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बेटियों में मां से फैलती है ये बीमारियां, आप भी जानिए इसके बारे में

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/12/2021

    बेटियों में मां से फैलती है ये बीमारियां, आप भी जानिए इसके बारे में

    कहते हैं कुछ बीमारियां जो माता-पिता में होती हैं वे बच्चों को भी हो सकती हैं। वहीं कुछ का बच्चों में होना तय माना जाता है। आज जानेंगे मां से होने वाली बीमारी (Mother’s disease) के बारे में जो बेटियों में होती हैं। दरअसल ऐसा जेनेटिकल कारणों की वजह से होता है। लंदन के कैंसर इंस्टिट्यूट ऑफ रिसर्च के अनुसार 57 प्रतिशत महिलाओं को पीरियड्स (मासिक धर्म) तभी शुरू होते हैं जब उनकी मां को शुरू हुआ हो। पीरियड्स (Menstruation) तो कोई बीमारी नहीं है, लेकिन ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्हें कुछ बीमारी जेनेटिकल कारणों से या कहें कि मां से होती हैं। जब बच्चा मां के गर्भ में होता है तो उसे कुछ बीमारियां मां से भी मिलती हैं। आपने कुछ लोगों को ऐसा कहते हुए जरूर सुना होगा कि मेरी मां को ये समस्या थी, इसलिए मुझे भी फलां बीमारी हो गई है। अगर आपने अब तक इस तरह की बातें नहीं सुनी हैं या फिर आपको इस बारे में जानकारी नहीं है तो ये आर्टिकल आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। मां से होने वाली बीमारी (Mother’s disease) में एक, दो नहीं ब्लकि 6 बीमारियां हैं। जानते हैं इनके बारे में।

    मां से होने वाली बीमारी में शामिल है हार्ट अटैक

    1. मां से होने वाली बीमारी- हार्ट अटैक (Mother’s disease – heart attack)

    ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसार अगर किसी महिला को हार्ट से जुड़ी बीमारी है और उन्हें हार्ट अटैक हुआ है तो ऐसी स्थिति में उनकी बेटी को हार्ट अटैक का खतरा 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। मां से होने वाली बीमारी की लिस्ट में हार्ट अटैक पहली बीमारी मानी जाती है। महिलाओं में हार्ट अटैक की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। कुछ बीमारियों के कारण महलाओं में हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।

    हार्ट अटैक का कारण क्या है?

    कोरोनरी आर्ट्रीज में फैट जमा होने की वजह से ब्लड फ्लो ठीक तरह से नहीं होने के कारण हार्ट में ब्लड फ्लो बंद हो जाता है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।  हृदय की ये बीमारी महिलाओं के लिए घातक मानी जाती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है की इसके लक्षणों और संकेतों को समझें और परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। हार्ट अटैक होने के कई कारण हो सकते हैं। मोटापा, तनाव की समस्या , ब्लड शुगर का अधिक होना, डायबिटीज की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या, खराब लाइफस्टाइल आदि कारणों से हार्ट अटैक की समस्या हो सकती है। जो महिलाएं अधिक स्मोकिंग करती हैं, उन्हें भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

    जानिए महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं (Know what are the symptoms of heart attack in women) ?

    महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से कुछ अलग हो सकते हैं। महिलाओं को हार्ट अटैक के समय निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं।

    अगर आपको उपरोक्त कोई भी लक्षण नजर आ रहे है तो बेहतर होगा कि आप तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। आपके परिवार में अगर किसी महिला को या आपकी मां को हार्ट अटैक आ चुका है तो आपको भी हार्ट अटैक की संभावना बहुत बढ़ जाती है। बेहतर होगा कि आप अधिक सावधानी रखें।

    और पढ़ें: हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में क्या अंतर है ?

    2. मां से होने वाली बीमारी- ब्रेस्ट कैंसर (Mother’s disease – breast cancer)

    ब्रेस्ट कैंसर

    अगर परिवार में या ब्लड रिलेशन में जैसे मां या मौसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है या तो बेटी को भी हो सकता है। इसे मां से होने वाली बीमारी कह सकते हैं। ऐसी स्थिति में महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अनुवांशिक बीमारी के तौर पर ये बीमारी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाती है।

    अगर महिला चाहे तो खुद ही स्तन कैंसर का पता लगा सकती है। स्तन में होने वाली गांठ या फिर स्तनों में आने वाले बदलाव पर अगर ध्यान दिया जाए और समय रहते ही ट्रीटमेंट करा लिया जाए तो स्तन कैंसर के खतरे से बच सकते हैं। महिलाओं को समय रहते ही ब्रेस्ट से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी को डॉक्टर से बताना चाहिए और साथ ही जांच भी करानी चाहिए। जानिए किन लक्षणों को देखकर स्तन कैंसर का पता लगाया जा सकता है।

    • निप्पल में परिवर्तन का एहसास
    • ब्रेस्ट का टाइट होना
    • ब्रेस्ट में दर्द महसूस होना
    • ब्रेस्ट की स्किन का कलर चेंज होना
    • ब्रेस्ट को चेक करते समय गांठ का एहसास
    • निप्पल से ब्लीडिंग होना या लिक्विड आना

