हल्दी के एंटी इंफ्लामेटरी गुण गर्भवती महिला के शरीर को ठंड और फ्लू से बचाए रखने में मदद प्रदान करते हैं। गर्म हल्दी वाला दूध पीने से गले की खराश और आम सर्दी-खांसी के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
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दर्द से राहत प्रदान करे
हल्दी के एंटी इंफ्लामेटरी गुण गर्भवती महिलाओं के लिए शारीरिक तौर पर काफी लाभकारी हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान पैरो में सूजन व दर्द की समस्या काफी आम हो जाती है जो कि गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोन परिवर्तन के कारण होते हैं। ऐसी स्थिति में प्रेग्नेंसी में हल्दी के सेवन ने इन समस्यों से राहत पाई जा सकती है। साथ ही, जोड़ों के दर्द में भी हल्दी राहत दिलाती है।
गर्भावस्था में हल्दी का सेवन इम्यून सिस्टम बनता है मजबूत
अगर प्रेग्नेंट महिला हल्दी वाले दूध का सेवन करती है तो हल्दी के नुकसान आमतौर पर देखने को नहीं मिलेंगे। कम मात्रा में हल्दी का सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है। और साथ ही होने वाले बच्चे के लिए भी हल्दी का सेवन करना लाभदायक साबित हो सकता है।
मेटाबॉलिज्म को बनाता है बेहतर
जिन महिलाओं का मेटाबॉलिज्म बेहतर नहीं रहता है, वो भी कुछ मात्रा में हल्दी का सेवन कर सकती हैं। मेटाबॉलिज्म के ठीक न रहने से वजन तेजी से बढ़ने लगता है। ऐसे में नियमित रूप से हल्दी का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बेहतर हो सकता है। बॉडी के बढ़े हुए वेट को कंट्रोल करने के लिए हल्दी अच्छा ऑप्शन है।
पेट से जुड़ी समस्याओं को रखे दूर
गर्भावस्था के दौरान कब्ज भी एक आम समस्या होती है। गर्भावस्था के दौरान हार्मोन प्रोजेस्टेरोन में वृद्धि होने के कारण पाचन तंत्र की मांसपेशियों सहित शरीर की कई अन्य मांसपेशियों को आराम प्रादन करती है। जिसके कारण गर्भवती महिला को पाचन और मल त्याग से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा मलाशय पर बढ़ते गर्भाशय का दबाव भी पड़ता है जिससे कब्ज की समस्या हो जाती है। ऐसे में प्रेग्नेंसी में हल्दी का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
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