इसे हूपिंग खांसी के रूप में भी जाना जाता है। आमतौर पर यह जीवाणु संक्रमण के कारण होती है। इसमें खांसने के दौरान फेफड़ों में उनके पास मौजूद सभी ऑक्सीजन शरीर से बाहर निकलते है, इसके कारण “हूप” की आवाज के साथ एक लंबी सांस आती है।
4. भौंकने वाली खांसी या क्रुप खांसी (Barky/Croup cough)
भौंकने वाली खांसी या क्रुप खांसी वायुमार्ग में वायरस होने के कारण होता है। आमतौर पर यह 5 साल या उससे छोटी उम्र के बच्चे को प्रभावित करती है। वायुमार्ग में सूजन के कारण सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। इसके आलाव वॉयस बॉक्स में और उसके आस-पास सूजन होने के कारण आवाज भी खराश वाली हो जाती है, जिसकी वजह से इसे भौंकने वाली खांसी भी कही जाती है।
5. पोस्ट-वायरल खांसी (Post Viral Cough)
खांसी के प्रकार में वायरल खांसी, गले की सूजन के कारण ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण होने के कारण होने वाली सबसे आम समस्या होती है। आमतौर पर इसके इस खांसी के प्रकार के उपचार के लिए डॉक्टर ज्यादातर रोगियों के लिए एंटीबायोटिक्स के सेवन की सलाह नहीं देते हैं। क्योंकि पोस्ट-वायरल खांसी बैक्टीरिया के कारण नहीं होती है। ध्यान रखें कि खांसी के दौरान एंटीबायोटिक्स का सेवन तभी करना चाहिए, जब खासी के प्रकार का कारण बैक्टीरिया हो। इसलिए, संक्रमण से होने वाली खांसी के उपचार के लिए चिकित्सक बेचैनी से राहत पाने के लिए डेक्सट्रोमेथोर्फन या मेन्थॉल युक्त कफ सिरप की सिफारिश कर सकते हैं। यह आम तौर पर आपको किसी भी मेडिकल स्टोर पर मिल सकती है।
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खांसी के प्रकार समझने से पहले जानें खांसी के शुरूआती संकेत कितने गंभीर या सामन्य हैंः
व्यवहार या अनुभवः खांसी कब और क्यों होती है? क्या यह रात में आती है या खाने के बाद आती है या किसी तरह के शारीरिक कार्य करने के दौरान आती है?
खांसी आने की विशेषताएंः खांसी आने पर आपको कैसा लगता है या आप कैसा महसूस करते हैं? क्या खांसते समय आपको गला गीला हो जाता है या सूखा रहता है या गले में कुछ फंसा हुआ महसूस करते हैं?
खांसी का समयः क्या आपकी खांसी दो सप्ताह से कम, छह सप्ताह, आठ सप्ताह से अधिक है?