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यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश): गर्भाशय क्यों आ जाता है अपनी जगह से नीचे?

यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश): गर्भाशय क्यों आ जाता है अपनी जगह से नीचे?

यूटेरिन प्रोलैप्स (Uterine prolapse) क्या है?

यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश) को अगर सामान्य भाषा में सामझा जाए तो यूटेरिन का अर्थ है गर्भाशय और प्रोलैप्स का अर्थ है नीचे की ओर आना। यूटेरिन प्रोलैप्स होने की स्थिति में गर्भाशय नीचे की ओर वजायना के वॉल के पास आ जाता है। यूट्रस का नीचे की ओर आना ठीक नहीं होता है। इस आर्टिकल में यूटेरिन प्रोलैप्स से जुड़ी पूरी जानकारी दी जा रही है।

यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश) क्यों होता है?

यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश) तब होता है जब पेल्विस फ्लोर मसल्स और लिगामेंट्स कमजोर होने लगते हैं और वे गर्भाशय को सपोर्ट करना बंद कर देते हैं तब यूट्रस नीचे की ओर आ जाता है। कुछ महिलाओं में तो यूट्रस वजायना से बाहर आ जाता है। 55 साल या इससे ज्यादा उम्र की महिलाओं में होने वाली सबसे सामान्य बीमारी यूटेरिन प्रोलैप्स है।

यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश) की कितनी स्टेज होती हैं?

यूटेरिन प्रोलैप्स दो तरह का होता है।

1. इनकंप्लीट यूटेरिन प्रोलैप्स  (Incomplete uterine prolapse)

यूट्रस वजायना के पास आ जाता है, लेकिन वजायना से बाहर नहीं आता है, जिसे इनकंप्लीट यूटेरिन प्रोलैप्स कहते हैं।

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2.  कंप्लीट यूटेरिन प्रोलैप्स (Complete uterine prolapse)

यूटेरिन प्रोलैप्स: गर्भाशय क्यों अपने जगह से नीचे आ जाता है?

जब यूट्रस का एक हिस्सा वजायना से बाहर आ जाता है, तो ऐसी स्थिति को कंप्लीट यूटेरिन प्रोलैप्स कहते हैं। यूट्रस वजायना के कितने पास आता है। इसका ग्रेड (grade) से निर्णय लिया जाता है।

फर्स्ट ग्रेड- सर्विक्स वजायना में आ जाता है, जिसे यूटेरिन प्रोलैप्स का फर्स्ट ग्रेड कहते हैं।

सेकेंड ग्रेड- सर्विक्स वजायना के सबसे ऊपरी हिस्से में पहुंच जाता है।

थर्ड ग्रेड- सर्विक्स वजायना के बाहरी हिस्से में आ जाता है।

फोर्थ ग्रेड-  पूरा यूट्रस वजायना के बहार आ जाता है।

फोर्थ ग्रेड अगर पेशेंट की स्थिति गंभीर है, तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती हैं। वैसे अगर यूटेरिन प्रोलैप्स की जानकारी जल्दी मिल जाती है, तो एक्सरसाइज की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है।

यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश) के लक्षण क्या हैं?

यूट्रस के वजायना की ओर आने के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। जैसे-

  • पेल्विस में भारीपन महसूस होना या खिंचाव होना।
  • वजायना से ब्लीडिंग या वजायनल डिस्चार्ज बढ़ जाना।
  • सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान परेशानी महसूस होना।
  • यूरिनरी लीकेज या ब्लैडर में इंफेक्शन होना।
  • कब्ज की समस्या होना ।
  • बैक के निचले हिस्से में दर्द होना।
  • खांसने के दौरान यूट्रस का वजायना से बाहर आना। (ऐसा किसी और स्थिति में भी हो सकता है)
  • वजायना से यूट्रस बाहर आना महसूस होना।
  • वजायनल (योनि) टिशू कमजोर होना।

शुरुआती दिनों में यूटेरिन प्रोलैप्स की जानकारी नहीं मिल सकती है। कभी-कभी परेशानी बढ़ने के बाद गर्भाशय के नीचे आने की जानकरी मिलती है।

और पढ़ेंः लोअर सेगमेंट सिजेरियन सेक्शन (LSCS) के बाद नॉर्मल डिलिवरी के लिए ध्यान रखें इन बातों का

यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश) के क्या हैं कारण?

यूटेरिन प्रोलैप्स: गर्भाशय क्यों अपने जगह से नीचे आ जाता है?

गर्भाशय का अपनी जगह से नीचे आना निम्नलिखित कारणों से हो सकता है। जैसे-

  • प्रेग्नेंसी
  • बेबी डिलिवरी के कारण भी यूट्रस नीचे आ सकता है। ऐसा डिलिवरी के दौरान शिशु का साइज सामान्य से ज्यादा होने से हो सकता है।
  • महिला की उम्र ज्यादा होना। ऐसा खासकर मेनोपॉज के दौरान भी हो सकता है।
  • जरूरत से ज्यादा भारी सामान उठाना।
  • स्टूल (मल) पास करने के दौरान परेशानी होना।
  • पुरानी खांसी 
  • पेल्विस सर्जरी।
  • जेनेटिक कारण जैसे कनेक्टिव टिशूज का कमजोर होना।

यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश) का निदान कैसे किया जाता है?

