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Cryptic pregnancy: क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी क्या है? जाने आपके जीवन पर इसके प्रभाव

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shivam Rohatgi द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/09/2021

    Cryptic pregnancy: क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी क्या है? जाने आपके जीवन पर इसके प्रभाव

    क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी (Cryptic pregnancy) किसी भी महिला के जीवन को प्रभावित कर सकती है। इस स्थिति का असर उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। मां बनने की खबर हर महिला को अलग रूप से प्रभावित करती है। कुछ महिलाएं नेगेटिव रिपोर्ट देखकर दुखी होती हैं तो कुछ खुशी से उछल पड़ती हैं। लेकिन जरा सोचिए यदि आपका टेस्ट प्रेग्नेंट होने के बावजूद भी नेगेटिव आए तो यह आपके लिए कितना मुश्किल और भयावह हो सकता है।

    प्रेग्नेंसी के बाद भी रिजल्ट नेगेटिव आने की इस स्थिति को क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी (Cryptic pregnancy) कहते हैं। क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी होने पर सभी सामान्य प्रकार के मेडिकल टेस्ट गर्भधारण की स्थिति को बताने में असक्षम होते हैं। यह एक दुर्लभ स्थिति है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह किसी को नहीं हो सकती है।

    इस स्थिति को लेकर हॉलीवुड में कई फिल्में और रिएलिटी शो भी बन चुके हैं। वास्तविक प्रमाणों के अनुसार 475 में से 1 महिला के साथ ऐसा हो सकता है कि उनको इस बात की कोई जानकारी नहीं होती की वह प्रेग्नेंट हैं।

    कई महिलाओं के लिए यह बेहद निराशाजनक होता है जो प्रेग्नेंट होना चाहती हैं और ब्लड व यूरिन टेस्ट के नेगेटिव आने पर यह समझ बैठती हैं कि वह प्रेग्नेंट नहीं है। आपको बता दें कि केवल ब्लड (Blood) या यूरिन टेस्ट (Urine test) के माध्यम से ही प्रेग्नेंसी की जांच (Pregnancy test) नहीं की जाती है। क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी (Cryptic pregnancy) महिलाओं को झूठे दिलासे देती है जो कि उनके मानसिक तनाव पर बुरा असर डाल सकता है।

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    गर्भावस्था का एहसास सातवें, आठवें या नौवें महीने में होना किसी भी महिला के लिए डरावना और उलझन भरा हो सकता है। कुछ मामलों में तो महिलाओं को पहली बार लेबर पेन होने पर यह पता चलता है कि वह गर्भवती हैं।

    मौजूदा मामलों के मुताबिक क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी (Cryptic pregnancy) का पता कितने समय में लगता है, यह समय सीमा हर महिला में विभिन्न होती है। इस प्रकार के डाटा को इकट्ठा करना बेहद मुश्किल होता है क्योंकि महिलाओं को इस बात की पुष्टि तो मिल जाती है कि उन्हें क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी (Cryptic pregnancy) थी जब उनकी गर्भावस्था की अवधि समाप्त होती है लेकिन वह यह नहीं बता पाते कि यह कितने समय पहले शुरू हुआ था।

    अभी तक सामने आए आंकड़ों के अनुसार क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी सामान्य प्रेग्नेंसी से लंबी चल सकती है। इसका मुख्य कारण शुरुआत में ही हार्मोन का कम स्तर हो सकता है।

    इसके अलावा यदि किसी महिला को अपनी प्रेग्नेंसी की कोई जानकारी नहीं होती है तो वह किसी भी प्रकार की प्रेग्नेंसी संबंधी देखभाल नहीं अपनाती हैं। खराब आहार, धूम्रपान या शराब का सेवन और जीवनशैली में बदलाव न लाने के कारण प्रीटर्म बर्थ (समय से पहले प्रसव) का खतरा बढ़ा सकता है।

    इस विषय पर अभी तक बड़े पैमाने पर शोध न होने के कारण क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी (Cryptic pregnancy) महिलाओं में कितने लंबे समय तक होती है, इस बात की फिलहाल कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। महिलाओं में इसकी अवधि विभिन्न क्यों होती है इस विषय पर शोध जारी हैं।

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    क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी टेस्ट नेगेटिव होने के कारण (Cause of Cryptic pregnancy negative test)

    क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी का पता सामान्य प्रेग्नेंसी टेस्ट (Pregnancy test) और अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) की मदद से भी नहीं लगाया जा सकता है। कई बार इन परीक्षणों में भी प्रेग्नेंसी होने का परिणाम नेगेटिव हो सकता है। हालांकि, निम्न स्थितियों के कारण हर मामले में इसके कारण विभिन्न हो सकते हैं :

