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कब्ज के कारण गैस (Constipation and Gastric Problem) – मतलब आ गई शामत!

कब्ज की तकलीफ तो बड़ी है ही, लेकिन जब कब्ज के कारण गैस की शिकायत होने लगे और ये तकलीफ क्रॉनिक बन जाए, तो जान लीजिये कि आपकी सेहत पर बन आई है। क्योंकि कब्ज के साथ-साथ गैस की तकलीफ को झेलना बड़ा ही एम्बेरेसिंग हो सकता है। क्या आप जानते हैं कि कब्ज और गैस की समस्या एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। जब आप कब्ज से परेशान रहते हैं, तो पॉटी के अटकने के कारण इंटेस्टाइन में सूजन आने लगती है। इसकी वजह से शरीर में बनने वाली गैस, स्टूल की वजह से इंटेस्टाइन में ही रह जाती है। यही कारण है कि आपको पेट फूला हुआ महसूस होता है, जिसे हम ब्लोटिंग के नाम से जानते हैं। यही गैस बाद में शरीर में रह कर गैस्ट्रिक समस्याओं को बढ़ाती है।
तो अब समझे, कि कैसे कब्ज के कारण गैस्ट्रिक प्रॉब्लम की शुरुआत होती चली जाती है! लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हर ताले की चाबी भी होती ही है।
तो आइए अब जानते हैं कि कब्ज के कारण होनेवाली गैस्ट्रिक प्रॉब्लम से कैसे निपटें।
क्या करें जब कब्ज और गैस (Constipation and gas) आ धमके एक साथ !
जब कब्ज और गैस की तकलीफ को ठीक करने की बात आती है, तब लोगों को बहुत मशक्कत करनी पड़ती है। अब आप हमें बताइये कि क्यों लूज मोशन यानी कि दस्त होने पर आप मेडिकेशन लेने से नहीं कतराते? लेकिन जब बात आती है कॉन्स्टिपेशन की, तो मेडिकेशन तो दूर, आप इस टॉपिक पर बात भी नहीं करना चाहते। ऐसा इसलिए होता है कि दस्त आपके पास दवाइयों के अलावा कोई रास्ता नहीं छोड़ता । लेकिन वहीं, कॉन्स्टिपेशन की प्रॉब्लम आप बर्दाश्त कर लेते हैं।
लेकिन दस्त की ही तरह कॉन्स्टिपेशन भी आपके शरीर को कई बड़ी बीमारियां दे सकता है। इसलिए इसका समय पर इलाज करना बेहद जरूरी है। वैसे तो कॉन्स्टिपेशन की शुरुआत में सभी आपको लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर, व्यायाम कर, अपने खान-पान को बेहतर बना कर, या फिर पानी का इनटेक बढ़ा कर इसे ठीक करने की हिदायत देते हैं। लेकिन कोई ये नहीं बताता कि जब ये तकलीफ ठीक ना हो, तो क्या करना चाहिए?
गैस और बदहजमी के उपाय हैं और ये असरदार भी होते हैं। साथ ही अगर आप साथ ही अगर आप गैस कब्ज का रामबाण इलाज जानना चाहते हैं तो ये आसानी और बिना तकलीफ के काम करते हैं।बस आपको सोच बदलनी होगी। जब कॉन्स्टिपेशन क्रॉनिक बन जाता है और लम्बे समय तक आप इस परेशानी से बाहर नहीं निकल पाते, तो आपको और भी उपायों के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। जिसमें से एक है दवाइयां। वैसे आप हमारी माने तो आपको ये दवाइयां तकलीफ की शुरुआत में ही लेनी चाहिए, जिससे समस्या के बिगड़ने तक आपको परेशानी ना झेलनी पड़े।
खास तौर पर जब बात हो रही हो कब्ज के कारण गैस्ट्रिक प्रॉब्लम की, तो इसके इलाज के तौर पर लैक्सेटिव आपके बेहद काम आ सकते हैं। लैक्सेटिव गैस कब्ज का रामबाण इलाज बन सकते हैं।

