योगासन का गूढ़ महत्व जानने के लिए इस वीडियो को देखें-
योगासन
योग में ऐसा कई आसन हैं जिनका प्रयोग अलग-अलग समस्या या उपयोगों आदि के लिए किया जाता है। इनमें से कुछ मुख्य आसन इस प्रकार हैं
शीर्षासन
शीर्षासन को सभी आसनों का राजा कहा जाता है। इससे हमारा पोस्चर सुधरता है, ब्लड सर्कुलेशन सही रहती है, दिल व सांस संबंधी समस्याओं, पेट के लिए भी यह योगासन लाभदयक है। जानिए कैसे किया जाता है इसे।
कैसे करें
- सबसे पहले जमीन पर एक मैट या दरी बिछा लें। इसके बाद अपने सिर को जमीन से टिका दें।
- आगे की तरफ झुकें और अपने हाथों की कोहनियों को जमीन पर रख दें।
- अपनी उंगलियों को जोड़ें और सिर के नीचे से सहारा दें।
- अब अपने सिर को उंगलियों के बीच रखें और अपनी टांगों को ऊपर ले जाने की कोशिश करें।
- अपनी पीठ को सीधा रखें और और आपकी टांगों को पहले आधा ऊपर ले जाएं।
- जब आप इस स्टेज में आराम महसूस करें तो उसके बाद अपनी टांगों को पूरा ऊपर की तरफ ले जाएं।
- कुछ सेकंड इस स्थिति में रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
सर्वांगासन
जैसा की नाम से ही पता चल रहा है कि इस आसन में शरीर के सभी अंगों का अच्छा व्यायाम होता है। इसे शोल्डरस्टैंड भी कहा जाता है क्योंकि इस आसन में पूरे शरीर का भार कंधों पर पड़ता है।
कैसे करें
- मैट पर पीठ के बल लेटे और अपने पैरों, कूल्हे और पीठ और ऊपर की तरफ उठायें।
- अपनी पीठ को अपने हाथों से सहारा दें और कोहनी और जमीन से लगने दें।
- पीठ को ऊपर की तरफ ले जाएं और इस अपनी रीढ़ की हड्डी और पैरों को सीधा रखें।
- अब अपनी एड़ी को ऊपर उठायें।
- आपके शरीर का पूरा भार कंधों पर पड़ना चाहिए।
- पैरों की उंगलियों को नाक की सीध में लाएं।
- अपने सीने को ठोड़ी से दबाएं।
- गहरी सांस ले कर कुछ सेकंड इसी स्थिति में रहें।
- अब घुटनों को नीचे लाते हुए, हाथों को नीचे रखते हुए आराम की स्थिति में आ जाएं।
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भुजंगासना
भुजंगासना में शरीर कोबरा यानि सांप की तरह लगता है। इसलिए इसे यह नाम दिया गया है। कमर के लिए योग का यह आसन अच्छा है। इससे शरीर की फ्लेक्सीबिलटी भी बढ़ती है। इसके अलावा भी इसके कई लाभ हैं।
कैसे करें
- एक मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- अपने दोनों पैरों और एड़ियों को आपस में छुए।
- अपनी ठोड़ी को जमीन से लगाएं।
- अब अपने हाथों को जमीन पर रखें और अपने शरीर के आगे के हिस्से को ऊपर की तरफ उठायें।
- सहारे के लिए अपने हाथों का प्रयोग करें।
- इस दौरान आपकी छाती और सिर दोनों ऊपर की तरफ होने चाहिए।
- कुछ देर इसी स्थिति में रहें उसके बाद धीरे-धीरे इससे बाहर आएं।
अर्ध-मत्स्येंद्रासन
यह आसन मसल्स और रीढ़ की हड्डी के लिए लाभदायक है। इससे पीठ, कंधे और बाजुओं की मसल्स मजबूत होती हैं। इसके साथ ही अपच, कब्ज, मोटापा जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है।
कैसे करें
- सबसे पहले एक मैट या दरी पर बैठे और पैरों को सामने फैला लें।
- दोनों पैरों को साथ में जोड़ें।
- अब बाएं पैर को मोड़ें और इसकी एड़ी को दाएं कूल्हे के पास रखें।
- दाहिने पैर को मोड़ें और बाएं घुटने के ऊपर से ला कर जमीन पर रखें।
- अब अपना दायां हाथ पीछे रखें और बाए हाथ को दाहिने पैर के पास रखें।
- अपनी कमर,कंधे और गले को भी दाहिने ओर मोड़ें।
- इसके बाद आप भी दाहिने तरफ देखें।
- कुछ देर ऐसे ही रहें ओर उसके बाद अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं।
सूर्य नमस्कार
एक ऐसा आसन है जिसे करने से शरीर के लिए नुकसानदायक सभी तत्व निकल जाते हैं जिससे शरीर रोग रहित हो जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि अगर आप केवल सूर्य नमस्कार ही करते हैं तो आपको कोई अन्य एक्सरसाइज करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सूर्य नमस्कार को अपने आप में पूर्ण माना जाता है।
सूर्य नमस्कार को आठ आसनों में किया जाता है:
1. प्रणामासन
2. हस्तोत्तानासन
3. हस्तपादासन
4. अश्व संचालनासन
5. दंडासन
6. अष्टांग नमस्कार
7. भुजंगासन
8. पर्वतासन
9. अश्व संचलाना
इन सभी आसनों को करने के बाद ही सूर्य नमस्कार को पूर्ण माना जाता है। सूर्य आसन को करने से पहले सीख लें और अच्छे से अभ्यास कर लें।
इसके अलावा भी कई ऐसे आसान हैं जिन्हे आप ट्राई कर सकते हैं जैसे तितली आसन, अनुलोम-विलोम,स्वस्तिकासन, गोमुखासन, गोरक्षासन,अर्द्धमत्स्येन्द्रासन, योगमुद्रासन, उदाराकर्षण या शंखासन आदि। योग के फायदे अनगिनत हैं और यह हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद है। अगर आप योग के सभी लाभ पाना चाहते हैं तो इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लें। कुछ ही दिनों में बदलाव अवश्य महसूस करेंगे।