हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन में, ऐसा कई बार ऐसा होता है कि कुछ खाने की तीव्र इच्छा होती है। कुछ खाकर हम इस क्रेविंग (Craving) को शांत कर देते हैं। हालांकि, यह उतना सरल नहीं है जितना लगता है। क्रेविंग (Craving) मन द्वारा विकसित की गई आवश्यकता का परिणाम है न कि शरीर द्वारा। इसलिए, एक्सपर्ट कहते हैं कि इस समय के परिदृश्यों को समझना जरूरी है। क्रेविंग्स और भूख में अंतर (Craving and hunger difference) क्या है? क्रेविंग्स को शांत करने के लिए कौन-से टिप्स फॉलो करने चाहिए। जानते हैं “हैलो स्वास्थ्य” के इस लेख में एक्सपर्ट से-
क्रेविंग्स और भूख में अंतर: लॉकडाउन में क्रेविंग्स पर करें कंट्रोल
हम सभी पिछले 2 महीनों से लॉकडाउन (Lockdown) में हैं। बाहर कदम बढ़ाने से पहले हर कोई कोविड-19 (Covid-19) की स्थिति बेहतर होने का इंतज़ार कर रहा है। ऐसे में, लोग अपने कामों को करने के लिए एक रूटीन सेट करते हैं। फिर चाहे वह हॉबीज को पूरा करने की बात हो या सोशल मीडिया एक्सेस करने की। ऐसी ही तमाम कार्यों के लिए एक विशेष समय निर्धारित करके एक दिनचर्या में उसे अपनाते हैं। इसी बीच में अक्सर कुछ खाने की तीव्र इच्छा होती है। यदि भोजन हेल्दी हो और एक निश्चित समय अंतराल पर किया जाए तो इससे कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि, यही स्नैक अगर शुगर और सिरप से भरपूर और जिसकी ख़राब कैलोरी वैल्यू हो, तो उसे ऐसा खाद्य पदार्थ खाने से पहले कई बार सोचना चाहिए। कोरोना और लॉक डाउन (Coronavirus and lockdown) के चलते लोगों के बीच ज्यादा टीवी देखने की संभावना रहते हैं, मसलन टीवी शो और फिल्मों को देखते-देखते भी कुछ खाना होता है। ऐसे में एक तरफ ध्यान टीवी कंटेंट पर लगाना होता है और इस दौरान अक्सर खाए जा रहे भोजन की वास्तविकता को हम नजरअंदाज करते हैं।
क्रेविंग्स और भूख में अंतर: चिंता और खराब मानसिक स्वास्थ्य का असर ईटिंग हैबिट्स पर
कोरोना वायरस महामारी ने कई लोगों के मन में तनाव और चिंता भी पैदा कर दी है, जिससे कई लोग हेल्पलेस और आउट ऑफ कंट्रोल महसूस कर रहे हैं। बेहतर महसूस करने और खुद को नियंत्रण में रखने के लिए, बेवजह की ईटिंग करते हैं क्योंकि इससे आपको मानसिक संतुष्टि मिलती है। और इस संतुष्टि के लिए आप लगातार कुछ न कुछ खाते रहते हैं, जिससे एंग्जायटी (Anxiety) कम लगती है।
क्रेविंग्स और भूख में अंतर: ऐसे पहचानें क्रेविंग्स और भूख में अंतर (Craving and hunger difference) को
क्रेविंग्स की पहचान करने का प्रमुख टूल यह है कि जब आप आखिरी बार भोजन करते हैं, तो यह फूड टेम्पेटेशन का कारण बनता है। यहां तक कि फूड टेम्पेटेशन तब भी हो सकता है जब आपने ठीक 15 मिनट पहले भोजन किया हो। यह क्रेविंग किसी भोजन विशेष से जुड़ी भी हो सकती है- उदाहरण के लिए मिठाई (Sweets), चॉकलेट (Chocolate), मसालेदार वसायुक्त भोजन आदि। लॉक-डाउन क्रेवर्स (लॉकडाउन के दौरान हर समय कुछ अच्छा खाने की इच्छा रखने वाले लोग) इस समय कई तरह के बेक्ड और फ्राइड डिशेस के साथ कई तरह के प्रयोग कर रहे हैं और घर पर फास्ट फूड बनाकर खा रहे हैं।
इसलिए, यह समझना महत्वपूर्ण है कि आप वास्तव में कब भूखे हैं। जब कोई व्यक्ति वास्तव में भूखा होता है, इसका मतलब होता है कि उसने कुछ घंटों से कुछ खाया नहीं है। जब कोई भूखा होता है, तो वह व्यक्ति खाने के लिए विशिष्ट भोजन के बारे में नहीं सोचता है, बल्कि भूख को संतुष्ट करने के लिए कुछ भी खा सकता है जैसे-हेल्दी नाश्ता (Healthy Breakfast) या फिर प्रॉपर मील आदि।
क्रेविंग्स और भूख में अंतर: बढ़ रही है मानसिक स्वास्थ्य समस्या (Mental illness)