हेल्थ एक्सपर्ट आपसे लक्षणों के बारे में पूछ सकते हैं और कुछ फिजिकल चेकअप कर सकते हैं। यूटेरिन प्रोलैप्स कौन से ग्रेड में है इसकी जानकारी के लिए अल्ट्रासाउंड या MRI (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) की जा सकती है।

यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश) का इलाज कैसे किया जाता है?

यूटेरिन प्रोलैप्स के थर्ड डिग्री (थर्ड ग्रेड) तक पहुंचने पर आसानी से इसका इलाज किया जा सकता है लेकिन, थर्ड ग्रेड के बाद सर्जिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता पड़ती है।

इलाज के लिए दो विकल्प होते हैं।

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1. वजायनल पेसरी (Vaginal pessary)

वजायनल पेसरी एक तरह की डिवाइस होती है जिसकी मदद से यूट्रस की पुजिशन को ठीक किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद ध्यान रखने की जरूरत होती है। प्रोलैप्स की स्थिति ज्यादा खराब होने पर पेसरी की वजह इरिटेशन, अल्सरेशन और सेक्शुअल प्रॉब्लम हो सकती है। इसलिए वजायनल पेसरी के बाद अगर परेशानी महसूस होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

2. सर्जरी

प्रोलैप्स यूट्रस को ठीक करने के लिए पेट के निचले हिस्से (वजायना) में सर्जरी की जाती है। इसमें स्किन ग्राफ्टिंग, डोनर टिशू या अन्य मेटेरियल का उपयोग करके गर्भाशय को अपनी जगह पर रखा जाता है। वहीं अगर भविष्य में बेबी प्लानिंग की संभावना होती है, तो ऐसी स्थिति में सर्जरी नहीं की जा सकती है।

और पढ़ेंः प्रेग्रेंसी में होम फीटल डॉप्लर का इस्तेमाल करने से पहले जानें जरूरी बातें

यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश) ठीक करने के लिए क्या हैं अन्य विकल्प?

यूटेरिन प्रोलैप्स की जानकारी अगर जल्दी मिल जाती है या इसके लक्षण समझ आने लगते हैं, तो शुरुआती स्टेज में एक्सरसाइज की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है।

इसके शुरुआती वक्त में होने पर कीगल एक्सरसाइज की जा सकती है। इस दौरान शरीर के वजन को नियंत्रित रखें और वजनदार सामना न उठाएं।

कीगल एक्सरसाइज कैसे करें?

यूटेरिन प्रोलैप्स: गर्भाशय क्यों अपने जगह से नीचे आ जाता है?

इस एक्सरसाइज को घर के किसी भी कोने में कुर्सी या बेड पर बैठकर, लेटकर या खड़े होकर कर सकते हैं। कीगल एक्सरसाइज में जिन मांसपेशियों को सिकोड़ा जाता है, उनका प्रयोग हम यूरिन पास करते समय करते हैं।

इस एक्सरसाइज को करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स अपनाएं। जैसे-

  • सबसे पहले अपने घुटनों को मोड़ें और बैठ जाएं।
  • अब ध्यान लगाएं और पेल्विक मांसपेशियों को पहले टाइट कर के उन्हें सिकोड़ें।
  • शुरुआत में पांच सेकेंड के लिए इन्हें सिकोड़ें और उसके बाद इतने ही समय आराम करें।
  • बाद में आप यह समय बढ़ा सकते हैं।
  • दस से बीस बार इस व्यायाम को दोहराएं।
  • अगर आप लेटकर इस एक्सरसाइज को कर रही हैं, तो लेटकर घुटनों को मोड़ लें। इसके बाद इसे करें।
  • अगर खड़े हो कर कर रहे हैं, तो पैर को फैला लें और उसके बाद इस एक्सरसाइज को करें।

कीगल एक्सरसाइज करने से निम्नलिखित फायदे होते हैं। जैसे-

और पढ़ें: गर्भाशय पॉलीप (Uterine Polyp) क्या है? जानिए इसके लक्षण

यूटेरिन प्रोलैप्स (गर्भाशय भ्रंश) ठीक करने के लिए क्या हैं घरेलू उपाए?

  1. कीगल एक्सरसाइज ठीक से और नियमित रूप से करें।
  2. कब्ज की समस्या से बचें।
  3. भारी सामान न उठाएं।
  4. खांसी की परेशानी से बचें।
  5. पौष्टिक आहार का सेवन करें
  6. पेशेंट को मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजोन रिप्लेसमेंट थेरिपी दी जा सकती है।

इन सबके बावजूद भी अगर यूटेरिन प्रोलैप्स की परेशानी बढ़ रही है और इससे जुड़े किसी भी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। ताकि वे आपकी स्थिति के अनुसार सही उपचार रिकमंड कर सकें।

उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और यूटेरिन प्रोलैप्स से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Uterine Prolapse: http://www.frederickhealth.org/documents/Uterine-Prolapse-Education-for-Website.pdf Accessed August 05, 2020

Uterine prolapse: https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/uterine-prolapse/diagnosis-treatment/drc-20353464 Accessed August 05, 2020

Pelvic organ prolapse: https://www.womenshealth.gov/a-z-topics/pelvic-organ-prolapse Accessed August 05, 2020

Prolapsed uterus: https://www.healthdirect.gov.au/prolapsed-uterus Accessed August 05, 2020

Uterine prolapse: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2034734/ Accessed August 05, 2020

Current Version

21/05/2021

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Manjari Khare


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/05/2021

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