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पीरियड्स में कैसे रखें सफाई का ध्यान
4 से 6 घंटे में जरूर बदलें पैड
सैनिटरी नैपकिन या मेन्स्ट्रुअल कप को हर चार से छह घंटे के अंदर बदलें। इससे वजायना की सफाई होती रहेगी। मासिक धर्म का खून, जब शरीर से निकलता है तो हमारे शरीर के विभिन्न कीटाणुओं को आकर्षित करता है, जो खून में जमा होने लगते हैं। जिसके कारण वजायना में जलन, खुजली, चकत्ते या मूत्र मार्ग में संक्रमण का कारण बनते हैं।
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रोज नहाएं और अंडरगारमेंट बदलें
पीरियड के दौरान हर रोज नहाएं और कपड़ों के साथ ही अंडरगारमेंट्स भी बदलें। अंडरगारमेंट्स हमेशा कॉटन का ही पहनें, ताकि वजायना को ताजी हवा मिलती रहे। कॉटन शरीर के पसीने को भी अच्छे से सोखता है, इसलिए कॉटन का ही इस्तेमाल करें।
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वजायना पर न लगाएं साबुन
मार्केट में वजायना के लिए अलग-अलग तरह के साबुन और क्रीम मिलते हैं। लेकिन, वजायना को इन जैसे प्रोडक्ट्स की जरूरत नहीं होती। बल्कि, वह खुद ही खुद की सफाई कर लेती है। इसलिए वजायना को साफ करने के लिए हमेशा साफ हल्के गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें। किसी भी तरह के प्रोडक्ट के इस्तेमाल से वजायनल इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
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इस्तेमाल के बाद सेनेटरी नैपकिन के साथ क्या करें
हर बार इस्तेमाल किया हुआ सेनेटरी नैपकिन इधर-ऊधर न फेंके। न ही इसे कूड़ेदान में डालें। आजकल इनके निपटारा के लिए भी कई तरह की मशीनें उपलब्ध है। इसे हमेशा उसी में डालें। लेकिन, अगर इसे कूड़ेदान में डाल रही है तो पहले इसे किसे किसी कवर से अच्छी तरह लपेटें फिर इसे फेकें। अगर इसे खुला ही फेंकेंगी तो बैक्टीरिया और संक्रमण फैल सकते हैं। कभी भी पैड को फ्लश नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह शौचालय को ब्लॉक कर देता है। नैपकिन बदलने के बाद हाथों को अच्छे से साफ भी करें।
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डिहाईड्रेशन से बचें
डिहाईड्रेशन से बचने के लिए दिन में छह से आठ गिलास पानी पिएं। इससे बॉडी हाइड्रेट बनी रहेगी। सात ही डाइजेशन अच्छा रहेगा और दर्द भी कम होगा।