backup og meta

World Homeopathy Day: होम्योपैथी यानी 'मीठी गोलियां' अगर आप भी ऐसा मानते हैं तो ये लेख जरूर पढ़ना चाहिए

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 01/04/2022

    World Homeopathy Day: होम्योपैथी यानी 'मीठी गोलियां' अगर आप भी ऐसा मानते हैं तो ये लेख जरूर पढ़ना चाहिए

    होम्योपैथी (Homeopathy) चिकित्सा की एक पद्धति है जिसका उपयोग 20 करोड़ से ज्यादा लोग एक्यूट और क्रोनिक कंडिशन्स (Chronic conditions) के इलाज में करते हैं। होम्योपैथी इस सिद्धांत पर आधारित है कि उपचार ‘व्यक्तिगत’ होना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति के विशिष्ट लक्षणों, परिवारिक इतिहास, शरीर और उनकी जरूरतों के अनुसार होना चाहिए। अगर दो लोगों को एक ही बीमारी है तो वे होम्योपैथिक डॉक्टर (Homeopathic doctor) से अलग-अलग तरह का ट्रीटमेंट और निर्देश प्राप्त कर सकते हैं। हर बॉडी ट्रीटमेंट के प्रति कैसे रिस्पॉन्ड करती है इस पर भी यह आधारित होता है।

    होम्योपैथी पद्धति कैसे काम करती है (How Homeopathy works?)

    होम्योपैथिक डॉक्टर्स मरीज से उनके स्ट्रेस, रिलेशनशिप, व्यक्तिगत विशेषताओं के बारे में डिटेल्ड डिस्कशन करते हैं। मरीज हर डोज के प्रति अलग तरह से रिस्पॉन्ड करते हैं। कुछ को हायर डोज की जरूरत होती है तो कुछ लोअर डोज की। होम्योपैथी में कम से कम डोज से ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने की कोशिश की जाती है। पेशेंट से डिटेल्ड बातचीत के साथ ही डॉक्टर मरीज के लक्षणों को समझने के लिए लेब टेस्ट भी कराते हैं। होम्योपैथी बॉडी के इम्यून सिस्टम और नैचुरल हीलिंग (Natural Healing) को स्टिम्यूलेट करती है। होम्योपैथी का मूल उद्देश्य सिर्फ लक्षणों का इलाज कर बीमारी को दूर करना नहीं बल्कि इम्यून सिस्टम (immune system) पर काम करके पॉजिटिव रिस्पॉन्स को बढ़ाना और व्यक्ति को स्वास्थ्य की राह पर ले जाना है।

    आयुर्वेदिक मिथ

    बता दें कि 200 साल पुरानी इस पद्धति को लेकर लोगों के मन में हमेशा कुछ भ्रम रहता है। यहां तक कि कुछ लोग इसे साइंटफिक नहीं मानते तो कुछ को इसके मेडिकेशन पर भरोसा नहीं है। होम्योपैथी ट्रीटमेंट को लेकर लोगों के मन में कई मिथ हैं। इस बारे में हैलो स्वास्थ्य ने मुंबई की होम्योपैथ और लाइफ स्टाइल कंसल्टेंट डॉ स्नेहल से बात की। उन्होंने बताया, “होम्योपैथी को लेकर लोगों के मन में जो मिथ है वे सही नहीं हैं। मैं खुद एक होम्योपैथ हूं तो इस बारे में अच्छी तरह बता सकती हूं कि होम्योपैथिक मेडिसिन इफेक्टिव होती हैं। होम्योपैथी को प्लासिबो (placebo) समझा जाता है जो गलत है। एक्यूट कंडिशन्स जैसे कि मेन्ट्रुएल क्रैम्प (menstrual cramps), दांत में दर्द (Tooth Ace) के मरीजों पर दवाएं जल्दी राहत प्रदान कर सकती है। अक्सर ऐसा माना जाता है कि क्रोनिक पेशेंट्स (Chronic patients) पर होम्योपैथी जल्दी असर नहीं करती। ऐसा नहीं है बल्कि सच ये है कि लोग बाकी सारा इलाज कराने के बाद आखिर में होम्योपैथी का सहारा लेते हैं। तब तक बीमारी काफी बढ़ जाती है। इसलिए उसको ठीक होने में समय लगता है।”

    और पढ़ें: जानें एनीमिया के इलाज के लिए कितना प्रभावकारी है होम्योपैथिक इलाज

    10 अप्रेल को वर्ल्ड होम्योपैथी डे मनाया जाता है। इस मौके पर हम आपको कुछ ऐसे होम्योपैथी मिथ और उनकी सच्चाई बता रहे हैं जिन्हें वर्षों से लोग सही मान रहे हैं।

    1.होम्योपैथी मिथ (Homeopathy Myth)- होम्योपैथी अप्रमाणित विज्ञान (unproven science) है

    फैक्ट- होम्योपैथी प्रयोगात्मक औषधीय (experimental pharmacological) और क्लिनिकल डेटा (clinical data) पर आधारित है। इन वर्षों में होम्योपैथिक दवाओं और बीमारियों के लक्षणों पर उनकी प्रभावशीलता पर बड़े स्तर पर अध्ययन किया गया है। भारत के साथ-साथ अन्य देशों में ऐसी स्टडीज हुई हैं। जिसमें इस बात की पुष्टि की है कि होम्योपैथी साइंटिफिक पद्धति है।

    2.होम्योपैथी मिथ (Homeopathy Myth)- होम्योपैथिक दवाएं (Homeopathic medicines) सिर्फ शुगर पिल्स हैं इनकी कोई मेडिकल वैल्यू नहीं है

    फैक्ट- यह बात पूरी तरह गलत है। दरअसल सफेद गोलियां उसके अंदर की दवा के लिए कैरियर का काम करती हैं जो असल में एल्कोहॉल बेस्ड होती है। अन्यथा दवा को डायरेक्टली या पानी में मिलाकर भी लिया जा सकता है। मरीज की स्थिति के अनुसार दवा को प्रिस्क्राइब किया जाता है। होम्योपैथी में 3000 के लगभग दवाएं हैं और हर दव की दस वेरिएबल पोटेंसीज (variable potencies) हैं। इस प्रकार 30 हजार से अधिक दवाओं का यूज किया जा सकता है। इन दवाओं पर कई अध्ययन किए गए हैं जिनमें इन्हें अनेक बीमारियों पर इफेक्टिव पाया गया है। इसलिए होम्यौपैथिक मेडिसिन को सिर्फ शुगर पिल्स समझना सही नहीं है।

    और पढ़ें: Arnica : मांसपेशियों की सूजन को दूर करने के लिए असरदार है ये होम्योपैथिक दवा

    3.मिथ (Homeopathy Myth)- होम्योपैथी देर से असर करती है

    फैक्ट- होम्योपैथिक दवाएं स्लो नहीं है। दवा का असर बीमारी का प्रकार और उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। बीमारी के शुरुआत में दवा लेने पर यह जल्दी असर दिखाती है। क्रोनिक डिजीज (Chronic disease) के उपचार में थोड़ा समय लगता है। अक्सर लोग अर्थराइटिस (Arthritis), एलर्जिक अस्थमा (Allergic asthma) और स्किन कंडिशन्स के इलाज के लिए होम्योपैथी का सहारा लेते हैं। जिनके इलाज में समय लगता है। होम्योपैथी हो कोई अन्य पद्धति किसी भी बीमारी का उपचार जितनी जल्दी किया जाए फायदा उतनी ही जल्दी होता है।

    4.मिथ- होम्योपैथी से डायरिया (Diarrhea), फीवर (fever), कफ (cough) और कोल्ड (cold) का इलाज संभव नहीं है

    फैक्ट- होम्योपैथी मिथ में यह भी एक है। होम्योपैथी इन कैसेज में भी इफेक्टिव है। हर मरीज की स्थिति, बीमारी के प्रकार के आधार पर डॉक्टर ट्रीटमेंट सजेस्ट करते हैं। डॉक्टर की सलाह मानकर इन परेशानियों से बचा जा सकता है।

    और पढ़ें: आपकी मुस्कान में दखल देने वाले दांत दर्द को भगाएं होम्योपैथी से

    5.मिथ- होम्योपैथिक डॉक्टर्स (Homeopathic doctors) के पास डिग्री नहीं होती और न ही वे किसी प्रकार की ट्रेनिंग लेते हैं

    फैक्ट- आपको बता दें कि दुनियाभर में क्वालिफाइड डॉक्टर्स ही होम्योपैथी की प्रेक्टिस करते हैं। भारत में 180 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज होम्योपैथी में डिग्री और पॉस्टग्रेजुएशन ऑफर करते हैं। भारत में 2 लाख से ज्यादा ट्रेन्ड होम्योपैथी डॉक्टर्स हैं। भारत में, होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में स्नातक होने में साढ़े पांच साल लगते हैं। होम्योपैथी को संसद के एक अधिनियम द्वारा मान्यता प्राप्त है।

    6.मिथ- होम्योपैथी ट्रीटमेंट (Homeopathy treatment) के दौरान डायट्री रिस्ट्रिक्शन्स को फॉलो करना पड़ता है

    फैक्ट- होम्योपैथिक दवाएं टंग और मुंह के अंदर की लाइनिंग से एब्जॉर्ब की जाती हैं। इसलिए मरीज को दवा के 10 मिनट पहले और बाद में कुछ खाने और पीने से मना किया जाता है। वहीं कुछ मरीजों को प्याज, लहसुन, चाय, कॉफी, पुदीना और एल्कोहॉल आदि का इस्तेमाल ना करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इनमें पाए जाने वाले सब्सटेंस कुछ दवाओं के एक्शन को प्रभावित करते हैं। वहीं ये कुछ के लिए एंटीडोट (Antidote) का काम कर सकते हैं। एल्कोहॉल और तंबाकू का उपयोग ना करना वैसे भी हेल्थ के लिए अच्छा ही है। किसी भी होम्योपैथिक दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करें।

    होम्योपैथी मिथ

    7.मिथ- होम्योपैथिक दवाओं में स्टेरॉइड्स (Steroids) होते हैं?

