घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज 3: निदान परिवर्चन
आयुर्वेद में बीमारी के इलाज के लिए फास्ट भी करवाया जाता है। लेकिन, यहां उपवास या व्रत का यह अर्थ नहीं होता है की मरीज कुछ खाये-पीये ही नहीं। दरअसल आयुर्वेद एक्सपर्ट इलाज के दौरान मरीज को तभी खाने की सलाह देते हैं, जब भूख लगे। क्योंकि बार-बार खाने से शरीर के वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है। इस दौरान पेशेंट को पौष्टिक आहार, जड़ी-बूटी और औषधि का सेवन भी करवाया जाता है। इस प्रक्रिया से घुटनों में दर्द की परेशानी को दूर करने के साथ-साथ दोबारा दर्द की संभावना कम हो जाती है।
घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज 4: अग्नि कर्म
अग्नि कर्म के बारे में आयुर्वेद से जुड़े जानकारों की मानें तो इस दौरान दर्द या घाव वाले स्थान को सावधानी पूर्वक जलाया जाता है। जिससे वात रोग से राहत मिलती है। ऐसा करने से संक्रमण, घाव एवं पस की परेशानी दूर होती है। हालांकि अग्नि कर्म का निर्णय आयुर्वेद चिकित्षक ही करते हैं कि यह प्रक्रिया अपनाना चाहिए या नहीं।
घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज 5: बस्ती कर्म
बस्ती कर्म एक तरह की एनिमा थेरिपी है, जिससे पेट को साफ किया जाता है। इससे जोड़ों में होने वाले दर्द को दूर करने में मदद मिलती है। इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकती है। प्रायः बस्ती कर्म के बाद मरीज को कमजोरी महसूस होती है। बस्ती कर्म की मदद से घुटनों के दर्द से राहत मिलने के साथ-साथ यह कोलोन कैंसर या दस्त की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भी लाभकारी होता है।
घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज 6: स्वेदन
इस प्रक्रिया के अंतर्गत मरीज को पसीना लाया जाता है। दर्द वाली जगहों पर जड़ी-बूटी लगाई जाती है। यह घुटनों के दर्द को दूर करने में काफी सहायक माना जाता है। मरीज की परेशानी को समझते हुए अलग-अलग तरह की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है।
घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज के लिए ऊपर बताई गई खास आयुर्वेदिक पद्धति से की जाती है
घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज 7: अश्वगंधा
अश्वगंधा में एंटी-इंफ्लेमटरी (Anti-inflammatory) और एंटीअर्थरिटिक (Antiarthritic) प्रॉपर्टीज मौजूद होते हैं, जो जोड़ों के दर्द को दूर करने के साथ-साथ सूजन की परेशानी को भी दूर करने में मददगार है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार इसके सेवन से जोड़ों में होने वाली परेशानी से राहत मिल सकती है।
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घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज 8: अदरक
खाद्य पदार्थों का स्वाद बढ़ाने के लिए एवं चाय के सेवन से ताजगी महसूस करने के लिए अदरक का सेवन किया जाता है। लेकिन, आयुर्वेदिक एक्सपर्ट अदरक फीवर से परेशान लोगों के लिए भी इसकी खासियत बताते हैं। अदरक में विटामिन-बी 6 और मैग्नेशियम जैसे अन्य तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर के लिए लाभकारी होता हैं और घुटनों की परेशानी दूर करने में सहायक होते हैं।
घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज 9: गुडूची
आयुर्वेद में कहा गया है कि गुडूची के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर कमजोर पड़ने पर घुटनों की परेशानी शुरू हो जाती है, इसलिए घुटने का आयुर्वेदिक इलाज गुडूची से किया जाता है।इसके सेवन से घुटनों के दर्द के अलावा उल्टी, दस्त, सर्दी-जुकाम या खांसी की परेशानी बुखार से पीड़ित व्यक्तियों के लिय भी लाभकारी होता है। इस औषधि में शक्तिशाली गुण मौजूद होने की वजह से यह डायजेशन प्रोसेस को भी ठीक रखने में मददगार है। इसलिए आयुर्वेद विशेषज्ञ बुखार इस औषधि के सेवन की सलाह देता है।
घुटनों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज 10: सरसों का तेल
सरसों के तेल में विटामिन, खनिज, कैल्शियम और आयरन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है , जो सेहत के लिए कई दृष्टिकोण से लाभकारी माना जाता है। सरसों का तेल एक नहीं बल्कि कई तरह से लाभकारी होता है। क्योंकि इस तेल से बनी सब्जी का सेवन तो हम करते ही हैं, वहीं इससे शरीर की मालिश भी की जाती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर इसके सेवन और इससे मालिश दोनों की सलाह देते हैं।