5.मिथ- होम्योपैथिक डॉक्टर्स (Homeopathic doctors) के पास डिग्री नहीं होती और न ही वे किसी प्रकार की ट्रेनिंग लेते हैं
फैक्ट- आपको बता दें कि दुनियाभर में क्वालिफाइड डॉक्टर्स ही होम्योपैथी की प्रेक्टिस करते हैं। भारत में 180 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज होम्योपैथी में डिग्री और पॉस्टग्रेजुएशन ऑफर करते हैं। भारत में 2 लाख से ज्यादा ट्रेन्ड होम्योपैथी डॉक्टर्स हैं। भारत में, होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में स्नातक होने में साढ़े पांच साल लगते हैं। होम्योपैथी को संसद के एक अधिनियम द्वारा मान्यता प्राप्त है।
6.मिथ- होम्योपैथी ट्रीटमेंट (Homeopathy treatment) के दौरान डायट्री रिस्ट्रिक्शन्स को फॉलो करना पड़ता है
फैक्ट- होम्योपैथिक दवाएं टंग और मुंह के अंदर की लाइनिंग से एब्जॉर्ब की जाती हैं। इसलिए मरीज को दवा के 10 मिनट पहले और बाद में कुछ खाने और पीने से मना किया जाता है। वहीं कुछ मरीजों को प्याज, लहसुन, चाय, कॉफी, पुदीना और एल्कोहॉल आदि का इस्तेमाल ना करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इनमें पाए जाने वाले सब्सटेंस कुछ दवाओं के एक्शन को प्रभावित करते हैं। वहीं ये कुछ के लिए एंटीडोट (Antidote) का काम कर सकते हैं। एल्कोहॉल और तंबाकू का उपयोग ना करना वैसे भी हेल्थ के लिए अच्छा ही है। किसी भी होम्योपैथिक दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करें।

7.मिथ- होम्योपैथिक दवाओं में स्टेरॉइड्स (Steroids) होते हैं?
फैक्ट- पहले तो लोगों को लगता है कि होम्योपैथिक दवाएं देर से असर करती हैं, लेकिन जब उनका असर जल्दी दिखने लगता है तो लोगों को लगता है कि इनमें स्टेरॉइड्स का उपयोग किया जाता है। जो कि पूरी तरह गलत है। होम्योपैथिक दवाएं नैचुरल सब्सटेंस से मिलकर बनी होती हैं।
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8.मिथ- होम्योपैथिक दवाओं (Homeopathic medicines) का उपयोग इमरजेंसी में नहीं किया जा सकता है?
फैक्ट- होम्यापैथिक मेडिसिन चोट, किसी प्रकार के एक्सीडेंट से राहत दिलाने वाली शानदार रेमेडीज हैं। हालांकि ये जरूरी है कि आप किसी क्वालिफाइड होम्यापैथिक फिजिशियन से सही गाइडेंस लें। तभी आपकी परेशानी दूर होगी। ऐसी किसी भी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही दवा लें।
9.मिथ- डायबिटीज के पेशेंट (Diabetic Patient) होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग नहीं कर सकते क्योंकि ये मीठी होती हैं
फैक्ट- होम्यापैथिक दवाओं में ग्लूकोज (Glucose) नहीं होता है जो डायबिटिक (Diabetic) के लिए हार्मफुल होता है। ये दवाएं लैक्टोज (Lactose) से मिलकर बनी होती हैं। एक हफ्ते तक होम्योपैथिक दवाएं लेने पर मरीज एक टीस्पून से ज्यादा शुगर को कंज्यूम नहीं करता है, लेकिन अगर इससे भी किसी प्रकार की परेशानी है तो मरीज दवा का लिक्विड फॉर्म ले सकते हैं।
10. मिथ- होम्योपैथी सर्जिकल प्रॉसीजर का अल्टरनेटिव भी हो सकती है?
होम्योपैथी किसी भी सर्जिकल प्रॉसीजर का अल्टरनेटिव नहीं हो सकती। होम्योपैथी ट्रीटमेंट की भी लिमिटेशन हैं। सर्जरी वाले केस में हमेशा सर्जरी ही की जाती है, लेकिन अगर कोई मरीज प्रारंभिक स्थिति में डॉक्टर के पास जाता है और अगर डॉक्टर उसके केस के हिसाब से उचित दवा देने में समर्थ हो जाता है तो कुछ केसेज में सर्जरी को टाला जा सकता है। हर बीमारी के प्रकार और उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है।
11.मिथ- होम्योपैथिक ट्रीटमेंट (Homeopathy treatment) के साथ आप कोई दूसरा ट्रीटमेंट नहीं ले सकते
फैक्ट- 60 प्रतिशत मरीज जो होम्योपैथी ट्रीटमेंट लेते हैं वे पहले से ही कुछ बीमारियों के लिए दूसरी दवाएं ले रहे होते हैं। जैसे डायबिटीज और हायपरटेंशन की दवाएं। इसलिए आप दूसरे ट्रीटमेंट की दवाओं को भी होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के साथ ले सकते हैं। यह यूनानी, आयुर्वेदिक, नैचरोपैथी की तरह ही है। अगर किसी तरह के इंटरैक्शन की संभावना होगी तो डॉक्टर इसके बारे में निर्देश देगा और दो दवाओं के समय में अंतर रखने को कहेगा।
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मिथ-12 होम्योपैथिक दवाएं एंटीबायोटिक्स को मात नहीं दे सकती

फैक्ट- कई सालों में ऐसा देखा गया है कि कई तरह के इलाज और बीमारी के नियंत्रण में होम्योपैथिक मेडिसिन एंटीबायोटिक्स के बिना ही सफल साबित हुई हैं। इसके उपयोग से किसी प्रकार के ड्रग रेजिस्टेंस की संभावना भी नहीं रहती जैसे कि एंटीबायोटिक मेडिकेशन में होता है। साथ ही होम्योपैथिक मेडिसिन के साइड इफेक्ट्स भी नहीं हैं।
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