backup og meta

पीसीओडी से ग्रस्त महिलाओं की सेक्स लाइफ पर हो सकता है खतरा, जानें कैसे

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/07/2021

    पीसीओडी से ग्रस्त महिलाओं की सेक्स लाइफ पर हो सकता है खतरा, जानें कैसे

    महिलाओं को वजायना या यूट्रस से जुड़ी ऐसी कई समस्याएं होती हैं, जो उनकी सेक्स लाइफ पर बुरा असर डाल सकती हैं। इसके अलावा, महिलाओं के शरीर में बनने वाले कई तरह के हॉर्मोन भी उनकी सेक्स डिजायर, सेक्स लाइफ और सेक्स सैटिस्फेक्शन पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। इसी तरह पीसीओडी भी महिलाओं में हॉर्मोन से जुड़ी एक समस्या है। कई बार पीसीओडी और सेक्स एक साथ होना मुश्किल हो जाता है। पीसीओडी शरीर से लेकर सेक्स लाइफ तक पर प्रभाव डालती है और इस वजह से उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे पीसीओडी या पीसीओएस क्या है, इससे महिलाओं को किन शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है और पीसीओडी की वजह से महिलाओं की सेक्स लाइफ पर क्या असर पड़ता है।

    और पढ़ें :अनियमित पीरियड्स को नियमित करने के 7 घरेलू नुस्खे

    पीसीओडी और सेक्स: पीसीओडी या पीसीओएस क्या है?

    पीसीओडी और पीसीओएस एक ही बात है। पीसीओडी को पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम कहा जाता है और पीसीओडी को पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज कहा जाता है। यह महिलाओं में होनी वाली एक हॉर्मोनल बीमारी है। जो कि यौवनवास्था में शुरू होने लगती है। पीसीओडी महिलाओं की ओवरी को प्रभावित करता है। इस समस्या में ओवरी द्वारा उत्पादित किए जाने वाले एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हॉर्मोन का उत्पादन प्रभावित होने लगता है, जिससे शरीर में हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है। इसके अलावा ओवरी एंड्रोजन नामक मेल हॉर्मोन का भी उत्पादन करने लगता है। पीसीओडी की वजह से महिलाओं के शरीर में मुख्य रूप से तीन परिवर्तन होते हैं, जैसे कि ओवरी में सिस्ट जमा होने लगता है, शरीर में मेल हॉर्मोन का स्तर बढ़ने लगता है और पीरियड्स में अनियमित्ता आने लगती है। मासिक धर्म अनियमित होने की वजह से महिलाओं का ओव्यूलेशन पीरियड पर भी प्रभाव पड़ता है।

    Pcod

    पीसीओडी और सेक्स: पीसीओएस क्यों होता है?

    पीसीओडी और सेक्स का संबंध जानने से पहले हम जानते हैं कि पीसीओडी किस वजह से होता है। दरअसल, पीसीओडी के पीछे की सही वजह तो अभी डॉक्टर भी पता नहीं कर पाए हैं। लेकिन, फिर भी निम्नलिखित कारणों को इसके पीछे के संभावित कारण माना गया है। जैसे-

    जेनेटिक

    पीसीओडी आपको जेनेटिक कारणों की वजह से भी हो सकता है। हो सकता है कि आपके परिवार में पहले भी किसी को यह समस्या हुई हो, जिसकी वजह से आपको इस समस्या का सामना करना पड़ रहा हो। पीढ़ी दी पीढ़ी यह रोग महिलाओं में आगे बढ़ सकता है।

    और पढ़ें : पीरियड्स के दौरान दर्द को कहना है बाय तो खाएं ये फूड

    सूजन

    पीसीओडी और सेक्स के बीच संबंध से पहले जानते हैं कि पीसीओडी शरीर में सूजन की वजह से भी हो सकती है और ओवरवेट होने से शारीरिक सूजन में बढ़ोतरी हो सकती है। कुछ स्टडी में शरीर में अत्यधिक सूजन और मेल हॉर्मोन एंड्रोजन के स्तर में संबंध देखा गया है।

    इंसुलिन रेसिस्टेंस

    देखा गया है कि पीसीओडी से ग्रसित 70 प्रतिशत महिलाओं में इंसुलिन रेसिस्टेंस होता है। जिसका मतलब है कि उन महिलाओं के शरीर की सेल्स इंसुलिन को सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। इंसुलिन एक हॉर्मोन होता है, जो कि पैंक्रियाज द्वारा उत्पादित किया जाता है और यह हॉर्मोन सेवन किए गए आहार से शुगर को अवशोषित करके ऊर्जा के लिए इस्तेमाल करता है। मोटोपा भी इंसुलिन रेसिस्टेंस का बड़ा कारण हो सकता है और मोटोपा और इंसुलिन रेसिस्टेंस महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज का कारण बन सकता है।

    और पढ़ें: फाइब्रॉएड होने पर अपने डॉक्टर से जरूर पूछे ये फाइब्रॉएड से जुड़े सवाल

    पीसीओडी और सेक्स: पीसीओडी के लक्षण

    पीसीओडी और सेक्स समस्याओं का संबंध समझने के लिए हमें पीसीओडी के लक्षणों के बारे में जानना पड़ेगा। पीसीओडी से ग्रसित महिलाओं को इस बीमारी का पता काफी आसानी से नहीं लगता। एक स्टडी के मुताबिक पीसीओडी से ग्रसित अधिकतर महिलाओं को इस बीमारी के बारे में जानकारी नहीं होती है और वह इसके लक्षणों को आम शारीरिक समस्याएं समझ कर भूल जाती हैं। पीसीओडी की वजह से महिलाओं को निम्नलिखित लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।

    और पढ़ें: बॉडी पार्ट जैसे दिखने वाले फूड, उन्हीं अंगों के लिए होते हैं फायदेमंद भी

    अनियमित पीरियड

    ओव्युलेशन साइकिल पर प्रभाव पड़ने से महिलाओं के यूट्रस की यूटेराइन लाइनिंग से रक्तस्राव होना बंद हो जाता है। इसके दूसरी तरफ, कुछ महिलाओं को पीसीओडी की वजह से एक साल में सामान्य से ज्यादा बार पीरियड्स हो सकते हैं।

    अत्यधिक ब्लीडिंग

    यूटेराइन लाइनिंग काफी दिनों तक बंद रह सकती है, जिस वजह से महिलाओं को जब भी पीरियड्स होते हैं, तो उन्हें हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ सकता है।

    मुंहासे

    महिलाओं के शरीर में मेल हॉर्मोन एंड्रोजन का उत्पादन होने की वजह से महिलाओं की त्वचा तैलीय हो जाती है और चेहरे, छाती और कमर के ऊपरी हिस्से पर मुंहासें निकल आते हैं।

    मेल पैटर्न बाल्डनेस

    पीसीओडी होने की वजह से महिलाओं को मेल पैटर्न बाल्डनेस का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उनके सिर के बाल कमजोर होने लगते हैं और झड़ने लगते हैं।

    बालों की ग्रोथ

    पीसीओडी में महिलाओं के शरीर में मेल हॉर्मोन एंड्रोजन का उत्पादन होने की वजह से उनके चेहरे और कमर, पेट और छाती समेत अन्य शारीरिक जगहों पर बालों की ग्रोथ ज्यादा होने लगती है। इन बालों की अत्यधिक ग्रोथ को हिरसुटिस्म कहा जाता है।

    और पढ़ेंः महिलाओं में यौन समस्याओं के प्रकार, कारण, इलाज और समाधान

    त्वचा का रंग गहरा होना

    पीसीओडी की समस्या की वजह से महिलाओं की गर्दन, पेट और जांघ के बीच के हिस्से और स्तनों के नीचे की त्वचा का रंग गहरा होने लगता है।

    वजन बढ़ना

    पीसीओडी से ग्रसित करीब 80 प्रतिशत महिलाओं में मोटापे की समस्या देखी गई है।

    सिरदर्द

    पीसीओएस की वजह से महिलाओं के शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होने के कारण सिरदर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

    [mc4wp_form id=”183492″]

    पीसीओडी और सेक्स समस्याओं का क्या संबंध है?

    पीसीओडी और सेक्स समस्याओं के बीच गहरा संबंध देखा गया है। क्योंकि पीसीओडी में महिलाओं के शरीर में हॉर्मोनल बदलाव और पीरियड्स की अनियमित्ता होती है, तो यह चीजें महिलाओं की सेक्स लाइफ से भी संबंध रखती हैं। पीसीओडी और सेक्स समस्याओं के बीच का संबंध जानते हैं।

    1. पीसीओडी और सेक्स समस्याओं में सबसे पहले सेक्स डिजायर का कम हो जाना है। पीसीओडी से ग्रसित करीब 60 प्रतिशत महिलाओं में सेक्स के प्रति इच्छा में कमी देखी गई है।
    2. पीसीओडी और सेक्स समस्याओं में दूसरे नंबर पर अनचाहे गर्भधारण करने का डर होता है। क्योंकि, पीसीओडी की वजह से मासिक धर्म अनियमित हो जाता है और ओव्यूलेशन पीरियड भी ट्रैक करना आसान नहीं होता। इसलिए इस समय अनप्रोटेक्टेड सेक्स की वजह से अनचाहे गर्भधारण का डर बना रहता है।
    3. पीसीओडी और सेक्स समस्याओं में इसके बाद इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। क्योंकि, पीसीओडी की वजह से ओव्यूलेशन पीरियड अवरुद्ध होता है। जिसकी वजह से फर्टिलाइजेशन होने में दिक्कत हो सकती है। यह समस्या तब ज्यादा परेशान कर सकती है, जब आप चाइल्ड प्लान कर रही हों।

    पीसीओडी और सेक्शुअल सेटिस्फेक्शन

    पीसीओडी की वजह से फर्टिलिटी और गर्भधारण पर तो असर पड़ता ही है, साथ ही आपकी सेक्स लाइफ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। डॉक्टर्स के मुताबिक पीसीओडी से ग्रस्त महिलाओं को सेक्स से वैसी संतुष्टि नहीं मिलती जितनी आम महिला को मिलती है। या यूं कहें कि हार्मोन के उतार-चढ़ाव की वजह से आप उन खास पलों का सही मजा नहीं ले पातीं। इसकी वजह से महिलाओं में सेक्स की इच्छा में कमी, शारीरिक उत्तेजना में कमी और सेक्स में बराबरी की भागीदारी न दे पाने जैसी समस्याएं होती हैं, जो उनके पार्टनर और रिश्ते पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। अगर आपको भी लगता है कि पीसीओडी से आपकी सेक्स लाइफ खराब हो रही है, तो आपको डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए।

    अगर आपके मन में पीसीओडी और सेक्स समस्याओं को लेकर कोई भी प्रश्न हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/07/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement