खांसी के प्रकार कितने हैं?
खांसी के प्रकार के बारे में बात करें उससे पहले बता दें कि ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी वेक्सनर मेडिकल सेंटर में कफ क्लिनिक के एमडी, डॉयरेक्टर, जोनाथन पार्सन्स का कहना है, “खांसी वायुमार्ग को साफ करने का एक सुरक्षात्मक तंत्र है।”
हालांकि, बार-बार खांसी की समस्या होना या लंबे समय तक खांसी आना सेहत के लिए घातक हो सकती है।
1. गीली खांसी (Wet cough)
गीली खांसी में खांसते वक्त मुंह में बलगम आता है। गीली खांसी होने पर गले, नाक, वायुमार्ग और फेफड़ों से बगलम आता है, जिसे श्वसन तंत्र बाहर निकलता है। गीली खांसी का कारण आमतौर पर सर्दी या फ्लू होता है। इसके लक्षण धीमी या तेजी से बढ़ सकते हैं और अधिकतर मामलों में यह अपने आप ही कुछ दिनों में ठीक भी हो जाती है। गीली खांसी के कारण बहती नाक, थकान, गले और सीने में दर्द की समस्या भी हो सकती है।
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कितने समय तक रह सकती है गीली खांसी की समस्या
बलगम वाली खांसी आमतौर पर तीन हफ्ते से कम या इससे भी अधिक समय तक रह सकती है। वयस्कों में यह आठ हफ्ते और बच्चों में यह तीन से चार हफ्ते तक रह सकती है।
2. सूखी खांसी (Dry cough)
सूखी खांसी में खांसने के दौरान बलगम नहीं आता है। इसके कारण गले में सूजन या जलन की समस्या हो सकती है। सूखी खांसी में खांसने का समय गीली खांसी से अधिक होता है। सूखी खांसी आमतौर पर सर्दी या फ्लू के कारण सांस के बाहरी मार्ग में संक्रमण होने के कारण होती है।