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पीरियड्स के दौरान जरूर फॉलो करें मेन्स्ट्रुअल हाइजीन, ये 13 टिप्स आएंगे काम

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/03/2021

    पीरियड्स के दौरान जरूर फॉलो करें मेन्स्ट्रुअल हाइजीन, ये 13 टिप्स आएंगे काम

    मेन्स्ट्रुअल साइकिल महिलाओं के जीवन का  अहम हिस्सा है। यह साइकिल बड़ी ही देखभाल के साथ पूरा किया जाता है। इस लिहाज से मेन्स्ट्रुअल हाइजीन (Menstrual Hygiene) अपने आप में एक बड़ी जिम्मेदारी के जैसी है। पीरियड्स के दौरान उचित स्वच्छता सुनिश्चित करना और सही भोजन करना न सिर्फ इसके दर्द को कम कर सकता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हो सकता है। पीरियड्स के दौरान हाइजीन (Periods Hygiene) का ध्यान रखकर इस दौरान होने वाले संक्रमण से खुद को बचाया जा सकता है।

    भारत के साथ-साथ दूसरे देशों में पीरियड्स (Periods) के बारे फैली भ्रांतियां मेन्स्ट्रुअल हाइजीन (Menstrual Hygiene) के मामलों से अभी कोसों दूर है। विज्ञान के मुताबिक, मासिक धर्म एक सामान्य और जैविक प्रक्रिया है, जो प्रजनन (Reproduction) से जुड़ी होती है। हालांकि कई संस्कृतियों में इसे नकारात्मक, शर्मनाक या गंदगी के रूप में माना जाता है। वहीं, यूनिसेफ के एक अध्ययन से पता चला है कि दक्षिण एशिया की तीन में से एक लड़कियों को मासिक धर्म (Periods) के बारे में पहले से कुछ नहीं पता होता। जब उन्हें पहली बार पीरियड्स आते हैं, तभी वह इसके बारे में जान पाती हैं। जबकि ईरान में 48% लड़कियों और भारत में 10% लड़कियों का मानना है कि मासिक धर्म एक बीमारी है।

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    पीरियड्स के दौरान मेन्स्ट्रुअल हाइजीन के लिए फॉलो करें कुछ खास टिप्स (Tips for Menstrual Hygiene)

    1. मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स- हर 4से 6 घंटे में बदलें सैनिटरी नैपकिन

    सैनिटरी नैपकिन (Sanitary napkin) या मेन्स्ट्रुअल कप (Menstrual cup) को हर चार से छह घंटे के अंदर बदलें। इससे वजायना की सफाई होती रहेगी। मासिक धर्म का खून, जब शरीर से निकलता है, तो हमारे शरीर के विभिन्न कीटाणुओं (Germs) को आकर्षित करता है, जो खून में जमा होमे लगते हैं। जिसके कारण वजायना में जलन, खुजली, चकत्ते या मूत्र मार्ग में संक्रमण का कारण बनते हैं।

    2. मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स- हर दिन नहाएं और अंडरगारमेंट बदलें

    पीरियड्स के दौरान (During periods) हर रोज नहाएं और कपड़ों के साथ ही अंडरगारमेंट्स (Undergarments) भी बदलें। अंडरगारमेंट्स हमेशा कॉटन का ही पहनें, ताकि वजायना को ताजी हवा मिलती रहे। कॉटन शरीर के पसीने को भी अच्छे से सोखता है, इसलिए कॉटन का ही इस्तेमाल करें।

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    3. मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स- वजायना के लिए कोई साबुन नहीं होता

    मार्केट में वजायना (Vagina) के लिए अलग-अलग तरह के साबुन और क्रीम मिलते हैं। लेकिन वजायना को इन जैसे प्रोडक्ट्स की जरूरत नहीं होती। बल्कि, वह खुद ही खुद की सफाई कर लेती है। इसलिए वजायना को साफ करने के लिए हमेशा साफ हल्के गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें। किसी भी तरह के प्रोडक्ट के इस्तेमाल से वजायनल इंफेक्शन (Vaginal Infection) का खतरा बढ़ सकता है।

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    4.मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स- इस्तेमाल के बाद सेनेटरी नैपकिन के साथ क्या करें

    हर बार इस्तेमाल किया हुआ सेनेटरी नैपकिन इधर-ऊधर न फेंके। न ही इसे कूड़ेदान में डालें। आजकल इनके निपटारन के लिए भी कई तरह की मशीने उपलब्ध है। इसे हमेशा उसी में डालें। लेकिन अगर इसे कूड़ेदान में डाल रही है, तो पहले इसे किसे किसी कवर से अच्छी तरह लपेंटे फिर इसे फेंकें। अगर इसे खुला ही फेंकेंगी तो बैक्टीरिया (Bacteria) और संक्रमण (Infection) फैल सकते हैं। कभी भी पैड को फ्लश नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह शौचालय को ब्लॉक कर देता है। नैपकिन बदलने के बाद हाथों को अच्छे से साफ भी करें।

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    5. मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स- डिहाइड्रेशन से बचें

    डिहाईड्रेशन (Dehydration) से बचने के लिए दिन में छह से आठ गिलास पानी पिएं। इससे बॉडी हाइड्रेट बनी रहेगी। सात ही डाइजेशन (Digestion) अच्छा रहेगा और दर्द भी कम होगा।

    मेन्स्ट्रुअल हाइजीन (Menstrual Hygiene) बनाए रखने के लिए हमेशा खुद पर ही निर्भर रहें। कुछ भी कच्चा पदार्थ जैसे, फल या सब्जियां खाने से पहले उन्हें अच्छी तरह से साफ करें। दर्द से राहत पाने और स्वस्थ रहने के लिए थोड़ी एक्सरसाइज करें और कम से कम छठ से आठ घंटे की नींद लें।

