यह वह तकनीक है जिसका उपयोग तनाव (Tension) को कम करने के लिए किया है। यह स्नायविक बीमारियों, फेफड़ों के रोगों, हृदय की घबराहट या दुर्बलता आदि में विशेष लाभदायक है। जिस व्यक्ति को रक्तचाप की समस्या हो, उसे यह करने से बचना चाहिए।
उज्जायी (Ujjayi)
इस प्रकार के प्राणायाम को विक्टरियस ब्रीथ, हिसिंग ब्रीथ या ओशन ब्रीथ भी कहा जाता है। यह मन और शरीर को शांत करने के लिए किया जाता है। उज्जायी प्राणायाम करने से शरीर में फ्रेश ऑक्सीजन का प्रवाह होता है, इससे व्यक्ति खुद को तरोताजा और रिलेक्स महसूस करता है। जब कोई व्यक्ति इस योगाभ्यास को सही से करता है तो उसे आंतरिक तौर पर गर्मी मिलती है, जिससे शरीर में एनर्जी (Anergy) का संचार होता है। यह वास्तव में कहीं भी और कभी भी किया जा सकता है।
कपालभाति प्राणायाम (Kapalvati pranayam)
इसमें आपको जोर-जोर से सांस बाहर की तरफ छोड़ने की क्रिया शामिल है। इसमें सांस छोड़ने के साथ-साथ अपने कपाल यानि पेट को तेज-तेज अंदर खींचते हैं। यह पेट को एक बेलो कॉन्ट्रैक्टिंग और रीढ़ के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है।
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भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari pranayama)
इस अभ्यास में उंगलियों का उपयोग केवल कानों को या आंखों (Eye) को अवरुद्ध करने के लिए किया जाता है। सांस छोड़ने पर, आप एक मधुमक्खी की तरह गुनगुनाते हुए ध्वनि निकालते हैं। इसमें आपको हल्का कंपन महसूस होता है।
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प्राणायाम करने के फायदे क्या-क्या हैं? (Benefits of Pranayam)
प्राणायाम के लाभों पर बड़े पैमाने पर शोध किया गया है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, प्राणायाम आपके स्वास्थ्य को विभिन्न तरीकों से लाभ पहुंचा सकता है। आइए इन लाभों में से सात को अधिक विस्तार से देखें।
पाचन तंत्र (Digestive system) की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है
जब आप प्राणायाम करने के लिए सांस लेते छोड़ते हैं,तो आपका पेट आपकी सांस के साथ जुड़ता हैं इससे आपका डायाफ्राम सक्रिय हो जाता है। इसमें एक गुंबद के आकार की मांसपेशी होती है, जो आपके फेफड़ों के नीचे, आपके पाचन और आंतरिक अंगों के ऊपर होती है। इस तरह से सांस लेने का कार्य डायाफ्राम के उठने और गिरने का कारण बनता है और यह प्रक्रिया आपके अंगों के लिए एक जेंटल मसाज जैसा कार्य करता है।
सिगरेट की तलब को कम करता है
ऐसे कई साक्ष्य हैं कि योगिक श्वास, या प्राणायाम, धूम्रपान छोड़ने की कोशिश कर रहे लोगों में इसकी तलब को कम कर सकते हैं। 2012 के एक अध्ययन में, सिर्फ 15 मिनट की योगिक सांस लेने से सिगरेट की तलब में कमी आने का रिजल्ट मिला। एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि माइंडफुलनेस-आधारित योग सांस लेने से धूम्रपान से जुड़े नकारात्मक प्रभाव कम हो गए।
प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune power) को बढ़ाता है
यह डायाफ्रामिक कार्य जैसे लसीका के प्रवाह को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। प्रारंभिक अध्ययन यह भी बताते हैं कि अपने अभ्यास में की गई सांस की प्रक्रिया से आपका इम्यून बेहतर हो सकता है।
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संज्ञानात्मक प्रदर्शन को बढ़ाता है
आपके फेफड़ों को लाभ पहुंचाने के अलावा, प्राणायाम आपके मस्तिष्क की कार्यक्षमता को भी बढ़ा सकता है। एक अध्ययन में पाया कि 12 सप्ताह के धीमे या तेज प्राणायाम से इसके कार्य में सुधार हो सकता है। जिसमें आपकी कार्यशील मेमोरी, संज्ञानात्मक लचीलापन शामिल हैं। अध्ययन में यह भी पाया गया कि प्राणायाम से आपके तनाव के स्तर और आपकी प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने की क्षमता होती है। ।
स्वस्थ खाने की आदतों और वजन घटाने में सहायता कर सकते हैं
क्या आप जानते हैं कि प्राणायाम लगातार और सही तरीके से किया जाता है, यह आपके क्रेविंग को बनाए रखने में मदद कर सकता है।यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो प्राणायाम इसमें भी आपकी मदद करने में सक्षम है।
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