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गिलोय के फायदे एवं नुकसान: Health Benefits of Giloy

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/12/2021

गिलोय के फायदे एवं नुकसान: Health Benefits of Giloy

परिचय

गिलोय (Giloy) क्या है?

गिलोय (Giloy) का पौधा एक आयुर्वेदिक हर्ब है, जिसका इस्तेमाल भारत में सालों से दवाओं के लिए किया जा रहा है। क्रोनिक फीवर से लेकर, डायजेशन को बूस्ट और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इसे उपयोगी माना जाता है। इसका वानस्पातिक नाम टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया (Tinospora cordifolia) है। यह मेनिस्पर्मेसीए (Menispermaceae) परिवार से ताल्लुक रखता है। संस्कृत में इसे अमृता के नाम से जाना जाता है। इसे अमृतबेल, इण्डियन टिनोस्पोरा (Indian tinospora) और गडुची के नाम से भी जाना जाता है।

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उपयोग

गिलोय का उपयोग किस लिए किया जाता है?

गिलोय (Giloy) का सेवन निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है। जैसे:

क्रोनिक फीवर के इलाज में मददगार (Treats Chronic Fever)

बुखार से निजात पाने के लिए भी गिलोय का इस्तेमाल (Giloy) किया जाता है। इसमें एंटी-पायरेटिक प्रॉपर्टीज होती हैं, जो जानलेवा बुखार को दूर करने में मददगार है।

स्ट्रेस और एंग्जायटी को दूर करता है (Reduces Stress and Anxiety)

गिलोय (Giloy) को नियमित तौर पर लेने से मेंटल स्ट्रेस और एंग्जायटी को दूर किया जा सकता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स को दूर करने के साथ मेमोरी को बूस्ट करता है। साथ ही दिमाग को रिलैक्स करता है।

सांस संबंधित परेशानी को दूर करता है (Fights Respiratory Problems)

गिलोय (Giloy) में एंटी-इन्फलामेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो सांस संबंधित परेशानिय़ां जैसे कोल्ड, कफ और टॉन्सिल्स से निजात दिलाती है।

डायबिटीज के इलाज में फायदेमंद (Treats Diabetes)

गिलोय में हायपोग्लाइसेमिक एजेंट होते हैं, जो टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में मदद करता है। गिलोय जूस पीने से शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है।

डायजेशन में सुधार करता है (Improves Digestion)

नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के रिसर्च अनुसार गिलोय डायजेशन को सुधारने के लिए अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट्स के अनुसार कब्ज की समस्या होने पर गिलोय के पाउडर को आंवले के साथ लेने की सलाह दी जाती है।

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इम्यूनिटी को बूस्ट करता है (Boosts Immunity)

इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए गिलोय (Giloy) को बेहद फायदेमंद माना जाता है। एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर गिलोय फ्री-रेडिकल्स से लड़ता है और कोशिकाओं को स्वस्थ रख कई बीमारियों से बचाता है। रक्त को शुद्ध (Blood purification) करने में भी यह उपयोगी है। इसके अलावा यह उन बैक्टीरिया से लड़ता है, जो कई रोगों का कारण बनते हैं। यह लिवर संबंधित रोग और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) की तकलीफ को भी दूर करने में सहायक है। गिलोय का इस्तेमाल (Giloy) हृदय संबंधित परेशानियों (Heart problem) के उपचार के लिए रिकमेंड किया जाता है। बांझपन के इलाज में भी यह बेहद कारगर माना जाता है।

त्वचा के लिए वरदान समान (Good for skin)

गिलोय (Giloy) के पौधे में एंटी-एजिंग गुण होते हैं, जो डार्क स्पॉट्स, मुंहासे, फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं। यह आपको ग्लोइंग स्किन प्रदान करता है।

अर्थराइटिस के इलाज में मददगार (Treats Arthritis)

गिलोय (Giloy) में एंटी इन्फलामेटरी और एंटी अर्थराइटिक प्रॉपर्टीज होती हैं, जो अर्थराइटिस का इलाज और कई लक्षण को दूर करने में मदद करते हैं। जोड़ों में दर्द में इसकी जड़ को दूध में उबालकर लेने की सलाह दी जाती है। रुमेटायड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) में इसे अदरक के साथ रिकमेंड किया जाता है।

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अस्थमा के लक्षण को दूर करता है (Reduces Asthmatic Symptoms)

अस्थमा में छाती में जकड़न, सांस न आना, कफ आदि की परेशानी होती है। गिलोय (Giloy) की जड़ को चबाने या गिलोय का रस पीने से अस्थमा के रोगियों को आराम मिलता है। विशेषज्ञ अस्थमा के लक्षण को दूर करने के लिए इसे लेने की सलाह देते हैं।