    आपको एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि ब्रेस्ट में गांठ होना कैंसर का लक्षण हो सकता है लेकिन सभी गांठ कैंसर नहीं होती है। इस बारे में आप अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें कि मां का ब्रेस्ट कैंसर क्या उसकी बेटी में भी ब्रेस्ट कैंसर की संभावना को बढ़ा सकता है ? अगर कैंसर की शुरूआती स्टेज में जानकारी मिल जाती है तो डॉक्टर से नियंत्रित कर सकते हैं।आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि पहली स्टेज में कैंसर की जानकारी मिलने पर करीब 80 फीसदी महिलाएं ठीक हो जाती हैं। शुरूआती स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर का ट्रीटमेंट आसानी से हो जाता है। ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज या चरण बढ़ने के साथ ही खतरा अधिक बढ़ता जाता है। डॉक्टर सर्जरी और कीमोथेरिपी की सहायता से ब्रेस्ट कैंसर का ट्रीटमेंट करते हैं।

    ब्रेस्ट कैंसर का कारण क्या है (what is the cause of breast cancer)?

    स्तन में गांठ महसूस होने पर कैंसर की संभावना हो सकती है, लेकिन ध्यान रखें हर गांठ कैंसर नहीं होती है। कैंसर बदलती लाइफ स्टाइल और जेनेटिकल दोनों कारणों हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार लगभग 5-10% स्तन कैंसर के मामले ज्यादातर जेनेटिकल होते हैं। इन जीनों की पहचान जीन 1 (BRCA1) और स्तन कैंसर जीन 2 (BRCA2) के रूप में की गई है। इसलिए परिवार में कभी कोई स्तन कैंसर से पीड़ित रह चुका है, तो आप इन जींस (genes) का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं।

    ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जीन मैपिंग की तकनीकी सहायत साबित हो रही है। जीन मैपिंग की सहायता से जीन सिग्नेचर की जानकारी ली जाती है और फिर उन जीन की पहचान भी की जाती है जो ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं। जीन मैपिंग की सहायता से भी पता लगाया जा सकता है कि महिला में ब्रेस्ट कैंसर की स्तर पर है या फिर उसे ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण दिख रहे हैं या फिर नहीं। साथ ही जीन मैपिंग कैंसर के दोबारा खतरे के बारे में भी जानकारी देता है। पेशेंट को सर्जरी के बाद कीमोथेरेपी की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन जीन मैपिंग की सहायता से इस बात की जानकारी मिल जाती है कि उसे अब किस तरह के ट्रीटमेंट की आवश्यकता है। ब्रेस्ट कैंसर के खतरे से बचने के लिए महिलाओं को  40 साल की उम्र के बाद मैमोग्राफी करवाना चाहिए ताकि कैंसर के बारे में जानकारी मिल सके।

    और पढ़ें: ब्रेस्ट कैंसर से डरें नहीं, खुद को ऐसे मेंटली और इमोशनली संभाले

    3. मां से होने वाली बीमारी- अल्जाइमर (Mother’s disease – Alzheimer’s)

    अल्जाइमर

    अल्जाइमर की बीमारी, डिमेंशिया (डिमेंशिया के लक्षण) का सबसे सामान्य कारण है। अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है। याददाश्त कमजोर होने की वजह से व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ने के साथ-साथ दैनिक कार्यों को भी पूरा करने में कठिनाई शुरू हो जाती है। यह बीमारी भी मां से मिल सकती है।

    अल्जाइमर के लक्षण क्या है (what are the symptoms of alzheimer’s) ?

    • बात को याद न रख पाना
    • लोगों को भूल जाना
    • लोगों से न मिलने की इच्छा
    • बात करने में समस्या
    • व्यवहार में बदलाव आना
    • थकावट का अधिक एहसास
    • डिसीजन लेने में समस्या

    अल्जाइमर का कारण क्या है (what causes alzheimer’s)?

    अल्जाइमर सोसायटी के अनुसार अगर कोई महिला अल्जाइमर से पीड़ित हैं, तो उनकी बेटी को भी 30 – 50 प्रतिशत संभावना अल्जाइमर की होगी। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार शरीर का वजन, ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल से जुड़ी जांच करवाते रहना चाहिए। हेल्दी लाइफ स्टाइल फॉलो करने से डिमेंशिया का खतरा 20 प्रतिशत तक कम हो सकता है। अल्जाइमर की बीमारी की वजह से मस्तिष्क की सेल्स यानी कोशिकाओं को क्षति पहुंचने लगती है और कोशिकाओं की मृत्यु भी हो सकती है। जब उम्र ज्यादा होने लगती है तो अल्जाइमर की बीमारी की संभावना भी अधिक हो जाती है।

    और पढ़ें: कहीं आपके बच्चे को अल्जाइमर तो नहीं है?