    घर पर किए जाने वाले टेस्ट

    पीसीओडी (PCOD), पीरियड्स (Periods) मिस होना या न आना, शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय होना या हाल ही में शिशु को जन्म (Babies birth) देना, यदि आपको इनमें से कोई भी स्थिति है तो आप में हार्मोनल बदलाव होने की आशंका अधिक हो सकती है। यदि आपको कम ब्लीडिंग होती है या आपको अनियमित रूप से पीरियड्स आते हैं या आपमें एचसीजी (Human chorionic gonadotropin) (प्रेग्नेंसी हॉर्मोन) उस प्रकार कार्य नहीं करते हैं जिनके पर्याप्त संकेतों की मदद से घर पर किए गए प्रेग्नेंसी टेस्ट को पॉजिटिव बताया जा सके तो आपके टेस्ट का परिणाम गलत भी हो सकता है।

    अल्ट्रासाउंड

    अल्ट्रासाउंड यदि सही जगह पर न किया जाए तो वह भी गर्भाशय में बढ़ रहे भ्रूण (Fetus) का पता लगाने में असक्षम होता है। यदि आपके पिछले टेस्ट का परिणाम नेगेटिव आता है तो हो सकता है कि आपका अल्ट्रासाउंड करने वाला तकनीशियन आपके गर्भ में बढ़ रहे बच्चे को ढूंढने में अधिक मेहनत न करना चाहता हों।

    यदि प्रेग्नेंसी टेस्ट के नेगेटिव परिणाम आने के बाद भी अल्ट्रासाउंड करवाने की अनुमति मिल जाती है तो भी पहली तिमाही में निम्न कारणों की वजह से प्रेग्नेंसी शायद दिखाई न दे :

    • भ्रूण के स्थान पर किसी प्रकार की अनियमितिता
    • गर्भाशय का आकार
    • अल्ट्रासाउंड में किसी प्रकार की खराबी या लापरवाही

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    क्रिप्टिक प्रेगनेंसी में नेगेटिव टेस्ट आने पर क्या किया जाए

    जिन महिलाओं को नेगेटिव परिणाम आने के बावजूद भी यह लगता है कि वह प्रेग्नेंट हैं तो तुरंत किसी डॉक्टर से परामर्श करें। प्रेग्नेंसी का पता लगाने का सबसे विशिष्ट और सही तरीका होता है ब्लड टेस्ट। इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर आपके ब्लड में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG) की उपस्थिति की जांच करेंगे। एचसीजी वह हार्मोन होता है जो प्लेसेंटा द्वारा उत्पादित किया जाता है।

    यदि आपको घर पर किए गए टेस्ट या अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) के परिणामों पर भरोसा नहीं है तो ब्लड टेस्ट (Blood Test) एक ऐसा विकल्प है जो आपको संतुष्टि प्राप्त कर सकता है। इस टेस्ट को करवाने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

    क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी में लेबर और डिलीवरी शारीरिक रूप से सामान्य प्रेग्नेंसी जैसी ही होगी। सामान्य डिलीवरी की ही तरह बच्चे को जन्म देने के लिए सर्विक्स के स्ट्रेच होने पर गंभीर ऐंठन जैसा ही महसूस होता है। एक बार जब आपका सर्विक्स पूरी तरह से फैल जाएगा तो आपको बच्चे को बर्थ कैनाल (Birth canal) से बाहर लाने के लिए जोर लगाना पड़ेगा।

    सामान्य प्रेग्नेंसी और क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी के लेबर (Labor) और डिलीवरी में केवल इतना ही फर्क होता है कि आपको इसमें प्रेग्नेंसी की कोई अपेक्षा नहीं होती है। इस स्थिति का आप पर बड़ा गंभीर मानसिक प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही आपको प्रेग्नेंसी के दौरान न तो किसी प्रकार की गर्भावस्था संबंधी देखभाल और सावधानियां प्राप्त हुई होंगी और हो सकता है कि इस स्थिति में आपके पास संपर्क करने के लिए कोई डॉक्टर भी न हो। यदि आपको संकुचन जैसी गंभीर ऐंठन महसूस होती है और इस स्थिति में आपको यदि इस बात की जानकारी न हो कि आपको क्या करना चाहिए तो तुरंत किसी नजदीकी हस्पताल के इमरजेंसी रूम जाएं।

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।

    डिस्क्लेमर

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