ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जीन मैपिंग की तकनीकी सहायत साबित हो रही है। जीन मैपिंग की सहायता से जीन सिग्नेचर की जानकारी ली जाती है और फिर उन जीन की पहचान भी की जाती है जो ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं। जीन मैपिंग की सहायता से भी पता लगाया जा सकता है कि महिला में ब्रेस्ट कैंसर की स्तर पर है या फिर उसे ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण दिख रहे हैं या फिर नहीं। साथ ही जीन मैपिंग कैंसर के दोबारा खतरे के बारे में भी जानकारी देता है। पेशेंट को सर्जरी के बाद कीमोथेरेपी की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन जीन मैपिंग की सहायता से इस बात की जानकारी मिल जाती है कि उसे अब किस तरह के ट्रीटमेंट की आवश्यकता है। ब्रेस्ट कैंसर के खतरे से बचने के लिए महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद मैमोग्राफी करवाना चाहिए ताकि कैंसर के बारे में जानकारी मिल सके।
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3. मां से होने वाली बीमारी- अल्जाइमर (Mother’s disease – Alzheimer’s)

अल्जाइमर की बीमारी, डिमेंशिया (डिमेंशिया के लक्षण) का सबसे सामान्य कारण है। अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है। याददाश्त कमजोर होने की वजह से व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ने के साथ-साथ दैनिक कार्यों को भी पूरा करने में कठिनाई शुरू हो जाती है। यह बीमारी भी मां से मिल सकती है।
अल्जाइमर के लक्षण क्या है (what are the symptoms of alzheimer’s) ?
- बात को याद न रख पाना
- लोगों को भूल जाना
- लोगों से न मिलने की इच्छा
- बात करने में समस्या
- व्यवहार में बदलाव आना
- थकावट का अधिक एहसास
- डिसीजन लेने में समस्या
अल्जाइमर का कारण क्या है (what causes alzheimer’s)?
अल्जाइमर सोसायटी के अनुसार अगर कोई महिला अल्जाइमर से पीड़ित हैं, तो उनकी बेटी को भी 30 – 50 प्रतिशत संभावना अल्जाइमर की होगी। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार शरीर का वजन, ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल से जुड़ी जांच करवाते रहना चाहिए। हेल्दी लाइफ स्टाइल फॉलो करने से डिमेंशिया का खतरा 20 प्रतिशत तक कम हो सकता है। अल्जाइमर की बीमारी की वजह से मस्तिष्क की सेल्स यानी कोशिकाओं को क्षति पहुंचने लगती है और कोशिकाओं की मृत्यु भी हो सकती है। जब उम्र ज्यादा होने लगती है तो अल्जाइमर की बीमारी की संभावना भी अधिक हो जाती है।
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4. मां से होने वाली बीमारी- डिप्रेशन (Mother’s disease – depression)
यह एक तरह का ऐसा तनाव है, जिससे व्यक्ति लंबे समय से पीड़ित होता है। इसमें व्यक्ति खुद को बहुत ही डिप्रेस्ड महसूस करता है। यह किसी भी पूर्व समय में घटित घटनाओं की वजह से होता है। चिंता और डिप्रेशन की समस्या, दोनों ही मानसिक पीड़ा है और इनके लक्षण भी लगभग एक जैसे होते हैं लेकिन, चिंता और डिप्रेशन दोनों ही अलग-अलग होते हैं। यह भी मां से होने वाली बीमारी है।
डिप्रेशन का कारण क्या है (What is the cause of depression)?
