के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
निशा को खाने-पीने का बहुत शौक है और प्रेग्नेंट होने के बाद भी उनसे अलग-अलग तरह की चीजें खाना बंद नहीं किया। उसे प्रेग्नेंसी में भूख ज्यादा लगती थी और उसे हमेशा यह लगता था कि उसका पेट खाली है। पड़ोस की आंटियां और रिश्तेदार उसे क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में सलाह देने लगे। इससे वह कंफ्यूज हो गई और अब वह किसी की सलाह नहीं सुनना चाहती थी। प्रेग्नेंसी में भूख लगने पर वह परेशान भी हो जाती थी, लेकिन यह कोई बीमारी नहीं थी। क्योंकि उसने डॉक्टर से इस बारे में बात भी की।
जब भी निशा किसी फैमिली फंक्शन या गेट-टुगेदर में जाती, तो लोग उसकी प्रेग्नेंसी से जुड़े सवालों की बौछार कर देते। वह क्या खा रही है और किसी तरह की एक्सरसाइज कर रही है आदि। हर कोई अपने निजी अनुभव के आधार पर निशा को सलाह देता कि उसे कैसे अपनी डायट मैनेज करना चाहिए।
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घबराई हुई निशा अगले दिन अपनी सहेली प्रिया से मिली। प्रिया जो खुद एक नई मां है, अपने नवजात के साथ व्यस्त थी। निशा ने प्रिया से पूछा कि प्रेग्नेंसी के दौरान उसने अपने खाने की इच्छा और पोषण का कैसे ध्यान रखा। वह भी सलाह देने वाले बुज़ुर्गों का दिल दुखाए बिना। प्रिया ने बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान व्यापक डायट प्लान के लिए उसने सर्टिफाइड डायटीशियन से सलाह ली थी। उसने निशा से कहा, “सभी बड़े-बुज़ुर्ग सलाह देते हैं, यह तुम पर है कि तुम सुनो सबकी, लेकिन आखिर में अपनी डॉक्टर और डायटीशियन की सलाह पर ही अमल करो।“
निशा डायटीशियन से मिली और उसकी सभी शंकाओं का समाधान हो गया। उसे अपने सारे सवालों के जवाब मिल गए और साथ ही खुद के लिए रेसिपी बनाने का आइडियाज भी। प्रेग्नेंसी के दौरान उसने डायट प्लान का पालन किया और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। प्रेग्नेंसी में भूख अधिक लगने पर परेशान होने के बजाय ऐसे खाने को अपनी डायट में शामिल करें जो आपको और आपके बच्चों को पूरी तरह से सवस्थ्य रखें।
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बहुत सारे रिश्तेदार आपको घेरकर प्रेग्नेंसी के दौरान अपने निजी अनुभव बताएं और सलाह दें, लेकिन यह याद रखिए कि यह आपकी प्रेग्नेंसी है, इसलिए वही डायट प्लान फॉलो करें जो आपकी डायटीशियन ने दिया है या फिर गायनेकोलॉजिस्ट ने बताया हो।
प्रेग्नेंसी के दौरान आपको अचानक महसूस होता है कि आपको हमेशा भूख लगती है और आपके पास स्नैक्स का ऑप्शन भी नहीं बचता। इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपके शरीर का विकास हो रहा, आपके अंदर पल रहे बच्चे को ज्यादा पोषण की जरूरत है। गर्भावस्था के दूसरे चरण में एक दिन में आपकी एनर्जी की जरूरत करीब 300 कैलोरी तक बढ़ जाती है और तीसरे चरण में एक दिन में आपकी एनर्जी की जरूरत करीब 500 कैलोरी तक बढ़ जाती है।
कैलोरी की इस जरूरत को पूरा करने के लिए, बहुत सी महिलाएं अनहेल्दी स्नैक्स जैसे- चिप्स, पेस्ट्रीज, चॉकलेट आदि खाने लगती हैं। यह सेहत के लिए ठीक नहीं है और इससे आपको गर्भावस्था के दौरान जरूरी पोषण नहीं मिलता है। आपको दिन में थोड़ा-थोड़ा करके 6-7 मील्स खाना चाहिए और शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आपके खाने में कैल्शियम, फाइबर और प्रोटीन आदि से भरपूर चीजें शामिल करनी चाहिए। हर महिला की गर्भावस्था अलग होती है, इसलिए आपको चुनाव करना होगा कि निम्न बताए गए डायट में से आपके और आपके बच्चे के लिए कौन सा डायट ठीक रहेगा।
