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योग से रोग निवारण: माइग्रेन (Migren): रोग के लिए योग
यह एक क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जिससे गंभीर सिरदर्द की समस्या होती है।
माइग्रेन के लक्षण
हाइपरएक्टिविटी, सिर के एक तरफ या दोनों ओर दर्द, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, कभी-कभी मतली और उल्टी आदि।
योग से रोग निवारण

- पद्मासन / कमल मुद्रा : यह आसन मन को शांत करता है और सिरदर्द को कम करता है।
- शीर्षासन / सपोर्टेड हेडस्टैंड : रोग के लिए यह योग मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है।
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योग से रोग निवारण: लिवर की समस्याएं (Liver Disease)
लिवर सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है क्योंकि यह प्रोटीन उत्पादन, रक्त के थक्के, कोलेस्ट्रॉल, ग्लूकोज और आयरन मेटाबॉलिज्म जैसे कई शारीरिक कार्यों को प्रभावित और नियंत्रित करता है।
लक्षण : कमजोरी और थकान, वजन कम होना, मतली, उल्टी और त्वचा का पीलापन आदि।
योग से रोग निवारण

- अर्ध भकासन (Half Frog Pose) : रोग अनुसार अर्ध भकासन योग उन लोगों के लिए मददगार होता है जो लिवर प्रॉब्लम्स से पीड़ित हैं।
- परिघासन / गेट पोज : यह लिवर की बीमारियों के लिए फायदेमंद है।
योग से रोग निवारण: डिप्रेशन (Depression)
अवसाद, एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है जो किसी व्यक्ति को उदास और निराश करती है। जब ये भावनाएं लंबे समय तक रहती हैं तो निश्चित रूप से डिप्रेशन की समस्या होती है।
लक्षण: दैनिक गतिविधियों में रुचि की हानि, भूख या वजन में बदलाव, नींद में बदलाव, क्रोध या चिड़चिड़ापन, एकाग्रता की समस्याएं आदि। इन लक्षणों को दूर करने के लिए योग से रोग निवारण किया जा सकता है।
रोग के लिए योग : डिप्रेशन के लिए योग

- बद्ध कोंसाणा / बाउंड एंगल पोज : डिप्रेशन रोगी इस योग से रोग निवारण कर सकते हैं। बाउंड एंगल पोज की मदद से अवसाद से बाहर निकलने में मददगार साबित हो सकता है।
- सुखासन / आसन मुद्रा : इस आसन में, पैरों और पेल्विक के बीच एक आरामदायक गैप बनाना चाहिए। यह योगासन मन को निराशाजनक विचारों से दूर करने में सहायक है।
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योग से रोग निवारण: हाइपरटेंशन (Hypertension)
उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर स्थिति है जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा रहता है। इसे ‘साइलेंट किलर’ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है। हाइपरटेंशन को और न बढ़ाएं और योग से रोग निवारण का हल ढूढें।
लक्षण : तेज सिरदर्द, थकान , धुंधला दिखना , चेस्ट में दर्द, सांस लेने मे तकलीफ, अनियमित हार्ट बीट, यूरिन में ब्लड आना आदि।
रोग अनुसार योग

- सर्वंगासन योग : यह योगासन विशेष रूप से, हाई ब्लड प्रेशर को रोकने और उपचार करने में लाभकारी माना गया है। यह मुख्य रूप से तनाव से राहत देकर स्वाभाविक रूप से रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- वज्रासन (डायमंड पोज) : यह योग पोज लंच या डिनर के बाद भी किया जा सकता है। यह मोटापे को नियंत्रित करने में मदद करता है और एब्डॉमिनल एरिया में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है।
- सुखासन : यह योगासन शरीर और मन को शांत करता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलती है क्योंकि यह शरीर को अधिक संतुलित बनाता है।
इसके अलावा वीरासन (Virasana), सेतु बंधासन, अर्द्ध-हलासन आदि और भी योग पोजेज हैं, जो हाई बीपी के उपचार में प्रभावी सिद्ध होते हैं।
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