- एंडोस्कोपी (Endoscopy) – पेट के अंदर की गतिविधियों और सूजन का पता लगाने के लिए पेट के ऊपरी हिस्से की एंडोस्कोपी की जाती है।
- बायोप्सी (Biopsy) – यदि परीक्षण में पेट के भीतर कोई चीज असामान्य पायी जाती है तो डॉक्टर पेट की परत का सैंपल निकालकर बायोप्सी करते हैं।
- एक्सरे (X-ray) – डॉक्टर मरीज को बेरियम का घोल देकर पाचन तंत्र का एक्सरे भी करते हैं जिससे यह पता लगाया जाता है कि पेट का कौन सा हिस्सा प्रभावित है।
- ब्लड टेस्ट (Blood Test) – मरीज के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या काउंट करने के लिए और एनीमिया की स्थिति जांचने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है। इसके अलावा एच. पाइलोरी के इंफेक्शन की जांच के लिए भी ब्लड टेस्ट जरुरी है।
- स्टूल टेस्ट (Stool Test) – यह टेस्ट मरीज के मल में खून और गैस्ट्राइटिस के संभावित लक्षणों को जानने के लिए किया जाता है।
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यदि समय पर गैस्ट्राइटिस की समस्या का निदान मिल जाए तो इलाज शुरू किया जा सकता है। यदि इसका समय पर निदान ना किया जाए, तो कई तरह की जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। इन जटिलताओं में पेट में ब्लीडिंग और अल्सर (Stomach bleeding and ulcer) की समस्या बढ़ सकती है। यदि ऐसी स्थिति को समय पर न संभाला गया, तो यह आगे चलकर पेट के कैंसर का खतरा बढ़ा देती है। यह स्थिति उन लोगों में खासतौर पर दिखाई देती है जिनकी स्टमक लाइनिंग इस समस्या के चलते पतली हो जाती हैं। इस प्रकार की गंभीर जटिलताओं से निपटने के लिए आपको जल्द डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत होती है। डॉक्टर आपकी स्थिति को देखते हुए और लक्षणों को समझते हुए गैस्ट्राइटिस को क्रॉनिक गैस्ट्राइटिस बनने से बचा सकते हैं। इसलिए समय रहते इस समस्या का इलाज करना बेहद जरूरी है।
गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट : है बेहद कारगर (Homeopathic treatment for Gastritis)
अब तक अपनी जाना कि किस तरह गैस्ट्राइटिस की समस्या आपको लंबे समय तक परेशान कर सकती है, आइए अब जानते हैं गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट किस तरह उपलब्ध है। यह होम्योपैथी ट्रीटमेंट गैस्ट्राइटिस की समस्या को जड़ से खत्म करने में मदद कर सकते हैं।
गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट (Homeopathic treatment for Gastritis) अलग-अलग तरह से लिए जा सकते हैं, जिसे एक हॉलिस्टिक अप्रोच के तौर पर देखा जाता है। इसकी समस्या को अक्सर तनाव के साथ जोड़कर देखा जाता है और तनाव को ठीक करने के लिए होम्योपैथी एक बेहतरीन उपाय मानी जाती है। गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट आपको पेट में जलन (Stomach Irritation), नॉशिया, लगातार आने वाली डकार जैसे लक्षणों से निजात दिला सकता है।
गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट एक असरदार और सेफ उपाय माना जाता है। साथ ही गैस्ट्राइटिस का होम्योपैथिक ट्रीटमेंट करने से दोबारा आपको इसी समस्या की होने का खतरा कम हो जाता है। इस ट्रीटमेंट में आपको साइड इफेक्ट की टेंशन नहीं रहती। गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट (Homeopathic treatment for Gastritis) के अनुसार आपको इन दवाओं की जरूरत पड़ सकती है।
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गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट : नैट्रम फॉस (Natrum – Phos)
नैट्रम फॉस (Natrum – Phos) सोडियम फास्फोरस के फॉस्फेट के रूप में भी जाना जाता है। यह लैक्टिक एसिड में बढ़ोतरी के कारण होने वाले लक्षणों के इलाज में उपयोगी माना जाता है। एसिडिटी के बढ़ने और इससे जुड़ी समस्याओं का उपचार इसके द्वारा किया जाता है। यह अपच, डिस्पेप्सिया और चक्कर आने जैसी समस्याओं में भी उपयोगी माना जाता है।
गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट: नक्स वॉम (Nux- vom)
नक्स वॉम (Nux- vom), यह इसी नाम से एक सदाबहार पेड़ से आता है, जो चीन, पूर्वी भारत, थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। इसके कच्चे बीज, उनके जहरीले स्वभाव के कारण ‘पोईजन नट’ के नाम से जाने जाते हैं। उन्हें सुरक्षित बनाने के लिए सेवन से पहले इन्हें प्रोसेस किया जाता है। सप्लिमेंट के रूप में उपयोग किए जाने वाले नक्स वॉम (Nux- vom) को गोली या पाउडर के रूप में लिया जा सकता है। नक्स वॉम का उपयोग अक्सर गैस्ट्रिक स्थितियों में किया जाता है, जो खाने के बाद पेट दर्द का कारण बनता है। इसके अलावा मतली, उल्टी, मोशन में गड़बड़ी में भी ये इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट : आर्सेनिक एल्ब (Arsenic –Alb)
आर्सेनिक एल्ब (Arsenic –Alb) मुख्य रूप से एसिडिटी, अपच, और पेट की अन्य बीमारियों के उपचार के लिए उपयोग में लाया जाता है। यह श्वसन समस्याओं के उपचार में भी मदद करता है, जिसमें गले में संक्रमण, गले में खराश, और खांसी के कारण सांस लेने में कठिनाई जैसी दिक्कतों का सामवेश होता है। यह एक संक्रमण के बाद बुखार और कमजोरी को कम करने में भी मदद कर सकता है। इस दवा को लेने से आपको संक्रमण के खिलाफ अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
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गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट : रोबिनिया (Robinia)
रोबिनिया (Robinia), हायपर एसिडिटी के उपचार के लिए एक प्रभावी होम्योपैथी उपचार है। रोबिनिया एक हर्बल मेडिसिन है, जो हायपर एसिडिटी से जुड़े कई लक्षणों को ठीक करता है, जैसे कि मतली, अपच और सिरदर्द, इत्यादि। यह जले हुए घावों के इलाज में भी सहायक साबित होता है।
गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट : फॉस्फोरस (Phosphorus)
फॉस्फोरस (Phosphorus) का इस्तेमाल गैस्ट्रिक स्थितियों में किया जाता है, खास तौर पर उन लोगों के लिए, जो अपच, सूजन या गैस और पेट में जलन का अनुभव करते हैं। इसके अलावा इसका उपयोग चिंता, अल्जाइमर रोग और श्वसन संबंधी विकारों जैसे ब्रोंकाइटिस और अस्थमा का उपचार करने के लिए किया जाता है। यह छाती में जमाव से राहत देता है और सांस लेने में की समस्या में भी मदद करता है।
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इस तरह गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। गैस्ट्राइटिस के लक्षणों के अनुसार आपको इलाज की जरूरत पड़ सकती है, ऐसे में आप डॉक्टर से संपर्क करके गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट (Homeopathic treatment for Gastritis) ले सकते हैं। गैस्ट्राइटिस के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट एक आसान मगर प्रभावी इलाज माना जाता है, इसलिए समय रहते गैस्ट्राइटिस की समस्या का इलाज करना आपके लिए जरूरी होगा।