उन जगहों पर भी ज्यादा होता है जहां टिटनेस वैक्सीन का अक्सर उपयोग नहीं किया जाता है। साथ ही बच्चे के जन्म के बाद स्टंप की देखभाल सही से न करने के कारण भी टिटनेस हो सकता है।

    और पढ़ें : इस तरह नवजात शिशु को बचा सकते हैं इंफेक्शन से, फॉलो करें ये टिप्स

    [mc4wp_form id=”183492″]

    इन स्थितियों में चोट लगने पर टिटनेस इंजेक्शन

    लगाने की सलाह देते हैं डॉक्टर

    • बच्चे को चोट लगी है और घाव साफ है, लेकिन बीते 10 सालों में कोई टिटनेस बूस्टर नहीं लगा है, तो डॉक्टर टिटनेस बूस्टर लगवाने के लिए कह सकते हैं।
    • अगर घाव पर गंदगी या टिटनेस होने की संभावना लगती है। साथ ही बच्चे को पिछले पांच वर्षों में कोई टिटनेस बूस्टर शॉट नहीं लगा है तो चोट लगने पर टिटनेस इंजेक्शन की सिफारिश की जा सकती है।
    • अगर बचपन में प्राइमरी वैक्सीनेशन नहीं हुआ है, तो चोट लगने पर टिटनेस इंजेक्शन लगवाना पड़ सकता है। घाव के उपचार के समय टीटी इंजेक्शन के साथ ही इम्यूनोग्लोबुलिन की डोज भी डॉक्टर दे सकते हैं जिससे टिटनेस के खिलाफ बॉडी में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।

    और पढ़ें : नन्हे-मुन्ने के आधे-अधूरे शब्दों को ऐसे समझें और डेवलप करें उसकी लैंग्वेज स्किल्स

    टीटी इंजेक्शन (TT Injection) के दुष्प्रभाव क्या-क्या हैं?

    अधिकांश बच्चों को DTaP या Tdap से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। होने वाले दुष्प्रभाव आमतौर पर हल्के होते हैं जैसे-

  • जहां शॉट दिया गया है उस जगह पर लालिमा, सूजन या दर्द
  • बुखार (Fever)
  • उल्टी (vomit)
  • अधिक गंभीर दुष्प्रभाव बहुत दुर्लभ हैं। जैसे-

    • 105 डिग्री से अधिक बुखार
    • तीन घंटे या उससे अधिक समय तक नॉनस्टॉप रोना
    • कुछ प्री-टीन्स और टीन्स इंजेक्शन शॉट के बाद बेहोश हो सकते हैं।

    नोट : बेहोशी से बचने के लिए, बच्चों को टीकाकरण के दौरान बैठा या लेटा होना चाहिए और इंजेक्शन दिए जाने के 15 मिनट बाद तक उस स्थिति में ही रहना चाहिए।

    और पढ़ें : बच्चों में ग्रोइंग पेन क्या होता है?

    प्रेग्नेंसी में टिटनेस (Tetanus injection in Pregnancy) का इंजेक्शन लगवाना क्यों जरूरी है?

    गर्भावस्था के दौरान इंफेक्शन से गर्भवती मां और गर्भ में शिशु की रक्षा के लिए टीटी वैक्सीनेशन जरूरी होता है। इससे शरीर में एंटीबॉडीज बनते हैं जो टिटनेस बैक्टीरिया को पनपने से रोकते हैं। इसके साथ ही शिशु के जन्म के बाद पहले कुछ महीनों तक उसे बीमारी से भी बचाया जा सकता है। प्रेग्नेंसी में कब और कितने टिटनेस के इंजेक्शन लगने हैं, यह इस पर निर्भर करता है कि पहली प्रेग्नेंसी में टीटी वैक्सीनेशन हुआ था या नहीं। हाल ही में आपको टिटनेस का इंजेक्शन लगा है या नहीं।

    डब्ल्यूएचओ के अनुसार जिन गर्भवती महिलाओं ने पहले टीटी वैक्सीनेशन नहीं कराया है, इस स्थिति में उन्हें जितनी जल्दी हो सके टिटनेस का इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए। नवजात शिशु और मैटरनल टिटनेस की रोकथाम के लिए, डब्ल्यूएचओ महिलाओं को प्रत्येक खुराक के बीच न्यूनतम अंतराल के बीच टेटनस-टॉक्सोइड वैक्सीन की पांच खुराक देने की सिफारिश करता है।

    और पढ़ें : क्या बच्चों के जन्म से दांत हो सकते हैं? जानें इस दुर्लभ स्थिति के बारे में

    बच्चे में टिटनेस के लक्षण (Tetanus in Children) क्या हो सकते हैं?

    टिटनेस बैक्टीरिया के संपर्क में आने के बाद बच्चे में लक्षण तीन से 21 दिन के बाद दिखाई देते हैं। वहीं, नवजात शिशुओं में लक्षण तीन दिन से दो सप्ताह तक दिखाई दे सकते हैं। टेटनस के सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:

    • जबड़े में कठोरता ( Lockjaw)
    • पेट और पीठ की मांसपेशियों में कठोरता
    • चेहरे की मांसपेशियों का कसना
    • पल्सेस का तेज होना (Pulse)
    • बुखार (Fever)
    • पसीना आना (Sweating)
    • निगलने में परेशानी (swallowing problem)
    • घाव वाले हिस्से के पास मांसपेशियों में दर्दनाक ऐंठन। यह ऐंठन पेट, बाहों और जांघों की मांसपेशियों में भी फैल सकती है।

    टिटनेस एक संभावित घातक बीमारी है। इसलिए, वैक्सीन शेड्यूल को लेकर आप अप-टू-डेट रहें और हर 10 साल में बूस्टर शॉट से इसे रोका जा सकता है। अगर आपको जरा सी भी शंका है तो बच्चे को चोट लगने पर टिटनेस इंजेक्शन या बूस्टर के लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/07/2022

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement