सीज़ियम जंबोलनम (SYZYGIUM JAMBOLANUM)
सीज़ियम जंबोलनम डायबिटीज के लिए होम्योपैथी (Homeopathy for diabetes) में सबसे अधिक प्रयोग होने वाली दवा है। यह उन मरीजों को दी जाती है जिनका ब्लड शुगर लेवल बहुत अधिक हो और इसे संतुलित करना हो। इसके साथ ही मूत्र में ग्लूकोज की कमी और खत्म हो जाने की समस्या हो। बहुमूत्रता(Polyuria) के साथ क्रोनिक डायबिटिक अल्सर में भी इसे दिया जा सकता है।
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डायबिटीज के लिए होम्योपैथी (Homeopathy for diabetes) उपचार में कितनी जल्दी परिणाम देखने को मिलते हैं?
होम्योपैथी में रोगी की स्थिति पर प्रभाव के लिए कुछ समय चाहिए होता है। हालांकि, मधुमेह की स्थिति में वैसे भी इसके लक्षणों के कम होने में लंबा समय ले सकता है। लेकिन डायबिटीज के लिए होम्योपैथी (Homeopathy for diabetes) मधुमेह की गंभीर जटिलताओं को दूर के लिए फायदेमंद है। जैसे कि यह छाले और नपुंसकता आदि। आप कुछ महीनों में इसके अच्छे परिणाम देखने की उम्मीद कर सकते हैं। लेकिन, प्रत्येक व्यक्ति अलग होता है। ऐसे में हो सकता है कि कुछ लोगों को इसके परिणाम जल्दी देखने को मिलें तो कुछ को कुछ देर में।
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डायबिटीज के लिए होम्योपैथिक उपचार(Homeopathic treatment for diabetes) के साइड इफेक्ट क्या हैं?
आमतौर पर होम्योपैथी दवाओं का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता, लेकिन हर व्यक्ति अलग होता है। इसलिए, अगर आपको इसकी किसी खास दवाई का साइड इफेक्ट देखने को मिले जैसे एसिडिटी, एलर्जी, दर्द, सेक्शुअल उत्तेजना या अन्य। तो इस दवाई को लेना बंद कर दें और अपने होमियोपैथ डॉक्टर से बात करें। इसके साइड इफेक्ट इसकी खुराक की प्रभावशीलता की वजह से भी हो सकते हैं। किसी औषधि की कम मात्रा या प्रभावशीलता आपके लिए अधिक असरदार हो सकता है। कुछ खास स्थितियों में पहले डॉक्टर की सलाह के बिना इनका सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। जैसे गर्भावस्था में डायबिटीज के लिए होम्योपैथी का प्रयोग (Homeopathy for diabetes in pregnancy)।

जीवनशैली में बदलाव है जरूरी
ध्यान रहे दवाईयां या उपचार के तरीके जैसे डायबिटीज के लिए होम्योपैथी (Homeopathy for diabetes) इलाज का केवल हिस्सा हैं। लेकिन, अगर आप अच्छे परिणाम चाहते हैं। तो आपको अपने जीवन में भी बदलाव लाने चाहिए। जैसे:
- सही और पौष्टिक आहार लें जिनमें उच्च मात्रा में फाइबर, कम मात्रा में वसा, अधिक फल और सब्जियां और कम चीनी व नमक। अपने डॉक्टर से अपने डाइट चार्ट को बना लें। सही समय और सही मात्रा में आहार का सेवन भी डायबिटीज के उपचार में आपकी मदद कर सकता है।
- दिन में कम से कम तीस मिनट तक व्यायाम करना जरूरी है। व्यायाम करने से ग्लूकोज लेवल कम होता है।
- सिगरेट या शराब के सेवन से बचें। तंबाकू दिल संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है। जैसे हार्ट अटैक या स्ट्रोक आदि। शराब से भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
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- अपने पैरों का ध्यान रखें। डायबिटीज से पैरों को कई परेशानियां हो सकती हैं जैसे इंफेक्शन या फुट अलसर आदि। किसी कट, छाले या अन्य चोट के लिए रोजाना अपने पैरों की जांच करें।
- मधुमेह रेटिनोपैथी की जांच वर्ष में कम से कम दो बार अवश्य कराएं। क्योंकि, डायबिटीज से ब्लाइंडनेस हो सकती है।
आपको समय-समय पर अपने डॉक्टर की सलाह भी लेनी चाहिए और जांच करानी चाहिए। क्योंकि डायबिटीज कोई सामान्य रोग नहीं है। इसे हलके में न लें और अपना ध्यान रखें। डायबिटीज के लिए होम्योपैथी (Homeopathy for diabetes) के तरीके से उपचार कराने से पहले भी इसके बारे में अच्छे से जानकारी ले लें और किसी प्रशिक्षित होम्योपैथ से अपना इलाज कराएं।