“प्रदीप जब सुबह बिस्तर से उठना चाह रहें थें, तो वो उठ नहीं पा रहें। उन्होंने अपनी पत्नी को आवाज लगाई, लेकिन आवाज लगाने के वक्त मुंह टेढ़ा हो गया और सबकुछ अंधेरा-अंधेरा दिखने लगा और जब प्रदीप की आंख खुली तो वो अस्पताल में थें। वहीं उनकी वाइफ और दोनों बच्चे मौजूद थें। अब एकबार फिर से प्रदीप ने कोशिश की उनसे बात करने की, लेकिन वो बोल नहीं पा रहे थें। होंश में देख अपने लाइफ पार्टनर को प्रतिमा खुश हुई, लेकिन आंखों से बहता आंसू बहुत कुछ बयां कर रहा था। हालांकि प्रतिमा खुद को संभालते हुए और चेहरे पर सकारात्मक भाव दिखाते हुए अपने पति से कहती हैं कि आपको पैरालिसिस हुआ है, लेकिन आप जल्द ही ठीक हो जायेंगे”। कुछ महीनों का वक्त बिता और प्रदीप स्वस्थ्य हो गए और वापस से ऑफिस के काम-काज की जिम्मेदारी उठा ली। इनसब में उनका साथ दिया उनकी लाइफ पार्टनर और आयुर्वेदिक इलाज ने। दरअसल ये कहानी थी पुणे के रहने वाले 53 वर्षीय प्रदीप देवकर की, जिन्हें कुछ सालो पहले पैरालिसिस हुआ, लेकिन पैरालिसिस का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Paralysis) ने एक बार फिर से उन्हें एक नई जिंदगी दे दी।