के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
पालक न्यूट्रिएंट्स से भरपूर सुपर फूड है। इसका इस्तेमाल खाने में और दवा बनाने के लिए किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम स्पाइनेसिया ओलेरेसिया (Spinacia oleracea linn) है। डार्क ग्रीन कलर की ये पत्तियां त्वचा से लेकर बालों और हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। ये प्रोटीन, आयरन, विटामिंस और मिनरल्स का अच्छा स्त्रोत है। औषधीय गुणों से भरपूर पालक का प्रयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। संयुक्त राज्य कृषि विभाग (USDA) के अनुसार, 100 ग्राम पालक में 28.1 माइक्रोग्राम विटामिन-सी होता है। इसलिए, इसे डायट में शामिल करने की सलाह दी जाती है।
वैसे तो आहार में पालक का सेवन करना हमेशा ही लाभदायक होता है लेकिन, कुछ खास शारीरिक परेशानियों में इसका सेवन अत्यंत फायदेमंद होता है।
डायबिटीज को करें कंट्रोल:
पालक में अल्फा लिपोइक एसिड नामक एंटी-ऑक्सिडेंट होते हैं, जो शरीर में ग्लूकोज लेवल को कम करने में मददगार है। इसके साथ ये ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को भी कम करता है। इसके नियमित और संतुलित मात्रा में सेवन से शुगर लेवल कंट्रोल रह सकता है।
कैंसर से बचाव:
पालक में क्लोरोफिल मौजूद होता है। साल 2013 में 12000 जानवरों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि क्लोरोफिल हेट्रोसायक्लिक एमाइंस के कार्सिनोजेनिक प्रभावों को रोकने में प्रभावी है। जो कैंसर की ग्रोथ को रोकता है। इसलिए ये हरी पत्तेदार साग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से बचने में सहायक होता है।
ब्लड प्रेशर को करें कम:
विटामिन-सी, विटामिन-ए और फोलेट जैसे एंटी-ऑक्सिडेंट से भरपूर पालक को दिल के लिए अच्छा माना जाता है। फोलेट हानिकारक रसायनों को हानिरहित यौगिकों में परिवर्तित करता है। इसके सेवन से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। अगर ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं, तो आहार विशेषज्ञ की सलाह अनुसार इसका सेवन कर सकते हैं और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रख सकते हैं।
कब्ज से दिलाए राहत:
पालक हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा, कब्ज की समस्या से भी राहत दिलाता है। पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए पालक का जूस पीने की सलाह दी जाती है। कब्ज की समस्या से बचने के लिए पालक के जूस के साथ-साथ आहार पर भी विशेष ध्यान दें। कोशिश करें तेल-मसाले जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
अर्थराइटिस की परेशानी हो सकती है कम:
पालक में एंटी-इंफ्लमेटरी गुण होते हैं, जो अर्थराइटिस के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, ये नष्ट कार्टिलेज को ठीक करने का काम कर सकता है।
सिरदर्द और माइग्रेन:
एंटी-इंफ्लमेटरी गुणों से भरपूर होने के कारण ये सिरदर्द से भी राहत दिलाती है। यही नहीं अगर आप माइग्रेन की समस्या से परेशान रहते हैं, तबभी इसके संतुलित सेवन से राहत मिल सकती है।
इन परेशानियों को भी करे दूर:
एक कप कच्चे पालक में 7 कैलोरी, 0.86 ग्राम प्रोटीन, 30 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.81 आयरन, 24 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 167 मिलीग्राम पोटैशियम और 58 माइक्रोग्राम फोलेट होता है। इसमें मैगनीज, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम, कैरोटीन, आयरन, आयोडीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और आवश्यक अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं। कई शोध के अनुसार इसमें पाए जाने वाले कौरोटीन और क्लोरोफिल कैंसर से बचाव नें सहायक है।
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ज्यादातक सभी लोगों के लिए पालक का सेवन सुरक्षित है। हालांकि, एक सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें।
अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें, यदि:
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सीमित मात्रा में इसका सेवन सेफ है, ज्यादा मात्रा में इसे लेने से निम्न साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
जरूरी नहीं सभी में ये साइड इफेक्ट्स दिखाई दें। इनसे अलग साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। अगर आपको इसकी अधिक जानकारी चाहिए तो एक बार किसी चिकित्सक या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें।
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इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए, सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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किन रूपों में उपलब्ध है?
अगर आप पालक का सेवन करते हैं और इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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