    4. मां से होने वाली बीमारी- डिप्रेशन (Mother’s disease – depression)

    यह एक तरह का ऐसा तनाव है, जिससे व्यक्ति लंबे समय से पीड़ित होता है। इसमें व्यक्ति खुद को बहुत ही डिप्रेस्ड महसूस करता है। यह किसी भी पूर्व समय में घटित घटनाओं की वजह से होता है। चिंता और डिप्रेशन की समस्या, दोनों ही मानसिक पीड़ा है और इनके लक्षण भी लगभग एक जैसे होते हैं लेकिन, चिंता और डिप्रेशन दोनों ही अलग-अलग होते हैं। यह भी मां से होने वाली बीमारी है।

    डिप्रेशन का कारण क्या है (What is the cause of depression)?

    एक्सपर्ट्स की मानें तो 10 प्रतिशत तक संभावना मेंटल इलनेस की होती है अगर कोई परिवार में मेंटल इलनेस से पीड़ित है। हालांकि ऐसा पूरी नींद न लेना, अत्यधिक एल्कोहॉल का सेवन करना या फिर तनाव में रहने के कारण भी हो सकता है। जब तनाव अधिक होने लगता है तो डिप्रेशन की समस्या हो जाती है।

    और पढ़ें: डिप्रेशन और नींद: बिना दवाई के कैसे करें इलाज?

    5. मां से होने वाली बीमारी- माइग्रेन (Mother’s disease – Migraine)

    आपको ये जानकार हैरानी होगी की 70 – 80 प्रतिशत माइग्रेन की समस्या महिलाओं में मां के कारण होती है। आप कह सकते हैं की मां से होने वाली बीमारी की लिस्ट में माइग्रेन भी शामिल है।

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    माइग्रेन का कारण क्या है (What causes migraine)?

    ब्रेन में सेरोटोनिन (serotonin) नामक रसायन, जो कि नर्वस सिस्टम में दर्द नियंत्रण में मदद करता है। इसके असंतुलित हो जाने के कारण माइग्रेन होता है। महिलाओं में यह हॉर्मोनल बदलाव या पीरियड्स (मासिक धर्म),  गर्भावस्था या मेनोपॉज के कारण भी हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है की माइग्रेन कुछ सेंसेटिव खाद्य पदार्थों जैसे चॉकलेट, चीज, कॉफी, सिट्रस फ्रूट या रेड वाइन के सेवन से भी हो सकता है।

    और पढ़ें: क्या 50 की उम्र में भी महिलाएं कर सकती हैं गर्भधारण?

    अनुवांशिक बीमारी : जानिए ऐसा क्यों होता है (Genetic disease: Know why it happens) ?

    इंसान का शरीर अनगिनत सेल्स से मिलकर बना हुआ है। सेल्स में क्रोमोसोम होते हैं। सेल्स यानी कोशिका में 23 जोड़ी क्रोमोसोम यानी गुणसूत्र होते हैं, जो सेल्स की जानकारी रखते हैं। स्पर्म और ओवम भी सेल्स से बना होता है। इनमे कुछ 23 क्रोमोसोम होते हैं। जब पुरुष का स्पर्म महिला के शरीर में जाता है तो फर्टिलाइजेशन की प्रोसेस होती है। फर्टिलाइजेन की प्रोसेस के बाद एम्ब्रियों का निर्माण होता है। यानी एम्ब्रियों में आधे मां के गुणसूत्र होते हैं और आधे पिता के गुणसूत्र होते हैं।

    जब मां का एक्स क्रोमोसोम पिता के एक्स क्रोमोसोम से मिलता है तो लड़की पैदा होती है, वहीं जब मां का एक्स क्रोमोसोम पिता के वाई क्रोमोसोम में मिलता है तो लड़का पैदा होता है। गुणसूत्र में जींस होते हैं जो किसी कैरेक्टर को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ले कर जाते हैं। इन्हीं जींस के कारण ही मां से बीमारी आगे चलकर उसकी लड़की को भी ट्रांसफर होती है। आप ये कह सकते हैं कि जो एक्स क्रोमोसोम मां से बेटी को मिला है, उसी में बीमारी के जींस लड़की तक पहुंचते हैं। क्रोमोसोम से जरिए एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने वाली बीमारी को अनुवांशिक बीमारी जेनेटिक डिजीज कहा जाता है। जो बीमारी माता और पिता के परिवार में लंबे समय से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चली आ रही हो, ऐसी बीमारी का बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है।मां से बच्चे में अनुवांशिक विकार भी पैदा होते हैं। ऐसा क्रोमोसोम में असमानता के कारण हो सकता है। डाउन सिंड्रोम इन्ही बीमारियों में से एक है जो अनुवांशिक विकार के कारण पैदा होती है। इसी के साथ क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम,टर्नर सिंड्रोम, एडवर्ड सिंड्रोम आदि भी अनुवांशिक विकार हैं जो क्रोमोसोम में असमानता के कारण हो सकते हैं।

    इन बीमारियों के अलावा अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं लेकिन, अगर आप मां से होने वाली बीमारी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। मां से न सिर्फ बेटी को बल्कि बेटों को भी बीमारी फैल सकती है। हमे उम्मीद है कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आपको अनुवांशिक बीमारी के बारे में जानकारी मिली होगी। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो हेल्थ की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। साथ ही हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर कमेंट भी कर सकते हैं।

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