एक्सपर्ट्स की मानें तो 10 प्रतिशत तक संभावना मेंटल इलनेस की होती है अगर कोई परिवार में मेंटल इलनेस से पीड़ित है। हालांकि ऐसा पूरी नींद न लेना, अत्यधिक एल्कोहॉल का सेवन करना या फिर तनाव में रहने के कारण भी हो सकता है। जब तनाव अधिक होने लगता है तो डिप्रेशन की समस्या हो जाती है।
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5. मां से होने वाली बीमारी- माइग्रेन (Mother’s disease – Migraine)
आपको ये जानकार हैरानी होगी की 70 – 80 प्रतिशत माइग्रेन की समस्या महिलाओं में मां के कारण होती है। आप कह सकते हैं की मां से होने वाली बीमारी की लिस्ट में माइग्रेन भी शामिल है।
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माइग्रेन का कारण क्या है (What causes migraine)?
ब्रेन में सेरोटोनिन (serotonin) नामक रसायन, जो कि नर्वस सिस्टम में दर्द नियंत्रण में मदद करता है। इसके असंतुलित हो जाने के कारण माइग्रेन होता है। महिलाओं में यह हॉर्मोनल बदलाव या पीरियड्स (मासिक धर्म), गर्भावस्था या मेनोपॉज के कारण भी हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है की माइग्रेन कुछ सेंसेटिव खाद्य पदार्थों जैसे चॉकलेट, चीज, कॉफी, सिट्रस फ्रूट या रेड वाइन के सेवन से भी हो सकता है।
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अनुवांशिक बीमारी : जानिए ऐसा क्यों होता है (Genetic disease: Know why it happens) ?
इंसान का शरीर अनगिनत सेल्स से मिलकर बना हुआ है। सेल्स में क्रोमोसोम होते हैं। सेल्स यानी कोशिका में 23 जोड़ी क्रोमोसोम यानी गुणसूत्र होते हैं, जो सेल्स की जानकारी रखते हैं। स्पर्म और ओवम भी सेल्स से बना होता है। इनमे कुछ 23 क्रोमोसोम होते हैं। जब पुरुष का स्पर्म महिला के शरीर में जाता है तो फर्टिलाइजेशन की प्रोसेस होती है। फर्टिलाइजेन की प्रोसेस के बाद एम्ब्रियों का निर्माण होता है। यानी एम्ब्रियों में आधे मां के गुणसूत्र होते हैं और आधे पिता के गुणसूत्र होते हैं।
जब मां का एक्स क्रोमोसोम पिता के एक्स क्रोमोसोम से मिलता है तो लड़की पैदा होती है, वहीं जब मां का एक्स क्रोमोसोम पिता के वाई क्रोमोसोम में मिलता है तो लड़का पैदा होता है। गुणसूत्र में जींस होते हैं जो किसी कैरेक्टर को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ले कर जाते हैं। इन्हीं जींस के कारण ही मां से बीमारी आगे चलकर उसकी लड़की को भी ट्रांसफर होती है। आप ये कह सकते हैं कि जो एक्स क्रोमोसोम मां से बेटी को मिला है, उसी में बीमारी के जींस लड़की तक पहुंचते हैं। क्रोमोसोम से जरिए एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने वाली बीमारी को अनुवांशिक बीमारी जेनेटिक डिजीज कहा जाता है। जो बीमारी माता और पिता के परिवार में लंबे समय से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चली आ रही हो, ऐसी बीमारी का बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है।मां से बच्चे में अनुवांशिक विकार भी पैदा होते हैं। ऐसा क्रोमोसोम में असमानता के कारण हो सकता है। डाउन सिंड्रोम इन्ही बीमारियों में से एक है जो अनुवांशिक विकार के कारण पैदा होती है। इसी के साथ क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम,टर्नर सिंड्रोम, एडवर्ड सिंड्रोम आदि भी अनुवांशिक विकार हैं जो क्रोमोसोम में असमानता के कारण हो सकते हैं।
इन बीमारियों के अलावा अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं लेकिन, अगर आप मां से होने वाली बीमारी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। मां से न सिर्फ बेटी को बल्कि बेटों को भी बीमारी फैल सकती है। हमे उम्मीद है कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आपको अनुवांशिक बीमारी के बारे में जानकारी मिली होगी। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो हेल्थ की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। साथ ही हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर कमेंट भी कर सकते हैं।