बच्चे के जन्मदोष को कम करे
गर्भावस्था में अगर प्रेग्नेंट महिला के शरीर में किसी भी तरह के तत्व की कमी होती है, तो इसका सीधा प्रभाव बच्चे की सेहत पर पड़ सकता है। कुछ मामलों में यह जन्म दोष का कारण भी बन सकता है। प्रेग्नेंसी में एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या सबसे अधिक देखी जाती है। इस समस्या के कारण बच्चे का वजन बहुत कम हो सकता है और वह कई अन्य बीमारियों से भी पीड़ित हो सकता है। इस समस्या से बचे रहने के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी में मक्का खाना चाहिए। मक्का में फोलिक एसिड पाया जाता है जो बच्चे के वजन को बढ़ाने में मदद करता है। मक्के के विटामिन बी और फोलिक एसिड महिला के शरीर में एनीमिया की समस्या को दूर करने में काफी मददगार हो सकते हैं।
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गर्भ में पल रहे शिशु की आंखों को स्वस्थ बनाए
मक्का में ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट की उच्च मात्रा होती है, जो गर्भ में पल रहे बच्चे की आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा मक्का में पाया जाने वाला विटामिन ए भी बच्चे की आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद होता है।
याददाश्त बढ़ाए
प्रेग्नेंसी में मक्का खाने से गर्भवती महिला की याददाश्त अच्छी होती है। साथ ही, यह गर्भ में पल रहे भ्रूण के मस्तिष्क के विकास में भी मदद करता है।
मांसपेशियों में विकृति की समस्या को कम करें
गर्भावस्था के दौरान मक्का का सेवन करने से गर्भ में पल रहे बच्चे के जन्म के बाद होने वाली मांसपेशियों के विकृति की समस्या से बचावा जा सकता है।
स्किन बने अच्छी
मक्का में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है, जो स्किन के लिए एंटीएजिंग का काम करता है। प्रेग्नेंसी में मक्का खाने से महिला को ड्राई स्किन की समस्या से राहत मिल सकती है। इसमें लिनोलिक एसिड पाया जाता है। जो ड्राई स्किन के साथ, त्वचा में खुजली की समस्या से भी राहत दिला सकता है।
गर्भावस्था में मक्का खाने के नुकसान क्या हो सकते है?
प्रेग्नेंसी में मक्का का सेवन एक सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। मक्का में फैटी एसिड की काफी अधिक मात्रा होती है, जिसके अधिक सेवन से गर्भवती महिलाओं को दिल की बीमारियों का जोखिम हो सकता है।