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मां के गर्भ में या जन्म के समय शिशु को हो सकता है कोरोना का संक्रमण?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Suraj Kumar Das द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/06/2020

    मां के गर्भ में या जन्म के समय शिशु को हो सकता है कोरोना का संक्रमण?

    कोरोना वायरस को लेकर रोज नई-नई जानकारी सामने आ रही है। अब नई खबर यह आई है कि मां के गर्भ में या जन्म लेने के समय शिशु को कोरोना का संक्रमण हो सकता है। आईसीएमआर द्वारा दी गई इस जानकारी के बाद सभी लोग बहुत ही चिंतित हैं। खासकर महिलाओं को अपने शिशु को लेकर चितां हो रही है कि कहीं गर्भावस्था में शिशु को कोरोना का संक्रमण न हो जाए। इस आर्टिकल में जानें कि आईसीएमआर ने मां के गर्भ में या जन्म के समय होने वाले कोरोना के संक्रमण को लेकर क्या कहा है। 

    मां के गर्भ में शिशु को हो सकता है कोरोना का संक्रमण

    इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा कि सामान्य लोगों की तुलना में गर्भवती महिलाएं, कोरोना वायरस से जल्दी संक्रमित हो सकती हैं। इसलिए गर्भ में शिशु को कोरोना का संक्रमण होने की संभावना बन सकती है। हालांकि, ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन कुछ रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। 

    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः

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    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः शिशु को जटिल बीमारी होने की संभावना

    कुछ रिपोर्ट में यह कहा जा रहा है कि कोविड-19 पॉजिटिव मां से जन्मे शिशु को गंभीर बीमारी होने की संभावना हो सकती है। इस पर आईसीएमआर ने कहा कि अभी तक इस तरह का कोई तथ्य नहीं मिला है, जिससे यह कहा जाए कि नवजात शिशुओं को कोविड-19 का संक्रमण हो सकता है या विशेष रूप से कोविड-19 के कारण माता से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। हालांकि, कुछ शिशुओं में श्वसन संबंधी समस्या जरूर देखने को मिली हैं। 

    आईसीएमआर के अनुसार, प्रसव से पहले या प्रसव के बाद, कोरोना वायरस के कारण मां को किसी तरह की तकलीफ भी होने का भी कोई प्रमाण नहीं मिला है। इस बात का भी तथ्य नहीं मिला है कि कोरोना वायरस के कारण बच्चे के विकास पर कोई दुष्प्रभाव पड़ता है।

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    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः गर्भावस्था में जोखिम की संभावना

    इस पर आईसीएमआर ने कहा, “ह्रदय रोग से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं को कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद जोखिम की संभावना हो सकती है, लेकिन इस बारे में भी अभी तक कोई तथ्य नहीं मिला है। इस पर रिसर्च चल रही है।”

    गर्भ में कोरोना का संक्रमण-coronavirus COVID-19 transmission from mother to newborn

    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः नवजात शिशु को मां से दूर रखने की सलाह

    आईसीएमआर की सलाह है कि अगर मां कोरोना से संक्रमित हो जाए, तो जन्म के बाद नवजात शिशु को कोविड-19 का संक्रमण न हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके लिए शिशु को मां से दूर रखा जाए। इससे शिशु को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाया जा सकता है। जब तक मां पूरी तरह ठीक नहीं हो जाती, तब तक शिशु से मां को दूर रखना जरूरी है।

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    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः माता के दूध के संक्रमित होने की पुष्टि नहीं

    इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने माता के दूध के कोविड-19 संक्रमित होने से इंकार किया है। कहा कि ऐसा कोई वैज्ञानिक तथ्य अभी तक नहीं मिला है, जिससे यह कहा जाए कि मां का दूध भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है।

    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः प्रीमैच्योर डिलीवरी की संभावना

    आईसीएमआर ने यह भी बताया कि कोरोना पॉजिटिव कुछ महिलाओं के समय से पहले मां बनने की भी खबर आई है, लेकिन अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि इसके पीछे का मूल कारण क्या है।

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    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः वुहान से पहले भी आई थी ऐसी रिपोर्ट

    जब चीन के वुहान में कोरोना का संक्रमण चरम पर था, तब वहां से भी ऐसी खबर आई थी कि मां के गर्भ में शिशु को कोरोना का संक्रमण हुआ है। इस खबर के बाद माताओं को बहुत चिंता होने लगी थी। इसके बाद वुहान में कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना को लेकर चार गर्भवती महिलाओं का अध्ययन किया गया। इन चारों महिलाओं ने कोरोना प्रकोप के समय ही शिशु को जन्म दिया था।