आंखों की रोशनी को तेज करता है (Improves Vision)

भारत के कई हिस्सों में गिलोय (Giloy) को आंखों पर लगाया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो ये दृष्टि को बूस्ट करता है। इसके लिए गिलोय पाउडर को पानी में उबालें। ठंडा होने पर इसे पलकों के ऊपर लगाएं।

बढ़ती उम्र के प्रभाव को करे कम (Anti aging)

एक रिसर्च के अनुसार गिलोय (Giloy)  में एंटी एजिंग प्रॉपर्टीज भी मौजूद होती है, जो बढ़ती उम्र में होने वाली स्किन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है। इसलिए संतुलित मात्रा में इसका सेवन सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है।

इन ऊपर बताई शारीरिक परेशानियों से निजात पाने के लिए गिलोय (Giloy) का सेवन लाभकारी माना जाता है। लेकिन इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही करना लाभकारी हो सकता है। इसके सेवन से अगर कोई परेशानी महसूस होती है, तो इसका सेवन न करें।

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कैसे काम करता है गिलोय (Giloy)?

गिलोय (Giloy) में कई ऐसे रसायन होते हैं, जो शरीर को प्रभावित करते हैं। इनमें कुछ रसायन में एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव होते हैं। ये शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधि में वृद्धि कर सकते हैं। जानवरों पर किए गए कुछ शोध के अनुसार, इसमें पाए जाने वाले कुछ रसायन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करते हैं। हालांकि इसे लेकर अधिक शोध करने की जरूरत है। इसमें इम्यूनोमॉडयूलेटर, एडॉप्टजन, एंटी-इन्फलामेटरी, एनलजेसिक, एंटासिड, एंटी-गाउट, एंटी-म्यूटाजेनिक, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-कैंसर, एंटी-स्ट्रेस, हेमाटॉजेनिक प्रॉपर्टीज होती हैं।

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सावधानियां और चेतावनी

कितना सुरक्षित है गिलोय का उपयोग

  • प्रेग्नेंसी और ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए इसका सेवन सुरक्षित है या नहीं इसे लेकर पर्याप्त जानकारी नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से बेहतर होगा कि आप गिलोय (Giloy) सेवन न ही करें।
  • यदि आपका ब्लड शुगर (Blood pressure) लेवल लो रहता है, तो इसका सेवन एवॉइड करें। इससे शुगर लेवल अत्यंत कम हो सकता है। यदि आप शुगर की दवाएं ले रहे हैं, तो भी इसका सेवन न करें। दवाओं के साथ इसका सेवन करने से साइड इफेक्ट्स होने का खतरा रहता है।
  • जिन लोगों को ऑटोइम्यून डिजीज हैं जैसे मल्टी स्कलेरोसिस, ल्यूपस और रूमेटाइड अर्थराइटिस उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसको लेने से लक्षण के बढ़ने का खतरा रहता है।

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आयुर्वेदिक ब्यूटी रेमेडीज जानने के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।

साइड इफेक्ट्स

गिलोय से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

  • डायबिटीज पेशेंट्स को इसके सेवन से पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट्स से जरूर सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल को कम होता है। ऐसी स्थिति में अगर आप डायबिटीज की दवाओं के साथ-साथ गिलोय का भी सेवन करते हैं, तो इसका आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • पाचन शक्ति बेहतर बनाये रखने गिलोय फायदेमंद होता है, लेकिन इसका तासीर गर्म होने के कारण ज्यादा सेवन करने से शारीरिक परेशानी बढ़ सकती है। जैसे- जलन और गैस की समस्या (Gas problem) का कारण बन सकती है।
  • प्रेग्नेंट लेडी को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

गिलोय (Giloy) का सेवन ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित होता है। अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन करना शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसका सेवन डॉक्टर की देखरेख में ही करें। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें।

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डोजेज

गिलोय (Giloy) को लेने की सही खुराक क्या है?

  • एलर्जिक रहिनिटिस (हे फीवर): 8 हफ्ते तक 300 मिलीग्राम गिलोय के तने के अर्क को दिन में तीन बार लें
  • गिलोय की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। डॉक्टर खुराक आपकी उम्र, मेडिकल कंडिशन व अन्य कारकों के अनुसार निर्धारित करते हैं। कभी भी इसकी खुराक खुद से निर्धारित न करें।

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    उपलब्धता

    किन रूपों में उपलब्ध है गिलोय?

    गिलोय (Giloy) निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:

    • जूस (juice)
    • पाउडर (powder)
    • कैप्सूल (capsule)

    अगर आप गिलोय (Giloy) या इसके सेवन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    आयुर्वेदिक डिटॉक्स की पूरी जानकारी के लिए खेलें आयुर्वेदिक डिटॉक्स क्विज। 

    डिस्क्लेमर

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