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प्रेग्नेंसी में पाइल्स: 8 आसान टिप्स से मिलेगी राहत

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/07/2020

    प्रेग्नेंसी में पाइल्स: 8 आसान टिप्स से मिलेगी राहत

    पाइल्स को बवासीर (Hemorrhoids) के नाम से भी जानते हैं। यह एनस के भीतरी या बाहरी हिस्से में हो सकता है। बाहरी हिस्सों  में मस्से होते हैं और कभी-कभी इससे ब्लड आने की भी समस्या होती है। पाइल्स की वजह से तेज दर्द की समस्या होती है। आज जानेंगे प्रेग्नेंसी में पाइल्स से कैसे राहत पा सकते हैं?

    प्रेग्नेंसी में पाइल्स क्या है? (Piles during pregnancy)

    प्रेग्नेंसी में पाइल्स की समस्या सामान्य है। इसकी वजह से एनस में सूजन होने के साथ-साथ दर्द भी होता है। प्रेग्नेंसी में पाइल्स की समस्या ज्यादातर तीसरे ट्राइमेस्टर में होती है।

    प्रेग्नेंसी में पाइल्स का कारण क्या है? (What causes piles in pregnancy?)

    प्रेग्नेंसी में पाइल्स कब्ज की वजह से होने वाली बीमारी। कब्ज होने के कारण रेक्टम और पेरिनियम पर दबाव बढ़ता है और यही कारण है प्रेग्नेंसी में पाइल्स की परेशानी हो जाती है।

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    प्रेग्नेंसी में पाइल्स के क्या हैं लक्षण? (What are the symptoms of piles in pregnancy?)

    प्रेग्नेंसी में पाइल्स होने के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं-

    • स्टूल पास करने के दौरान ब्लीडिंग हो सकती है।
    • गुदा क्षेत्र में खुजली और जलन महसूस हो सकती है।
    • स्टूल पास करने (मल त्याग) के दौरान दर्द और परेशानी हो सकती है।
    • गुदा (एनस) के आसपास सूजन।
    • गुदा के पास एक संवेदनशील या दर्दनाक गांठ भी बन सकती है।

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    जानते हैं प्रेग्नेंसी में पाइल्स की समस्या से छुटकारा पाने का क्या है घरेलू उपाय?

    1. सेब (Apple)

    ‘कहते हैं वन एप्पल ए डे कीप्स यू डॉक्टर अवे’ सेब (Apple) फाइबर का अच्छा सोर्स माना जाता है। सेब में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल कर सकता है। सेब को छिल्के के साथ खाने से पाइल्स  की परेशानी में राहत मिल सकती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पाइल्स होने पर सेब या सेब के रस का सेवन नियमित रूप से करने से फायदा मिल सकता है और प्रेग्नेंसी में पाइल्स की समस्या से बचा जा सकता है। 

    2. केला (Banana)

     प्रेग्नेंसी में पाइल्स की समस्या होने पर केले का नियमित सेवन करना चाहिए। इसमें फोलिक एसिड, पोटैशियम और विटामिन-बी 6 प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है। यही नहीं यह गर्भ में पल रहे शिशु के नर्वस सिस्टम पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। प्रेग्नेंसी में पाइल्स की परेशानी कम करने के लिए केले का नियमित रूप से सेवन करना मां-शिशु दोनों के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है।

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    3. ब्रोकली (Broccoli)

    प्रेग्नेंसी में पाइल्स होने पर ब्रोकली का सेवन करना चाहिए इसमें विटामिन-सी, कैल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड और बीटा-कैरोटीन और एंटीऑक्सिडेंट की मौजूदगी हेल्थ के लिए अच्छी मानी जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रोकली के सेवन से पाइल्स की समस्या में राहत मिलती है। यह डायजेशन में भी सहायक होती है। यही नहीं जो एंटीऑक्सिडेंट ब्रोकली (Broccoli) में पाए जाते हैं वे बेहद लाभदायक हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट पूरे शरीर में सेल्स और टिश्यू को सपोर्ट कर सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि ब्रोकली में पाए जाने वाला ग्लूकोराफेनिन नामक यौगिक पाचन के दौरान एंटीऑक्सिडेंट सल्फोराफेन में बदल जाता है। वहीं एक और अन्य अध्ययन में पाया गया कि सल्फोराफेन ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में, तनाव और अन्य बीमारियों को रोकने में सहायक है।