    गर्भ में कोरोना का संक्रमण-coronavirus COVID-19 transmission from mother to newborn

    शोधकर्ताओं ने जब बच्चे की जांच की तो पता चला कि किसी भी बच्चे में बुखार, खांसी के लक्षण नहीं थे। चार में से तीन बच्चों में सांसों से संबंधित परेशानियां जरूर देखने को मिली और इसके बाद सभी शिशु को आइसोलेशन में भी रखा गया, लेकिन शिशु की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। 

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    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः लंदन के एक हॉस्पिटल से भी आई है ऐसी खबर

    लंदन के एडमोंटन के नॉर्थ मिडलसेक्स हॉस्पिटल से भी मां के गर्भ से शिशु को कोरोना का संक्रमण होने की एक नई खबर सामने आई है। इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि अभी यह पता नहीं चल सका है कि नवजात शिशु को गर्भ में कोरोना (कोविड-19) का संक्रमण हुआ है या जन्म लेने के बाद शिशु कोविड-19 से संक्रमित हुआ है।  

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    डॉक्टर ने कहा कि जब मां को प्रसव के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, तो उस समय उसे निमोनिया के लक्षण थे। जांच के लिए मां का सैंपल लिया गया था, लेकिन जांच रिपोर्ट आने से पहले ही शिशु का जन्म हो गया। जन्म के बाद से शिशु को बुखार था। जब शिशु की जांच की गई, तो वह भी कोरोना पॉजिटिव मिला। इससे इस बात की संभावना बढ़ती है कि मां के गर्भ में भी शिशु को कोरोना का संक्रमण हो सकता है। 

    डॉक्टरों ने दोनों को अलग-अलग हॉस्पिटल में रखा और मां और शिशु के जीवन को बचाने में सफलता पाई। हालांकि कई डॉक्टर इस बात पर पूरी तरह विश्वास नहीं कर रहे और शोध रिपोर्ट का इंतजार करने की बात कह रहे हैं। ।

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    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः SARS और MERS के समय भी शिशु को संक्रमण का खतरा

    डॉक्टरों का कहना है कि अभी जिस तरह मां के गर्भ में शिशु को कोरोना का संक्रमण होने की बात कही जा रही है। ऐसी ही खबर SARS और MERS के समय भी आई थी। उस समय मां के गर्भ से शिशु के संक्रमित होने की बहुत अधिक संभावना होती थी। 

    गर्भ में कोरोना का संक्रमण-coronavirus COVID-19 transmission from mother to newborn
    गर्भ में कोरोना का संक्रमण-coronavirus COVID-19 transmission from mother to newborn

    SARS और MERS के समय गर्भवती महिलाओं में गंभीर बीमारी, गर्भपात जैसे मामले भी देख गए थे। कुछ ऐसा ही अभी देखने को मिला है। ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि गर्भ में भी शिशु को कोरोना का संक्रमण हो सकता है।

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    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः परिवार के संक्रमित सदस्यों से शिशु के संक्रमित होने की संभावना

    कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि हो सकता है कि गर्भ में शिशु को कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ हो, बल्कि प्रसव के बाद शिशु को कोरोना का संक्रमण हुआ हो। हो सकता है कि मां या परिवार के अन्य सदस्य के कोरोना संक्रमित होने के कारण शिशु संक्रमित हुआ हो।

    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणःमहिलाओं को हॉस्पिटल से दूर रहने की सलाह

    डॉक्टरों ने गर्भवती महिलाओं को सलाह दी है कि गर्भावस्था में शिशु को कोरोना का संक्रमण न हो, इसके लिए जितना हो सके, हॉस्पिटल से दूर रहें। हॉस्पिटल आने की बजाय डॉक्टर से फोन पर ही संपर्क कर सलाह लेने की कोशिश करें।

    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणःविश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देश का पालन करें

    गर्भावस्था में कोरोना का संक्रमण न हो, इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों के साथ-साथ डॉक्टर की सलाह मानें। प्रसव के बाद भी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। हाथों को साफ रखें। मास्क पहनकर शिशु के नजदीक जाएं। सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित व्यक्ति को शिशु के पास जाने से रोकें। इससे ही आप शिशु को कोरोना संक्रमण से बचा सकती हैं।