    6. मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स- टैम्पॉन का करें इस्तेमाल :

    आज कल पैड्स के आलाव आप टैम्पोन्स, मेंस्ट्रुअल कप्स का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। आप जिसमें आरामदायक महसूस करते हैं उसी का इस्तेमाल करें, पर उसके साथ भी हाइजीन का भी ख्याल रखें। अगर लड़कियां टैम्पॉन का इस्तेमाल कर रही हैं तो हर दो घंटे के अंदर इसे बदलें। आपको बता दें कि लोगों का मानना है की टैम्पोन के इस्तेमाल से हायमेन (Hymen) टूट सकता है। जबकि हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसा नहीं होता है, क्योंकि हायमेन सॉफ्ट और स्ट्रेचेबल होता है और टैम्पोन सॉफ्ट होता है।

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    7. मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स- नियमित रूप से चादर बदलें :

    रात में कभी सोते वक्‍त लीकेज की समस्‍या बहुत ही सामान्य सी बात है। गंदगी और इंफेक्‍शन से बचने के लिए अपनी चादर बदलती रहें। चादर को धोने के लिए डिटॉल या किसी भी दूसरे सेन‍िटाइजर का इस्तेमाल करें। इसके अलावा अपने इनरवियर को भी बदलती रहें। जिन लड़कियों को ज्यादा पसीना आता है, वो जितना ज्यादा अपना इनर वियर बदलेंगी उतना ही बेहतर महसूस होगा।

    8. मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स-  पैड्स ठीक से लगाएं

    अगर आप पैड्स इस्तेमाल कर रही हैं, तो हमारी सलाह है कि आप इसमें दिए गए न‍िर्देशों को बेहद सावधानी से फॉलो करें। पैड्स को सही से लगाने के ल‍िए थोड़ा समय लें, क्योंकि अगर वो सही तरीके से नहीं लगेगा तो रैशेज होने की संभावना बढ़ जाती है।

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    9. मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स- एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं :

    अगर आपको ज्यादा गीला पैड लगाने के कारण खुजली और रैशेज जैसी समस्या होने लगे, तो एंटीसेप्टिक क्रीम (Antiseptic cream) लगा सकते हैं। इससे भी आपको आराम मिलेगा।

    10. मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स- अच्छी तरह हाथ धोएं :

    आप पीरियड्स के दौरान जब भी वॉशरूम जाएं, तो पैड बदलने के बाद हैंडवॉश से अच्छी तरह से हाथ धोएं। इससे साफ-सफाई बनी रहती है।

    11. मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स- साफ अंडरगार्मेंट्स पहनें

    पीरियड्स में गंदी पैंटी पहनने से शरीर से गंध आती है। ऐसे में संक्रमण होने का खतरा भी अधिक होता है। इसलिए पीरियड्स के दौरान रोजाना साफ अंडरगार्मेंट्स पहनें। कोशिश करें कि इन दिनों में कॉटन की पैंटी पहनें। ये स्किन सॉफट होती है। साथ ही इसमें हवा भी पास होती है।

    12. मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स- एक साथ दो पैड्स का इस्तेमाल न करें :

    कई महिलाओं को लगता है कि बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण उन्हें एक साथ दो पैड का इस्तेमाल करना चाहिए, हालांकि ऐसा करना गलत है। इससे आपको इंफेक्शन हो सकता है। इसलिए, हैवी ब्लड फ्लो (Heavy blood flow) होता है, तो थोड़ी देर बाद पैड को बदल सकती हैं।

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    13. मेंस्ट्रुअल हाइजीन के टिप्स- डायट का रखें खास ख्याल

    पीरियड्स के दौरान डायट (Diet during periods) का भी खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। इस समय में संतुलित और पौष्टिक आहार ही लें। दिनभर पानी पीते रहें। डायट में ताजे फल, सब्जियां आदि को शामिल करें। अत्यधिक चीनी और नमक को अवॉइ़ड करें। तली-भुनी और मसालेदार चीजों से भी परहेज करें। एक बार में ज्यादा न खाएं। जंक फूड से कोसों दूरी बनाकर रखें।

    मेन्स्ट्रुअल हाइजीन (Menstrual Hygiene) का ध्यान न रखने के क्या जोखिम हैं?

    आपने अक्सर सुना होगा कि अनहाइजीनिक पीरियड हेल्थ से महिलाओं क स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है, लेकिन इससे होता क्या है। हर महिला और पुरुष को उन बीमारियों के बारे में मालूम होना चाहिए जो एख महिला को पीरियड्स में हाइजीन का ख्याल न रखने के कारण होती हैं। इससे महिला के सर्विकल कैंसर, रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट इंफेक्शन, हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) इंफेक्शन, यीस्ट इंफेक्शन (Yeast Infection), यूरिनरी इंफेक्शन होने का खतरा होता है।

    डॉक्टर के पास जाने की जरूरत कब होती है?

    • यदि आपको पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं
    • पीरियड्स के दौरान गंध आना
    • पीरियड्स का ठीक से न होना
    • ब्लीडिंग में कमी आना

    उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस लेख में मेंस्ट्रुअल हाइजीन से जुड़ी हर मुमकिन जानकारी दी गई है। यदि आप इसके बारे में अधिक जानकारी पाना चाहते हैं तो इसके लिए बेहतर होगा आप किसी विशेषज्ञ से कंसल्ट करें।

    डिस्क्लेमर

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