तो आइए अब जानते हैं कि कब्ज के कारण होनेवाली गैस्ट्रिक प्रॉब्लम से कैसे निपटें।
क्या करें जब कब्ज और गैस (Constipation and gas) आ धमके एक साथ !
जब कब्ज और गैस की तकलीफ को ठीक करने की बात आती है, तब लोगों को बहुत मशक्कत करनी पड़ती है। अब आप हमें बताइये कि क्यों लूज मोशन यानी कि दस्त होने पर आप मेडिकेशन लेने से नहीं कतराते? लेकिन जब बात आती है कॉन्स्टिपेशन की, तो मेडिकेशन तो दूर, आप इस टॉपिक पर बात भी नहीं करना चाहते। ऐसा इसलिए होता है कि दस्त आपके पास दवाइयों के अलावा कोई रास्ता नहीं छोड़ता । लेकिन वहीं, कॉन्स्टिपेशन की प्रॉब्लम आप बर्दाश्त कर लेते हैं।
लेकिन दस्त की ही तरह कॉन्स्टिपेशन भी आपके शरीर को कई बड़ी बीमारियां दे सकता है। इसलिए इसका समय पर इलाज करना बेहद जरूरी है। वैसे तो कॉन्स्टिपेशन की शुरुआत में सभी आपको लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर, व्यायाम कर, अपने खान-पान को बेहतर बना कर, या फिर पानी का इनटेक बढ़ा कर इसे ठीक करने की हिदायत देते हैं। लेकिन कोई ये नहीं बताता कि जब ये तकलीफ ठीक ना हो, तो क्या करना चाहिए?
गैस और बदहजमी के उपाय हैं और ये असरदार भी होते हैं। साथ ही अगर आप साथ ही अगर आप गैस कब्ज का रामबाण इलाज जानना चाहते हैं तो ये आसानी और बिना तकलीफ के काम करते हैं।बस आपको सोच बदलनी होगी। जब कॉन्स्टिपेशन क्रॉनिक बन जाता है और लम्बे समय तक आप इस परेशानी से बाहर नहीं निकल पाते, तो आपको और भी उपायों के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। जिसमें से एक है दवाइयां। वैसे आप हमारी माने तो आपको ये दवाइयां तकलीफ की शुरुआत में ही लेनी चाहिए, जिससे समस्या के बिगड़ने तक आपको परेशानी ना झेलनी पड़े।
खास तौर पर जब बात हो रही हो कब्ज के कारण गैस्ट्रिक प्रॉब्लम की, तो इसके इलाज के तौर पर लैक्सेटिव आपके बेहद काम आ सकते हैं। लैक्सेटिव गैस कब्ज का रामबाण इलाज बन सकते हैं।
दुआ में तो टाइम लगेगा, फिलहाल दवा का सोचें? गैस कब्ज का रामबाण इलाज है मुमकिन
इन लैक्सेटिव की सही मात्रा और ठीक तरह से सेवन करने पर आप आसानी से कॉन्स्टिपेशन को अपनी जिंदगी से दूर रख सकते हैं। लैक्सेटिव के बारे में और भी जानकारी देते हुए डॉ पटेल ने बताया, “ज्यादातर लोग तीन प्रकार के लैक्सेटिव का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें स्टूल सॉफ्टनर, बल्क फॉर्मिंग और एक होता है स्टिम्युलेंट लैक्सेटिव, जो इंटेस्टाइन को स्टिम्युलेट कर, या कहें उनमें दबाव बना कर मोशन को आसान बना देते हैं। स्टिम्युलेंट लैक्सेटिव में खास तौर पर बिसाकोडिल का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये आपके गट के मसल्स को स्टिम्युलेट करता है, जिससे आपका मोशन आसानी से हो सके। इसके दूसरे भी कई फायदे हैं, जैसे कि ये पेट के भारीपन से छुटकारा दिलाता है और अधिक बननेवाली गैस को भी शरीर से बाहर निकाल देता है। गैस और बदहजमी के उपाय में यह बेस्ट हो सकता है,लेकिन आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप जो भी लैक्सेटिव ले रहे हैं, उसके अनुसार ही उसकी मात्रा तय की जाए। साथ ही अलग-अलग लोगों के हिसाब से इसे लेने की मात्रा तय की जानी चाहिए।”
इसका मतलब ये है कि कॉन्स्टिपेशन के साथ होनेवाली गैस्ट्रिक प्रॉब्लम को ठीक करने के लिए अब तक जो कब्ज, गैस और बदहजमी के उपाय अपना रहे थे, उन्हें अलविदा कहने का वक्त आ गया है। क्योंकि ये लैक्सेटिव्स आपको तुरंत राहत पहुंचाने के लिए हाजिर हैं। ये लैक्सेटिव्स रात भर में आपके कॉन्स्टिपेशन को ठीक तो करते ही हैं, साथ ही आपके पेट के लॉकडाउन से पहली ही सुबह आजादी भी दिलाते हैं। तो अब जान गए कि लैक्सेटिव काम कैसे करता है, अब इससे जुड़ी कुछ और बातें भी जान लीजिए।