    गर्भ में कोरोना का संक्रमण-coronavirus COVID-19 transmission from mother to newborn

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    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः बढ़ाएं अपनी इम्यूनिटी पॉवर

    विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर के अनुसार, कोविड-19 से सबसे अधिक खतरा उन लोगों को होता है, जिनकी इम्यूनिटी पॉवर कमजोर होती है। इसलिए शिशु, छोटे बच्चे और बुजुर्ग लोगों के कोरोना वायरस की चपेट में आने की संभावना बहुत अधिक होती है। 

    इसलिए महिलाओं को अपनी इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। गर्भ में कोरोना के संक्रमण से शिशु को बचाने के लिए माताएं रोजाना आहार में उन चीजों की मात्रा को बढ़ा दें, जो इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने में मदद करे।

    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः सरकारी हॉस्पिटल में गर्भवती महिलाओं की संख्या में कमी

    कोरोना वायरस को लेकर आई दिशा-निर्देश के अनुसार, लोगों को अपने घरों से निकलने को मना किया गया है। सामाजिक दूरी और लॉकडाउन का पालन करने का आदेश दिया गया है। इसका असर सरकारी हॉस्पिटल में भी देखने को मिल रहा है। सरकारी हॉस्पिटल में गर्भवती महिलाओं की संख्या में कमी आ गई है। जब तक प्रसव का समय बिल्कुल नजदीक नहीं आ जाता, महिलाएं हॉस्पिटल नहीं जा रही हैं। 

    गर्भ में कोरोना का संक्रमण-coronavirus COVID-19 transmission from mother to newborn

    विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा करना महिलाओं की समझदारी है, क्योंकि कोरोना से बचने के लिए घर में रहना बहुत जरूरी है। डॉक्टरों का कहना है कि इस समय चारो ओर कोरोना वायरस का प्रकोप है। घर, बाजार, हॉस्पिटल, सभी स्थान असुरक्षित हैं। ऐसे में अगर महिलाएं घर पर रहेंगी, तो उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना कम हो जाती है।

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    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः गर्भवती महिलाओं से संबंधित रिकार्ड से अध्ययन

    आईसीएमआर ने यह भी कहा है कि गर्भावस्था में शिशु में कोरोना का संक्रमण होने का अध्ययन किया जाना चाहिए। इसके लिए उन सभी महिलाओं की लिस्ट तैयार होनी चाहिए, जो कोविड-19 के समय प्रसव करा रही हैं। इससे पता चलेगा कि कितनी महिलाएं गर्भावस्था में महिलाएं कोविड-19 से संक्रमित होती हैं। 

    रिपोर्ट से इस बात की भी जानकारी मिलेगी कि मां के गर्भ से शिशु को कोरोना का संक्रमण होता है या नहीं। इसके साथ ही इस तथ्य की भी जानकारी मिलेगी कि जन्म के बाद तो शिशु को कोरोना का संक्रमण तो नहीं हुआ। ये रिपोर्ट भविष्य की दूसरी बीमारियों में अध्ययन में भी काम आएंगे।

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    मां के गर्भ में कोरोना का संक्रमणः बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार का करें सहयोग

    कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में खौफ पैदा कर दिया है। दुनिया भर में इसके मरीज बढ़ते जा रहे हैं। भारत में लगातार कोरोना वायर का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बीमारी पर नियंत्रण पाना मुश्किल लग रहा है, लेकिन अगर आप विश्व स्वास्थ्य संगठन, सरकार के निर्देशों को मानेंगे तो संभव है कि जल्द ही इस भयानक बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सके। 

    डब्ल्यूएचओ और सरकारें बराबर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। डॉक्टर दिन-रात वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में इन सभी को लोगों का सहयोग करना बहुत जरूरी है। बिना आपके सहयोग के कोरोना वायरस महामारी से जीतना मुश्किल है।

    गर्भ में कोरोना का संक्रमण-coronavirus COVID-19 transmission from mother to newborn

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    इसलिए पूरी तरह सावधानी बरतें। हाथों को नियमित तौर पर दिन में कई बार साफ रखें। सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें। परिवार के सदस्यों को ऐसा करने बोलें। सामाजिक दूरी का पालन करेंलॉकडाउन के नियमों की अनदेखी न करें। खुद के साथ अपने परिवार और बुजुर्गों की रक्षा करें।

     हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

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