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    4. नाशपाती (Pear)

    प्रेग्नेंसी में पाइल्स की परेशानी होने पर नाशपाती का सेवन करना चाहिए। नाशपाती (Pear) में मौजूद विटामिन-सी, विटामिन-के, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटैशियम और मिनरल प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। प्रेग्नेंसी में नाशपाती रोजाना खाने से शुगर लेवल कंट्रोल रहने के साथ-साथ पाइल्स की समस्या में भी राहत मिल सकती है। गर्भावस्था में जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बना रहता है, इसलिए भी नाशपाती का सेवन करना चाहिए। रिसर्च के अनुसार डायबिटीज के पेशेंट भी नाशपाती का सेवन कर सकते हैं

    5. स्वीट पोटैटो (Sweet potato)

    स्वीट पोटैटो में फाइबर की उच्च मात्रा मौजूद होती है और इसमें फैट और कोलेस्ट्रॉल अत्यंत कम होता है। प्रेग्नेंसी में इसके सेवन से स्वीट पोटैटो के सेवन से बवासीर की समस्या ठीक हो सकती है।

    6. वार्म वॉटर टब (Warm water tub)

    प्रेग्नेंसी में बवासीर होने पर गर्म पानी से स्नान करें या हल्के गर्म पानी में 15-20 मिनट के लिए रोजाना दो बार बैठें इससे जलन, खुजली और दर्द से राहत मिलेगी। बवासीर की परेशानी कम करने के लिए एंटीसेप्टिक क्रीम का भी प्रयोग किया जा सकता है। 

    7. नारियल तेल (Coconut oil)

    प्रेग्नेंसी में बवासीर होने पर नारियल तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। नारियल तेल में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लमेटरी गुण होते हैं। यह उन गर्भवती महिलाओं के लिए काफी राहत दे सकता है जो बवासीर से पीड़ित हैं। एक सॉफ्ट कॉटन बॉल्स को नारियल के तेल से गीला कर इंफेक्टेड एरिया पर लगाने से फायदा मिलता है। अगर संभव हो, तो रोजाना 2-3 बार ऐसा करने से परेशानी कम हो सकती है।

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    8. मीट/मछली (Meat/Fish)

    कच्चे मीट का सेवन न करें और मछली खाने के शौकीन हैं, तो कुछ मछलियां आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकती हैं। क्योंकि कुछ मछलियों में मरकरी पाया जाता है, जो शरीर के लिए बहुत हानिकारक होता है खासकर मां बनने वाली महिलाओं के लिए ये मछलियां और ज्यादा हानिकारक होती हैं।

    प्रेग्नेंसी में बवासीर की समस्या होने पर इन 8 टिप्स को फॉलो करें, लेकिन पाइल्स की वजह से दर्द ज्यादा हो, फ्रेश होने के दौरान मल का रंग काला हो, मल से खून आए या चक्कर आएं और घरेलू उपाय से कोई फायदा न होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। एक बात का विशेष ख्याल रखें कि गर्भावस्था में चक्कर आना सामान्य होता है और पाइल्स के कारण चक्कर की समस्या और बढ़ने पर परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए प्रेग्नेंसी में पाइल्स होने पर विशेष ख्याल रखें।

    प्रेग्नेंसी में पाइल्स के अलावा सामान्य लोगों में भी पाइल्स की समस्या अत्यधिक देर तक या लगातार घंटों बैठने के कारण, दस्त या कब्ज की पुरानी समस्या, एनल सेक्स, आहार में फैट या फाइबर की मात्रा कम होना और 60 साल से ज्यादा उम्र होने के कारण हो सकती है।

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    इन सभी घरेलू उपाय का सहारा लिया जा सकता है, लेकिन अगर आप प्रेग्नेंसी में बवासीर से जुड़े किसी तरह के सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    डिस्क्लेमर

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