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हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने और मेंटेन करने के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है, साथ ही मसल्स की कार्यप्रणाली ठीक रखने के लिए भी यह जरूरी है। हम सभी जानते हैं कि डेयरी कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, लेकिन सिर्फ दूध ही इसका एकमात्र स्रोत नहीं है, इसके अलावा भी कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिसे आप स्नैक्स के रूप में ले सकती हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी में भूख लगने पर और अपने डायट में रोजाना कैल्शियम शामिल करें।
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मॉर्निंग सिकनेस आमतौर पर खाली पेट रहने की वजह से होता है और स्नैक्स खाने से ब्लड शुगर लेवल मेंटेन्ड रहता है जिससे मितली की समस्या दूर होती है। यदि आप भी मितली से परेशान हैं तो गर्म की बजाय ठंडी चीजें खाना फायदेमंद होगा। जब भी आपको मितली आए तो आप ये चीजें खा सकती हैं। प्रेग्नेंसी में भूख लगने पर या समय-समय पर खाने से मॉर्निंग सिकनेस की समस्या से बचना आसान हो सकता है।
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पर्याप्त मात्रा में आयरन के सेवन से समय से पूर्व जन्म या बच्चे के कम वजन होने का खतरा नहीं रहता। मीट और चिकन आयरन के अच्छे स्रोत हैं। आप आयरन का सेवन बढ़ाने के लिए अपनी डायट में हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, खजूर आदि भी शामिल कर सकती हैं। विटामिन सी के साथ मिलने से आयरन का अवशोषण ठीक से होता है। इसलिए सभी आयरन से भरपूर चीजों में थोड़ा नींबू का रस मिलाए जिससे आयरन आसानी से पच जाए। प्रेग्नेंसी में भूख लगने पर जरा भी लापरवाही न बरतें और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
बच्चे के मस्तिष्क, आंखों और नर्व्स के सही तरह से विकास के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड जिसे DHA कहते हैं, बहुत महत्वपूर्ण है। हार्ड बॉइल्ड एग (उबला अंडा), अखरोट का सेवन , फ्लैक्सीड, चिया सीड आदि ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के अच्छे स्रोत हैं। प्रेग्नेंसी में भूख लगना कोई बीमारी नहीं है।
कभी यदि आपके पास कुछ बनाने का समय नहीं है, तो जल्दी में आप पोषक तत्वों से भरपूर ये स्नैक्स खा सकती हैं।
गर्भावस्था में भूख ज्यादा लगना हर्मोन के बदलाव के कारण भी हो सकता है। ऐसा जरूरी नहीं है हर महिला को प्रेग्नेंसी में भूख ज्यादा ही लगे। कुछ महिलाओं में ये अलग भी हो सकता है। कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के समय कम भूख भी लगती है। वैसे गर्भावस्था में भूख ज्यादा लगना शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के बदलाव के कारण होता है। बच्चे के विकास के साथ ही शरीर में ब्लड फ्लो भी बढ़ जाता है जिसके कारण शरीर को अधिक कैलोरी की जरूरत पड़ती है। आपको ऐसे में पौष्टिक आहार लेने के साथ ही कुछ बातों पर ध्यान रखने की भी जरूरत है। आपको दिनभर में सॉलिड के साथ ही लिक्विड लेने की भी जरूरत है। आपको दिन में करीब आठ से दस ग्लास पानी पीना चाहिए। वहीं आप वेजीटेबल सूप के साथ ही ताजे फलों का जूस भी ले सकते हैं। अगर आप वर्किंग हैं तो प्रेग्नेंसी में अधिक भूख को काबू करने के लिए आपको हमेशा अपने बैग में ऐसा कुछ जरूर रखना चाहिए जो आपको हेल्दी रख सके। आप इस बारे में आहार विशेषज्ञ से भी जानकारी ले सकते हैं।
