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बच्चे के जन्म का इंतजार करें
ज्यादातर कपल्स शिशु के जन्म लेने से पहले ही उसके साजो सामान में एक भारी भरकम राशि निवेश कर देते हैं। इस स्थिति में आपको जल्दबाजी नहीं दिखानी है। कपड़ों से लेकर उसके खिलौनों तक में आपको अत्यधिक पैसा खर्च नहीं करना है। शिशु के घर में आने के बाद ही उसके हिसाब से इस प्रकार की चीजों में पैसा लगाया जाना चाहिए। यदि आपने लड़की के लिए शॉपिंग की है और घर में लड़के का जन्म होता है तो काफी हद तक आपको नुकसान उठाना पड़ेगा।
बेबी प्लानिंग से पहले कंपनी की पॉलिसी एक बार देखें
जिस कंपनी में आप काम कर रहे हैं उस कंपनी की चाइल्ड केयर से लेकर क्या नीतियां हैं, इसका अध्ययन जरूर करें। अक्सर लोग मेटरनिटी के फायदों के बारे में खुलकर बात नहीं करते। कुछ लोगों को लगता है कि मेटरनिटी के लिए ली गई छुट्टियों का पैसा नहीं मिलता है, जो कि हककीत नहीं है। इसके अतिरिक्त, आप अपनी कंपनी की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को जरूर देख लें। पॉलिसी में आपके बच्चे के कवर प्लान के लिए क्या-क्या फायदे हैं, इनकी जानकारी जुटाना बेहद ही जरूरी है। इससे बच्चों की हेल्थ पर खर्च होने वाली भारी भरकम रकम की बचत हो सकती है। आप इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने ह्यूमन रिसोर्स (एचआर) से भी चर्चा कर सकते हैं।
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बेबी प्लानिंग से पहले चाइल्ड केयर में निवेश रहे प्राथमिकता
कुछ लोग बेबी के दौरान अपने अन्य सेविंग्स या पेंशन में निवेश जारी रखते हैं, जो कि गलत है। चाइल्ड केयर के दौरान इस प्रकार के फंड्स या स्कीम में कम से कम पैसा लगाएं जब तक कि इसका मुख्य उद्देश्य आपका बच्चा न हो। चाइल्ड केयर की लागत में कमी आने पर आप इस धन को दोबारा इन स्कीम्स में निवेश कर सकते हैं।
आर्थिक रूप से सक्षम होने पर करें बेबी प्लानिंग
जब तक आप आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो जाते तब तक बेबी प्लानिंग में जल्द बाजी न करें। आर्थिक मजबूती के बिना शिशु की जिम्मेदारी और आर्थिक जरूरतों को पूरा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इससे आपकी जिंदगी और परेशानियों में पड़ सकती है। बेहतर होगा कि आप आर्थिक रूप से स्थिरता की स्थिति में आ जाएं फिर बेबी प्लानिंग करें।
बेबी प्लानिंग से पहले इंश्योरेंस को सुनिश्चित करें
माता पिता बनने से पहले आपके पास एक अच्छा इंश्योरेंस होना बेहद ही जरूरी है। इस मामले में ज्यादातर परिवारों का रवैया लचर होता है। यदि आपको कुछ हो जाए तो आपके परिवार या पत्नी का सहारा कौन बनेगा? इस सवाल का जवाब देना कई मामलों में मुश्किल होता है। इस स्थिति में आपके परिवार या पत्नी की आर्थिक काफी खराब होने की संभावना हो सकती है। इस प्रकार की अप्रिय घटनाओं की भविष्यवाणी करना या अंदाजा लगाना एक मुश्किल काम है। हालांकि आपकी कंपनी के माध्यम से आपको कुछ सुविधाएं या विकलांगता के फायदे मिल सकते हैं। इससे न ही आपकी जरूरतें पूरी होंगी और न ही विपत्ति की घड़ी में आपके परिवार को सहारा मिलेगा। इस प्रकार के हालातों से निपटने के लिए बेहतर होगा कि आप एक इंश्योरेंस पॉलिसी ले लें। इसके लिए आप एक इंश्योरेंस प्रोफेशनल की मदद ले सकते हैं।
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बेबी प्लानिंग में फाइनेंशियल गोल्स के लिए सेविंग जारी रखें
जिंदगी में परिवार होना काफी अहम है, लेकिन उतना ही जरूर घर खरीदना या बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठाना है। साथ ही रिटायरमेंट के बाद के दिनों के लिए पैसा बचाना भी एक जरूरी काम है। ऐसे में आप बेबी कैसे प्लान करेंगे और वह आपकी आर्थिक योजनाओं को कैसे प्रभावित करेगा, इसके बारे में जानना बेहद ही जरूरी होता है।
रिटायरमेंट से पहले यदि आप अधिक पैसा बचा लेते हैं तो सेवानिवृत होने के बाद आपको कम सेविंग्स करने की जरूरत होगी। ऐसे में बच्चों के लालन पालन में अत्यधिक खर्च करने के बजाय आप इन चीजों के लिए भी पैसा बचाकर रखें। इससे आप रिटायरमेंट के दौरान शिशु की उच्च शिक्षा का खर्च भी उठा पाएंगे। हालांकि इसमें कोई दोहराय नहीं कि माता पिता बनना काफी खर्चीला होता है। इसलिए बेबी प्लानिंग से पहले आर्थिक मोर्चे पर अपने आपको मजबूत करना काफी अहम है। तैयार के साथ बेबी प्लानिंग करने से आप माता पिता बनने का मजा भी उठा सकते हैं। आर्थिक रूप से जब आपको महसूस होता है कि आप आर्थिक क्षेत्र में मजबूत हो चुके हैं तभी बेबी प्लानिंग करें।
अंत में हम यही कहेंगे कि बेबी प्लानिंग आपकी जिंदगी का एक बड़ा निर्णय है। इसे सूझबूझ कर ही लें। कई बार जल्दीबाजी में किए गए फैंसले आगे की लाइफ में अनेकों परेशानियां खड़ी कर देते हैं। ऐसे में आपको इसके हर पहलू पर विचार करना चाहिए।
हेलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता।
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