कारण
अपेंडिक्स के कारण क्या हैं? (Appendix Causes)
अपेंडिक्स के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जैसे :
- पेट में इंफेक्शन की परेशानी होना
- पेट में सूजन होना
- डायजेशन ठीक न रहना
- बढ़ती उम्र
- अनहेल्दी फूड का सेवन करना
इन ऊपर बताए गए कारणों के अलावा अन्य कारण भी हो सकते हैं इसलिए हेल्दी डायट जरूर फॉलो करें।
और पढ़ें: आंवला, अदरक और लहसुन बचा सकते हैं हेपेटाइटिस बी से आपकी जान
इलाज
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज क्या है? (Appendix Ayurvedic Treatments)
स्वास्थ्य से जुड़े जानकारों की मानें तो अपेंडिक्स की परेशानी होने पर सर्जरी के माध्यम से इसे निकलवा देना चाहिए। वैसे निम्नलिखित तरह से अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज किया जा सकता है :
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 1: लहसुन (Garlic)
लहसुन में एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं। इन गुणों के साथ-साथ इसमें विटामिन, मैंगनीज, कैल्शियम एवं आयरन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। कच्चे लहसुन का सेवन सेहत के लिए लाभकारी होता है और इसके सेवन से अपेंडिक्स की परेशानी भी नहीं होती है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 2: पुदीना (Mint)
पुदीने में फास्फोरस, विटामिन-सी, विटामिन-ए, आयरन, कैल्शियम एवं मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। पुदीने से अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है। दरअसल, आयुर्वेदिक एक्सपर्ट पुदीने की चाय के सेवन की सलाह देते हैं। क्योंकि पुदीने के सेवन से दर्द में राहत मिलती है और अपेंडिक्स के कारण मतली, गैस और चक्कर आने की परेशानी भी दूर होती है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 3: अदरक (Ginger)
अदरक में संतुलित मात्रा में कैल्शियम, कॉपर, विटामिन-सी, विटामिन-बी 6 एवं आयरन की मौजूदगी इसे औषधीय श्रेणी में लाती है। अदरक के एक नहीं बल्कि कई फायदे हैं, वहीं अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज भी अदरक से किया जाता है।
इसलिए आयुर्वेदिक डॉक्टर अदरक को गर्म पानी में उबालकर चाय की तरह दिन में दो बार पीने की सलाह देते हैं। ऐसा करने से अपेंडिक्स की वजह से हुई सूजन और दर्द से बचा जा सकता है। अदरक के तेल से भी मालिश करने पर लाभ मिल सकता है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 4: तुलसी (Basil)
तुलसी में कई तरह के प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं। तुलसी में मौजूद ये सभी पोषक तत्व शरीर के लिए बेहद लाभकारी होते हैं।
अपेंडिक्स के मरीज को प्रायः बुखार और गैस की परेशानी होती है। इसलिए तुलसी की 4 से 5 पत्तियों का सेवन रोजाना अच्छा माना जाता है। यही नहीं तुलसी के सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 5: जिनसेंग टी (Ginseng)
जिनसेंग औषधियों की श्रेणी के अंतर्गत आता है। अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज जिनसेंग से भी किया जाता है।
इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। आयुर्वेद से जुड़े जानकारों की मानें तो जिनसेंग टी पीने से लाभ मिलता है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 6: अरंडी का तेल (Castor oil)
अरंडी का तेल चेहरे की खूबसरती बढ़ाने के लिए तो खूब मशहूर है लेकिन, क्या आप जानते हैं अपेंडिसाइटिस की परेशानी भी इससे दूर हो सकती है?
दरअसल, नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की रिसर्च के अनुसार अरंडी के तेल में ट्री रिसिनोलिक एसिड मौजूद होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लामेट्री और एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) गुण अपेंडिक्स में होने वाले दर्द को दूर करने में सहायक होते हैं।
इस तेल को कपड़े या कॉटन में लगाकर अपेंडिसाइटिस वाले हिस्से में लगाएं और कुछ देर तक उसे वहीं लगा रहना दें। ऐसा करने से लाभ हो सकता है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 7: ग्रीन टी (Green Tea)
ग्रीन टी का सेवन बेहद लाभकारी होता है। दरअसल, ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एवं एंटी-इन्फ्लामेट्री सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है। इसके सेवन से अपेंडिसाइटिस की वजह से होने वाले दर्द और सूजन की परेशानी दूर होती है।
हालांकि, आयुर्वेद एक्सपर्ट का मानना है कि इससे जुड़े रिसर्च अभी भी जारी है। इसलिए अभी ग्रीन टी से अपेंडिक्स के मरीज को कितना लाभ मिल सकता है, यह अभी साफ नहीं है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज इन ऊपर बताये गए तरीकों से किया जाता है लेकिन, ज्यादातर रिसर्च यही बताती हैं कि अपेंडिक्स की परेशानी अगर हो तो सर्जरी बेहतर विकल्प है।
अपेंडिक्स का आयुर्वेदिक इलाज 8 : मेथीदाना (Fenugreek)
मेथीदाने से बनी चाय अपेंडिक्स से बचाने में मदद करती है। ये शरीर से म्यूकस और आंतों से विषाक्त पदार्थों को साफ करती है। एक लीटर ठंडे पानी में एक चम्मच मेथीदाना डालकर उसे धीमी आंच पर आधे घंटे तक उबालें और फिर छान लें। इसके हल्का ठंडा होने पर घूंट-घूंट कर पिएं।