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में महिलाओं के शरीर में बहुत से परिवर्तन देखने को मिलते हैं। अक्सर महिलाओं को वॉमिटिंग का एहसास होता है। खानेपीने की कुछ खास चीज से उन्हें दिक्कत होने लगती है। ऐसे में खाने में मन थोड़ा कम ही लगता है जो प्रेग्नेंसी में भूख को घटाने का काम करता है। आपको बताते चले कि गर्भावस्था में अधिक भूख दूसरी से तीसरी तिमाही में लगती है वहीं पहली तिमाही में शरीर में आने वाले बदलावों और मुख्य रूप से मॉर्निंग सिकनेस की वजह से महिलाओं की खाने की इच्छा कम ही होती है। वही दूसरी और तीसरी तिमाही में महिलाओं को अधिक भूख लगती है। पहली तिमाही में महिलाओं को अधिक भूख न लगना कोई समस्या या डर की बात नहीं है।अगर ऐसे में महिलाएं कुछ बातों का ध्यान रखें तो उन्हें कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा भी मिल सकता है।
डॉक्टर ने आपको जो भी सप्लीमेंट लेने की सलाह दी हो उसे जरूर लें। खाने की कम इच्छा की वजह से हो सकता है कि आपको जरूरी पोषण न मिल पाए। बेहतर होगा कि आप कैल्शियम, फोलिक एसिड, आयरन, मल्टीविटामिन आदि जो भी डॉक्टर ने आपको लेने की सलाह दी हो, उसे समय पर जरूर लें।
कई बार प्रेग्नेंसी में खानपान की गड़बड़ी के कारण कब्ज की समस्या भी हो जाती है। प्रेग्नेंसी में भूख अधिक लगना समस्या का कारण नहीं है लेकिन प्रेग्नेंसी में फाइबर युक्त खाना न लेना आपके लिए कॉन्स्टिपेशन की समस्या खड़ी कर सकता है। पहली बात की खाने को थोड़ा-थोड़ा ही खाएं और खाने में फाइबर युक्त फूड जैसे कि अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, फलों का सेवन आदि जरूर करें। ऐसा करने से कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलेगा। प्रेग्नेंसी के दौरान गलती से भी खाने में फास्ट फूड शामिल न करें। ऐसा करने से आपको कब्ज की समस्या हो सकती है। डायजेशन को दुरस्त रखने के लिए खाने में दही को भी शामिल करें। साथ ही दूध, पनीर आदि भी अपनी पसंद के अनुसार ले सकती हैं। आप चाहे तो हफ्ते भर की सूची में विभिन्न दिन के अनुसार डायट को लिख सकते हैं। प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर करें।
प्रेग्नेंसी में आमतौर पर कब्ज की समस्या हो जाती है। इससे बचने के लिए खूब पानी पिएं और फाइबर से भरपूर चीजें खाएं। प्रेग्नेंसी में भूख लगने पर खाना खाने के साथ-साथ फाइबर स्नैक्स भी लेते रहें।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह या मेडिकल एडवाइज का विकल्प नहीं है। अगर आप प्रेग्नेंसी में भूख या इस दौरान बार-बार भूख लगने से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। अगर आपको प्रेग्नेंसी के समय किसी भी फूड से एलर्जी हो रही है तो बेहतर होगा कि उसे न खाएं। किसी भी एक फूड पर डिपेंड न रहे बल्कि सभी तरह के पौष्टिक आहार को अपनी डायट में शामिल करें। खाने के छोटे मील आपको कई प्रकार की समस्याओं से बचाने का काम करेंगे। एक साथ ज्यादा खाना समस्या खड़ी कर सकता है। आप चाहे तो आहार विशेषज्ञ की सहायता से डायट प्लान कर सकते हैं। आप खानपान से संबंधित अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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