दुआ में तो टाइम लगेगा, फिलहाल दवा का सोचें? गैस कब्ज का रामबाण इलाज है मुमकिन
इन लैक्सेटिव की सही मात्रा और ठीक तरह से सेवन करने पर आप आसानी से कॉन्स्टिपेशन को अपनी जिंदगी से दूर रख सकते हैं। लैक्सेटिव के बारे में और भी जानकारी देते हुए डॉ पटेल ने बताया, “ज्यादातर लोग तीन प्रकार के लैक्सेटिव का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें स्टूल सॉफ्टनर, बल्क फॉर्मिंग और एक होता है स्टिम्युलेंट लैक्सेटिव, जो इंटेस्टाइन को स्टिम्युलेट कर, या कहें उनमें दबाव बना कर मोशन को आसान बना देते हैं। स्टिम्युलेंट लैक्सेटिव में खास तौर पर बिसाकोडिल का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये आपके गट के मसल्स को स्टिम्युलेट करता है, जिससे आपका मोशन आसानी से हो सके। इसके दूसरे भी कई फायदे हैं, जैसे कि ये पेट के भारीपन से छुटकारा दिलाता है और अधिक बननेवाली गैस को भी शरीर से बाहर निकाल देता है। गैस और बदहजमी के उपाय में यह बेस्ट हो सकता है,लेकिन आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप जो भी लैक्सेटिव ले रहे हैं, उसके अनुसार ही उसकी मात्रा तय की जाए। साथ ही अलग-अलग लोगों के हिसाब से इसे लेने की मात्रा तय की जानी चाहिए।”
इसका मतलब ये है कि कॉन्स्टिपेशन के साथ होनेवाली गैस्ट्रिक प्रॉब्लम को ठीक करने के लिए अब तक जो कब्ज, गैस और बदहजमी के उपाय अपना रहे थे, उन्हें अलविदा कहने का वक्त आ गया है। क्योंकि ये लैक्सेटिव्स आपको तुरंत राहत पहुंचाने के लिए हाजिर हैं। ये लैक्सेटिव्स रात भर में आपके कॉन्स्टिपेशन को ठीक तो करते ही हैं, साथ ही आपके पेट के लॉकडाउन से पहली ही सुबह आजादी भी दिलाते हैं। तो अब जान गए कि लैक्सेटिव काम कैसे करता है, अब इससे जुड़ी कुछ और बातें भी जान लीजिए।
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लैक्सेटिव (Laxatives) ही आपकी डूबती नैया को बचा सकता है!

अब अगर कोई आपको ये कहे कि एक छोटी सी गोली आपके पेट की भूलभुलैया को बिलकुल साफ कर देंगी, तो क्या आप उसे नहीं आजमाएंगे? तब भी क्या आप हमेशावाले घरेलू उपायों को इस्तेमाल करेंगे? हालांकि आपकी इसमें गलती है नहीं, क्योंकि लोग अपनी तकलीफों से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले नैचरल चीजों को अपनाते हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है साइड इफेक्ट्स का। लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि इस दौरान वो जो तकलीफ झेलेंगे, उससे उनका बहुत नुकसान हो सकता है। लेकिन दवाओं का इस्तेमाल आप कॉन्स्टिपेशन की तकलीफ बढ़ जाने पर ही करेंगे, ऐसा तो कहीं नहीं लिखा! आप चाहें तो दवाओं का इस्तेमाल तकलीफ की शुरुआत में भी कर सकते हैं। तो आइए, अब जानते हैं कुछ ऐसी दवाओं के बारे में, जो कब्ज की समस्या में ओवर द काउंटर (OTC) मेडिसिन के रूप में ली जा सकती हैं।
अब ये तो आप मान गए कि घरेलू उपाय आपका साथ दूर तक नहीं दे सकते। तो अब ये जान लिजिए कि कब्ज ठीक करने में जब घरेलू उपाय हार जाते हैं, तो लैक्सेटिव ऐसा कम्पोनेंट है, जो एक ही रात में आपकी सभी तकलीफों को ठीक कर सकता है। लैक्सेटिव कई तरह के होते हैं, जिसमें ल्यूब्रिकेंट लैक्सेटिव (Lubricant laxatives), ऑस्मोटिक लेक्सेटिव (Osmotic laxatives), स्टिम्युलेंट लैक्सेटिव (Stimulant laxatives) और स्टूल सॉफ्टनर्स (Stool softeners) का इस्तेमाल होता है।
सबसे पहले बात करते हैं स्टिम्युलेंट लैक्सेटिव की। इसका इस्तेमाल कब्ज और गैस की समस्या होने पर किया जा सकता है। स्टिम्युलेंट लैक्सेटिव इंटेस्टाइन में कॉन्ट्रैक्शन पैदा करता है, जिसकी वजह से इंटेस्टाइन से स्टूल (पॉटी) आसानी से निकल जाता है। स्टिम्युलेंट लैक्सेटिव में आप खास तौर पर बिसाकोडिल (Bisacodyl) और सेनोसाइड्स (sennosides) का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह गैस कब्ज का रामबाण इलाज हो सकता है।
इसके अलावा स्टूल सॉफ्टनर लैक्सेटिव शरीर में मौजूद द्रव्यों (fluid) को स्टूल (stool) में मिलाता है, जिससे स्टूल आपके शरीर से आसानी से निकल जाता है और मोशन में कोई दिक्कत नहीं होती।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि अगर घरेलू उपायों के चक्कर में ही फंसे रह गए, तो पेट की अच्छी सेहत वाली चिड़िया आपके हाथ नहीं आएगी। वो कहते हैं न कि ‘अंत भला तो सब भला’, इसलिए अब भी देर नहीं हुई। अगर आप महसूस कर रहे हैं कि कब्ज और गैस्ट्रिक समस्या से आप लंबे समय से परेशान हैं, तो समय न गंवाते हुए डॉक्टर की निगरानी में मेडिकेशन का रास्ता जरूर अपनाइए। कब्ज के कारण गैस्ट्रिक प्रॉब्लम तो नहीं हो रही इस पर भी अपनी नजर बनाए रखिए। गैस और बदहजमी के उपाय करते रहने से बेहतर है कि आप डॉक्टर का सहारा लें।
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हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है। इसलिए किसी भी प्रकार की दवाओं का सेवन डॉक्टर की निगरानी में करना बेहतर विकल्प माना जाएगा।