पनीर:
पनीर कैल्शियम और प्रोटीन का सोर्स है। पनीर को अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर बहुत से व्यंजन बनाए जा सकते हैं, जैसे कि पालक पनीर या कढ़ाई पनीर। नाश्ते में पुदीने की चटनी के साथ पनीर का परांठा खाकर आप दिन की शानदार शुरुआत कर सकती हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां:
गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे कि पालक, चौली, मेथी और बथुआ आदि कैल्शियम, आयरन और फोलेट का अच्छा सोर्स है। इनको भी अपने आहार में शामिल करें।
बादाम:
बादाम भी कैल्शियम, आयरन और प्रोटीन से समृद्ध होते हैं। एक गिलास बादाम दूध आप ले सकती हैं या फिर मुट्ठीभर बादाम स्नैक के तौर पर खा सकती हैं। यदि आप कुछ नमकीन सा खाना चाह रही हों, तो बादाम सूप भी बना सकती हैं।
मछली:
कुछ तैलीय मछलियां जैसे कि सैल्मन और सार्डिन कैल्शियम के बेहतरीन सोर्स होती हैं। ये प्रोटीन और एसेंशियल ओमेगा 3 फैट्टी एसिड से भी भरपूर होती हैं। हालांकि, बेहतर यही है कि एक सप्ताह में तैलीय मछली के दो ही टुकड़े खाएं और एक टुकड़ा करीब 140 ग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
ऊपर बताई गई चीजों को डायट में शामिल करके कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कैल्शियम से भरपूर भोजन खाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि मां का कैल्शियम का उपयोग बच्चा भी करता है। ऐसे में मां की बॉडी में कैल्शियम की कमी हो जाती है।
प्रेग्नेंसी में कैल्शियम से भरपूर भोजन क्यों खाना चाहिए?
प्रग्नेंट महिला की बॉडी को फीटस के डेवलपमेंट के लिए करीब 50 से 330 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। अगर प्रेग्नेंट महिला को कैल्शियम की उचित मात्रा नहीं मिलती है तो महिला का शरीर बोंस से कैल्शियम अवशोषित करने लगता है। ऐसे में महिला की हड्डियां कमजोर हो सकती है। साथ ही होने वाले बच्चे के लिए भी कैल्शियम की कमी खतरा पैदा कर सकती है। बेहतर होगा कि डॉक्टर से जांच कराएं और कैल्शियम का उचित मात्रा में सेवन करें।
बॉडी में कैल्शियम की कमी से बच्चे की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान महिला और शिशु दोनों के लिए मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है। कैल्शियम सर्क्युलेटरी, मसक्युलर और नर्वस सिसटम को सामान्य रूप से चलाने में मदद करता है। डेयरी प्रोडक्ट्स इसका बेहतर स्रोत हैं। इसके अलावा, ब्रोकली और केले से भी आपका उचित मात्रा में कैल्शियम मिलेगा। कुछ फ्रूट जूस और ब्रेकफास्ट सीरेल्स में फोर्टिफाइड के साथ कैल्शियम भी होता है।
बता दें कि प्रेग्नेंसी को हेल्दी बनाए रखने के लिए रोजाना लगभग 300 अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत होती है। यह अतिरिक्त कैलोरी संतुलित आहार से आनी चाहिए जैसे प्रोटीन, फल, सब्जियां और साबुत अनाज। इसके अतिरिक्त मीठे और फैट की मात्रा न्यूनतम रखनी चाहिए। संतुलित आहार प्रेग्नेंसी के दौरान आने वाली उल्टी और कब्ज को कम कर सकता है। अतिरिक्त जानकारी के लिए आप डायटीशियन से सलाह ले सकती हैं। चाहें तो एक प्रॉपर डायट चार्ट बनवाकर उसे फॉलो कर सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में कैल्शियम का काम क्या है?