यदि आप अपने खर्चों में कटौती करके एक की महीने की इनकम बचाकर रख सकते हैं तो कोशिश करें। पैसा बचाने का यह तरीका यदि काम नहीं करता है तो देखें कि खर्चों में कहां पर कटौती की जा सकती है। यदि आप एककी महीने की इनकम को बचाने में कामयाब रहते हैं तो यह आपके लिए एक बड़ी उपलब्धी और बचत भी होगी।
सिर्फ ब्याज में ही खर्च करें
शिशु के घर में आने के बाद यदि आप खर्चों में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो इसे सिर्फ होम लोन की रकम को चुकाने में लगाएं। घर का लोन चुकाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आपकी प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ रही हो न की घट रही हो।
सूझबूझकर खर्च करें
बच्चे के आने के बाद एक परिवार में लाखो रुपया खर्च हो जाता है। हालांकि इस खर्च में भी कटौती की जा सकती है। आप इस खर्च में कटौती करके इसे न्यूनतम सीमा पर ले आएं। इस अवधि के दौरान कुछ ऐसे छोटे-छोटे खर्च होते हैं, जो आपके बजट को हजारों में पहुंचा देते हैं जैसे कार को चाइल्ड फ्रेंडली बनाने में आपका अच्छा खासा पैसा खर्च करना पड़ता है। इस मामले में दूर दृष्टिता का ध्यान रखें, ऐसी गाड़ी खरीदें, जिसकी सीट कनवर्टेबल हो। बच्चों के महंगे कपड़े और खिलौना पर पानी की तरह पैसा बहाने की बजाय, गुणवत्ता पूर्ण चीजों पर पैसा खर्च करें।
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आपातकालीन फंड को जरूर बनाएं
अपनी महीने की तनख्वाह में से कुछ पैसा एक इमर्जेंसी फंड के लिए बचा कर रखें। यह इमर्जेंसी फंड अचानक पैदा होने वाली मेडिकल या अन्य समस्याओं में काम आ सकता है। इसके लिए आप तीन से छह महीने की अवधि का चुनाव कर सकते हैं। प्रेग्नेंट होने की खबर मिलते ही यदि इस फंड को बना लिया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा। इस फंड के लिए मासिक राशि सुनिश्चित करें। आप इसके लिए एक आसान बैंक अकाउंट भी खुलवा सकते हैं। इसे ऑटो डिडक्शन पर रखें ताकि हर महीने यह पैसा अपने आप इस खाते में जमा हो जाए। शिशु की डिलिवरी के बाद कई बार समस्याएं पैदा हो जाती हैं, जिसमें आपको औचक पैसों की जरूरत पड़ जाती है।
चाइल्ड केयर पर करें रिसर्च
कपल्स के लिए माता पिता बनने से पहले चाइल्ड केयर के बारे में विस्तृत रिसर्च करना बेहद ही जरूरी है। आगामी समय में शिशु के साथ कौन से नए खर्चे आपके घर आएंगे, जिसमें आपको अतिरिक्त रूप से पैसा खर्च करना पड़ेगा। डे केयर चाइल्ड या बेबीसिटर का खर्च इस रिसर्च में जरूर शामिल करें। यदि दोनों ही वर्किंग है तो शिशु के जन्म लेने के बाद कौन नौकरी छोड़कर उसका ध्यान रखेगा और इस स्थिति में इनकम के होने वाले नुकसान को कैसे संतुलित किया जाएगा, इस संबंध में जानकारी इक्कट्ठा करना बेहद ही जरूरी है।
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बच्चे के जन्म का इंतजार करें