इस सवाल के जवाब के लिए हैलो स्वास्थ्य ने वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के काशी मेडिकेयर की गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. शिप्रा धर से बात की। डॉ. शिप्रा ने बताया कि “मूली एक सब्जी है और प्रेग्नेंसी में मूली का सेवन करना अच्छी बात है। इससे बच्चे को कोई नुकसान नहीं होता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाला कैल्शियम बच्चे के हड्डियों के विकास में मददगार होता है। सिर्फ गर्भवती महिला को उसकी सही मात्रा का ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए किसी भी प्रेग्नेंट महिला को अपने डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह ले लेनी चाहिए।”
डॉ. शिप्रा कहती हैं कि “मूली को खाने से पहले हल्के गुनगुने पानी से अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए। क्योंकि वह जमीन से निकली हुई सब्जी है, ऐसी स्थिति में प्रेग्नेंसी में पेट में कीड़े होने का रिस्क कम हो जाता है। इसके अलावा भी जमीन के अंदर उगने वाली सब्जियों में कई तरह के परजीवी भी हो सकते हैं, मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए थोड़ी देर तक गुनगुने पानी में सब्जियों को छोड़ देना चाहिए।”
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क्या प्रेग्नेंसी में मूली के पत्तियों का सेवन करना सही है?
बहुत सारे लोग मूली के जड़ के साथ-साथ उसकी पत्तियों को सलाद या सब्जी के रूप में खाना पसंद करते हैं। जैसा कि ऊपर बताया गया कि प्रेग्नेंसी में मूली का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है, तो आप मूली की पत्तियां भी खा सकती हैं। वैसे भी प्रेग्नेंसी में हरी पत्तेदार सब्जियां खाने के लिए कहा जाता है। मूली कि पत्तियों की न्यूट्रीशनल वैल्यू मूली की जड़ की तरह ही होती है, सिर्फ उसमें क्लोरोफिल ज्यादा मिलता है।
प्रेग्नेंसी में मूली का सेवन करने के फायदे क्या हैं?
प्रेग्नेंसी में मूली का सेवन करने के फायदे निम्न हैं :
पाचन को दुरुस्त करता है
मूली में ज्यादा मात्रा में डायट्री फाइबर पाए जाते हैं, जो खाने को पचने में मदद करती है। वहीं, आंतों के मूवमेंट और अपाचन की समस्या में राहत पहुंचाती है। प्रेग्नेंसी में मूली खाने से प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या दूर होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज की समस्या होना आम बात है। अगर ऐसे समय में फाइबर युक्त खाना खाया जाए को कॉन्स्टिपेशन की समस्या से बचा जा सकता है। खाने में फल, सब्जियां और अनाज को शामिल करने से फाइबर की उचित मात्रा प्राप्त होती है। अगर आप कम पानी पीते हैं तो भी कब्ज की समस्या हो सकती है। आप मूली का सेवन रोजाना सलाद के रूप में कर सकती हैं। एक बात का ध्यान रखें कि किसी भी सब्जी या फिर फल का अधिक सेवन न करें। आप सप्ताह में दिन निश्चित कर सभी पोषक युक्त खाने को डायट में शामिल करें। ऐसा करने से पाचन भी दुरस्त रहेगा और हाजमा भी खराब नहीं होगा।
पोषकता से भरपूर होता है
मूली में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे- जिंक, पोटैशियम, कैल्शियम। ये सभी पोषक तत्व गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं। साथ ही बच्चे के स्वास्थ्य का गर्भ में ख्याल भी रखते हैं। मूली में फॉलिक एसिड पाया जाता है, जो एक गर्भवती महिला के लिए बहुत जरूरी होता है। प्रेग्नेंसी में मूली का सेवन करने से गर्भवती महिला के शरीर में आयरन की कमी नहीं होती है। वहीं, बच्चे विकास को सही तरीके से होने में फॉलिक एसिड बहुत मदद करती है।
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ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है
मूली में एंटीहाइपरटेंसिव इफेक्ट पाया जाता है। प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन के दौरान मूली का सेवन करने पर ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
वजन को नियंत्रित करती है
प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ना एक आम बात होती है। लेकिन वजन का सामान्य से ज्यादा होना डिलिवरी में समस्या उत्पन्न कर सकता है। इसलिए आपको प्रेग्नेंसी में मूली का सेवन करना चाहिए। मूली में कम कैलोरी होती है, जिससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। वहीं, मूली में डायट्री फाइबर ज्यादा और फैट व कार्बोहाइड्रेट कम होता है।
कैंसर से बचाता है