अवसाद एक और सामान्य मनोरोग है जो लगातार बढ़ रहा है। यह अक्सर खाने और शराब (Alcohol) के सेवन में बदलाव से जुड़ा होता है। एल्कोहॉल के सेवन में वृद्धि के साथ ईटिंग और स्नैक्स अधिक खाने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। इसलिए एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन नहीं करना चाहिए या कम से कम करें। अगर आप किसी हेल्थ कंडिशन (Health condition) से पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में एल्कोहॉल (Alcohol) और स्मॉकिंग (Smoking) का सेवन नहीं करना चाहिए।
क्रेविंग्स और भूख में अंतर: फॉलो करें ये टिप्स (Tips to follow for Craving and hunger)
इसलिए, यह जानना जरूरी है कि आपको किस विशेष फूड के लिए क्रेविंग हो रही है या नहीं। कई तरीके हैं जिनके माध्यम से क्रेविंग्स से बचा जा सकता है, नीचे कुछ नीचे टिप्स दिए जा रहे हैं जैसे-
कैलक्युलेटेड रूटीन – नियमित अंतराल पर भोजन के लिए निश्चित ब्रेक की उचित दिनचर्या सुनिश्चित करें। इससे पेट भरा रखने में काफी मदद मिलती है और इस तरह से भूख कम हो जाती है।
व्यायाम – वर्कआउट (Workout) के जरिए एक डिसिप्लिन मेंटेन करके, शरीर को डाइट कंट्रोल के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है। इसलिए, एक्सरसाइज करना यह सुनिश्चित करने का एक अच्छा तरीका है कि एक्स्ट्रा ईटिंग (Eating) न हो सके।
संवेदनशील आहार – अधिक प्रोटीन और कम शुगर के साथ तैयार किया गया भोजन करके आप डाइट को महत्वपूर्ण रूप से संतुलित कर सकते हैं। रिफाइंड शुगर का सेवन इंसुलिन के स्तर में अचानक वृद्धि का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप भूख जल्दी लग जाती है। इसलिए, खाने में असंतृप्त कार्ब्स (Carbs) लेने की सलाह दी जाती है।
जंक फूड्स से बचें – अब लॉकडाउन (Lockdown) चल रहा है, तो हम सभी की खाने की आदतों में कुछ सुधार आया है। खासकर आज हम सड़क किनारे मिलने वाले जंक फूड्स से दूर हैं। हालांकि, घर में खाए जाने वाले फ्राइड स्नैक्स जंक फूड्स (Junk food) के सामान ही हैं। इन्हें फ्रूट सलाद (Fruit salad) और अन्य हेल्दी स्नैक्स (Healthy snacks) के साथ रिप्लेस किया जा सकता है और क्रेविंग्स होने पर उन्हें खाया जा सकता है।
इसके अलावा, यदि आपको क्रेविंग हो रही है, तो आप अपने आप को डिस्ट्रैक्ट भी कर सकते हैं। इसके लिए अपने पसंदीदा संगीत सुनें और नकारात्मक भावना को रोकें जो क्रेविंग्स (Craving) को बढ़ावा देती हैं। अपने करीबी लोगों से बात करने से भी आपको मूड बदलने में मदद मिल सकती है।
अच्छा खाना खाने और फ़ूड-स्मार्ट बनने के महत्व को महसूस करना इस समय आपके लिए महत्वपूर्ण है। स्वच्छ और स्वस्थ खाने की इच्छा अपने आप को जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे मधुमेह (Diabetes), मोटापा (Obesity) और हाइपर कोलेस्टीमिया (Hypercholesterolemia) से दूर रखने में मददगार होगा। नतीजन, स्वस्थ, खुशहाल और बेहतर जीवन जीने में मदद मिलेगी। उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा आपको यह आर्टिकल कैसा लगा। हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताइए। इसके साथ ही इस विषय से जुड़ा कोई सवाल है तो वो भी आप हमारे साथ शेयर कर सकते हैं।
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डिस्क्लेमर
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Hunger, Food Cravings, and Diet Satisfaction are Related to Changes in Body Weight During a 6-Month Behavioral Weight Loss Intervention: The Beef WISE Study/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6024699/Accessed on 31/12/2021