के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
ल्यूपस इम्यून सिस्टम की बीमारी है। इस बीमारी में हमारा इम्यून सिस्टम अपने शरीर के तत्व और बाहरी एंटीजन के बीच अंतर नहीं कर पाता। इसकी वजह से इम्यून सिस्टम अपने ही शरीर की कोशिकाओं के ऊपर आक्रमण करने लगेगा जिससे शरीर को आंतरिक रूप से हानि हो सकती है।
इसके फल स्वरुप आपको क्रोनिक बीमारी हो सकती है जिससे जोड़ों, त्वचा, किडनी, खून की कोशिकाओं, दिमाग और फेफड़ों में परेशानी आ सकती है। क्रोनिक का अर्थ है कि बीमारी के लक्षण छह हफ्तों से ज्यादा रहेंगे।
ल्यूपस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं जाता और कुछ लोगों में ल्यूपस डेवेलोप करने की आशंका शुरू से ही होती है और ये किसी भी छोटे बड़े संक्रमण से बढ़ जाती है।
ये स्थिति बहुत आम है। ये पुरुषों से ज्यादा महिलाओं (14 -45 वर्ष )में होती है। ये किसी भी उम्र के व्यक्ति हो सकती है लेकिन इसके कारणों को रोककर आप इससे बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने मिले।
यह भी पढ़ें : Lung Cancer : फेफड़े का कैंसर क्या है?
किसी भी और लक्षण के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
अगर आपको थकान हो रही हो, शरीर पर लाल चिट्टे पड़ रहे हो या फिर तेज बुखार हो तो इन्हें नजरन्दाज न करे , अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
ल्यूपस का सटीक कारण बता पाना मुश्किल है, मूल रूप से ल्यूपस प्राकृतिक और जेनेटिक कारणों की वजह से होता है। वे लोग जिनमें ल्यूपस का जीन पहले से ही होता है उनमें ल्यूपस प्रकृति के किसी भी एक फैक्टर की वजह से हो सकता है। सूरज की किरणों, संक्रमण, एंटी सीजर दवाएं या फिर ब्लड प्रेशर की दवाओं की वजह से ल्यूपस हो सकता है।
यह भी पढ़ें : Jaundice : क्या होता है पीलिया ? जाने इसके कारण लक्षण और उपाय
यहां दी गई जानकारी किसी भी चकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। इसलिए सही और सटीक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
ल्यूपस (Lupus) की जांच कैसे की जा सकती है ?
ल्यूपस के सही कारणों को पता करना बहुत मुश्किल है क्योंकि एक समय के बाद ये बीमारी बाकी बीमारियों को भी पैदा कर सकती है। सही स्थिति को पता करने के लिए कुछ टेस्ट करवाए जा सकते हैं :
ल्यूपस का कोई सटीक इलाज संभव नहीं है। ल्यूपस का इलाज आपके संकेतों और लक्षणों पर निर्भर करता है। जिन दवाओं का उपयोग ल्यूपस को कम करने के लिए किया जाता है वे ये हैं :
नॉन स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (NSAIDs) जैसे कि नेप्रोक्सेन सोडियम (Aleve )और आईब्रूफेन (जैसे कि एडविल, मोटरीन ) की मदद से आप ल्यूपस से जुड़े दर्द, सूजन और बुखार का इलाज कर सकते हैं।
एंटी-मलेरियल ड्रग जैसे कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) से ल्यूपस का इलाज किया जा सकता है। इन दवाओं से कुछ हानिकारक प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे कि पेट खराब होना या फिर आंखों का रेटिना खराब होना।
प्रेड्निसोन (Prednisone ) और भी तरह के कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) ल्यूपस की जलन को कम कर सकते हैं और इसका प्रभाव लम्बे समय तक रहेगा। लम्बे समय तक ये थेरेपी करवाने से या फिर दवाओं के बहुत अधिक मात्रा से और भी कई प्रभाव हो सकते हैं।
ऐसी दवाएं जो इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करती हैं वे भी ल्यूपस के इलाज में कारगर हो सकती हैं। जैसे कि एजेथायोप्रीन ( azathioprine (Imuran, Azasan)), मायकोफेनोलेट {(mycophenolate (CellCept), leflunomide (Arava) and methotrexate (Trexall), belimumab (Benlysta)}
यह भी पढ़ें: महिलाओं के शरीर में दिखें ये 5 लक्षण तो इन्हें न करें नजर अंदाज
और किसी सवाल या जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी चिकित्सा परामर्श , जांच या इलाज की सलाह नहीं देता है।
और पढ़ें : Piles : बवासीर क्या है?
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr Sharayu Maknikar