ग्रेफाइट्स नेचुरलिस (Graphites Naturalis)
ऐसे मामले में ग्रेफाइट्स नेचुरलिस अच्छी तरह से काम करती है, जहां फटी त्वचा के साथ ही गले में खराश हो। ग्रेफाइट नेचुरलिस स्कैल्प सोरायसिस के मामलों के लिए भी उपयोगी है। ऐसे मामलों में, स्कैल्प को छूने पर दर्द हो सकता है, जिससे खुजली भी हो सकती है। स्कैल्प पर फोड़े कानों के पीछे भी फैल सकते हैं। नेल सोरायसिस के मामलों में होम्योपैथिक नेल सोरायसिस ट्रीटमेंट(homeopathic nail psoriasis treatment) भी आपके काम आ सकता है। इस नेल ट्रीटमेंट में ग्रेफाइट्स नेचुरलिस का प्रयोग किया जाता है, खासतौर पर अगर आपके नाखून खुरदरे,मोटे और विकृत हैं।
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कार्सिनोसिन (Carcinosin)
यह सोरायसिस होम्योपैथिक उपचार(Psoriasis homeopathic treatment) उन रोगियों के लिए है, जिन्हें आनुवांशिकी के कारण सोरायसिस हो जाता है। यह एक शक्तिशाली और प्रभावी दवा है,जो कैंसर के टिश्यू से बनाई जाती है। यह सुनने में अजीब लग सकता है,लेकिन कार्सिनोसिन उन लोगों के लिए सबसे अच्छी होम्योपैथिक दवा है, जिनके परिवार में सोरायसिस चल रहा है। इस दवाई की सलाह उन रोगियों के लिए भी दी जा सकती है जो भावनात्मक रूप से कमजोर हैं।

काली आर्सेनिकम (Kali Arsenicum)
इस सोरायसिस होम्योपैथिक उपचार(Psoriasis homeopathic treatment) की सलाह उन लोगों को दी जाती है जो विशेष रूप से गर्म परिस्थितियों में बहुत अधिक खुजली से पीड़ित होते हैं। यह उन लोगों को भी दी जा सकती है जिनके कोहनी के अंदरूनी हिस्से के साथ-साथ घुटनों के पीछे कट और घाव हैं। काली आर्सेनिकम सोरियाटिक गठिया से पीड़ित लोगों के लिए बेहतरीन होम्योपैथिक उपचार है।
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ग्रेफाइटस (Graphites)
जब सोरायसिस के मैनेजमेंट की बात आती है, तो ग्रेफाइटस एक ऐसा होम्योपैथी उपचार है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता । यह त्वचा के सूखेपन, कठोर, मोटी और खुरदरी त्वचा का इलाज करने में मदद करता है। इसका उपयोग नाखूनों पर सोरायसिस के इलाज के लिए भी किया जा सकता है। कान के पीछे,कमर, गर्दन और कोहनी और घुटनों पर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। आमतौर पर, यह उपाय मोटे लोगों, कब्ज से पीड़ित लोगों या ठन्डे मौसम के प्रति संवेदनशील लोगों के लिए बेहतरीन है।