    फैक्ट- पहले तो लोगों को लगता है कि होम्योपैथिक दवाएं देर से असर करती हैं, लेकिन जब उनका असर जल्दी दिखने लगता है तो लोगों को लगता है कि इनमें स्टेरॉइड्स का उपयोग किया जाता है। जो कि पूरी तरह गलत है। होम्योपैथिक दवाएं नैचुरल सब्सटेंस से मिलकर बनी होती हैं

    और पढ़ें: एंग्जायटी यानी चिंता से राहत पाने के लिए इन होम्योपैथी उपचारों को अपनाना न भूलें

    8.मिथ- होम्योपैथिक दवाओं (Homeopathic medicines) का उपयोग इमरजेंसी में नहीं किया जा सकता है?

    फैक्ट-  होम्यापैथिक मेडिसिन चोट, किसी प्रकार के एक्सीडेंट से राहत दिलाने वाली शानदार रेमेडीज हैं। हालांकि ये जरूरी है कि आप किसी क्वालिफाइड होम्यापैथिक फिजिशियन से सही गाइडेंस लें। तभी आपकी परेशानी दूर होगी। ऐसी किसी भी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही दवा लें।

    9.मिथ- डायबिटीज के पेशेंट (Diabetic Patient) होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग नहीं कर सकते क्योंकि ये मीठी होती हैं

    फैक्ट- होम्यापैथिक दवाओं में ग्लूकोज (Glucose) नहीं होता है जो डायबिटिक (Diabetic) के लिए हार्मफुल होता है। ये दवाएं लैक्टोज (Lactose) से मिलकर बनी होती हैं। एक हफ्ते तक होम्योपैथिक दवाएं लेने पर मरीज एक टीस्पून से ज्यादा शुगर को कंज्यूम नहीं करता है, लेकिन अगर इससे भी किसी प्रकार की परेशानी है तो मरीज दवा का लिक्विड फॉर्म ले सकते हैं।

    10. मिथ- होम्योपैथी सर्जिकल प्रॉसीजर का अल्टरनेटिव भी हो सकती है?

    होम्योपैथी किसी भी सर्जिकल प्रॉसीजर का अल्टरनेटिव नहीं हो सकती। होम्योपैथी ट्रीटमेंट की भी लिमिटेशन हैं। सर्जरी वाले केस में हमेशा सर्जरी ही की जाती है, लेकिन अगर कोई मरीज प्रारंभिक स्थिति में डॉक्टर के पास जाता है और अगर डॉक्टर उसके केस के हिसाब से उचित दवा देने में समर्थ हो जाता है तो कुछ केसेज में सर्जरी को टाला जा सकता है। हर बीमारी के प्रकार और उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है।

    11.मिथ- होम्योपैथिक ट्रीटमेंट (Homeopathy treatment) के साथ आप कोई दूसरा ट्रीटमेंट नहीं ले सकते

    फैक्ट- 60 प्रतिशत मरीज जो होम्योपैथी ट्रीटमेंट लेते हैं वे पहले से ही कुछ बीमारियों के लिए दूसरी दवाएं ले रहे होते हैं। जैसे डायबिटीज और हायपरटेंशन की दवाएं। इसलिए आप दूसरे ट्रीटमेंट की दवाओं को भी होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के साथ ले सकते हैं। यह यूनानी, आयुर्वेदिक, नैचरोपैथी की तरह ही है। अगर किसी तरह के इंटरैक्शन की संभावना होगी तो डॉक्टर इसके बारे में निर्देश देगा और दो दवाओं के समय में अंतर रखने को कहेगा।

    और पढ़ें: कहीं आपकी लो सेक्स ड्राइव (low sex drive) का कारण ये दवाएं तो नहीं?

    मिथ-12 होम्योपैथिक दवाएं एंटीबायोटिक्स को मात नहीं दे सकती

    फैक्ट- कई सालों में ऐसा देखा गया है कि कई तरह के इलाज और बीमारी के नियंत्रण में होम्योपैथिक मेडिसिन एंटीबायोटिक्स के बिना ही सफल साबित हुई हैं। इसके उपयोग से किसी प्रकार के ड्रग रेजिस्टेंस की संभावना भी नहीं रहती जैसे कि एंटीबायोटिक मेडिकेशन में होता है। साथ ही होम्योपैथिक मेडिसिन के साइड इफेक्ट्स भी नहीं हैं।

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और होम्योपैथी मिथ से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 01/04/2022

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement