सवाल- 5 फाइब्रॉएड के कारण प्रेग्नेंसी पर क्या फर्क पड़ेगा?
कारण- फाइब्रॉएड्स से जुड़े सवाल करते समय ये जरूर पूछे कि फाइब्रॉएड प्रेग्नेंसी पर क्या असर पड़ेगा। दरअसल फाइब्रॉएड का प्रेग्नेंसी पर बहुत फर्क पड़ता है, कभी-कभी यह गर्भस्थ शिशु के साथ बढ़ने लगता है इसलिए फाइब्रॉएड के साथ प्रेग्नेंट होने पर इसके जोखिम के बारे में पता होना जरूरी है। कई बार फाइब्रॉएड होने पर महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत आती है। यदि फाइब्रॉएड दूसरे प्रकार की है तो डिलिवरी नॉर्मल होने में समस्या आती है। यदि कंसीव करने से पहले ही आपको पता है कि आपको फाइब्रॉएड है तो प्रेग्नेंसी की योजना डॉक्टर की सलाह से करें। यदि बार बार गर्भपात होने पर आपको पता चले कि फाइब्रॉएड है तो डॉक्टर प्रेग्नेंसी को बरकरार रखने के लिए दवाई देते है। यह सवाल फाइब्रॉएड से जुड़े सवाल में मुख्य स्थान रखता है।
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सवाल- 6 फाइब्रॉएड का इलाज कब से शुरू किया जाए और इसमें किस तरह का इलाज लेना बेहतर रहेगा?
कारण- फाइब्रॉएड्स से जुड़े सवाल फाइब्रॉएड होने पर डॉक्टर से ये सवाल जरूर पूछे कि फाइब्रॉएड का इलाज कब और कैसे किया जाएगा। आपको इस बता का पता होना जरूरी है कि आपको होने वाला फाइब्रॉएड कौन सा है और उसका इलाज कैसे किया जाना है। कुछ फाइब्रॉएड में जोखिम नही रहते है और ये साधारण इलाज से ही ठीक हो जाते है। कुछ केस में डॉक्टर फाइब्रॉएड के लिए बेसिक दवाइयां दे देते है। कुछ तरह की फाइब्रॉएड में लंबा इलाज तक चलता है। कई बार डॉक्टर मरीज की परिस्थितियां देख कर सर्जरी की सलाह तक देते है। कई बार फाइब्रॉएड सिकुड़ जाएं, इसके लिए दवाई भी दी जाती है। इसलिए आपको पता होना जरूरी है कि आपको होने वाले फाइब्रॉएड का इलाज कितने दिनों तक चलेगा।
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यह कुछ दिए गए फाइब्रॉएड्स से जुड़े सवाल है, जिसे महिला को डॉक्टर से जरूर पूछना चाहिए। यह जानकारी उन्हें भविष्य के जीवन की रुपरेखा तैय्यार करने में मदद करेगी। एक बात का ध्यान रखें, डॉक्टर जो सलाह दे, उसका सख्ती से पालन करें।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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