इस प्रक्रिया में एनिमा (Enema) की तरह व्यक्ति को औषधीय तेल और काढ़ा इत्यादि दवाई के रूप में दिया जाता है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति की हल्के हाथों से मालिश और सिंकाई की जाती है। बस्ती कर्म में कोलोन से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलता है, जिससे पाचन तंत्र (Digestive system) बेहतर काम करता है। इस चिकित्सा में हाय कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ वात संबंधित समस्याओं से भी निजात मिलती है। इस क्रिया के बाद बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है और हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) की समस्या में गिरावट देखी जा सकती है। इस चिकित्सकीय पद्धति में व्यक्ति को 16 एनिमा (Enema) लेने होते हैं, जिसमें 6 एनिमा काढ़े के रूप में और बाकी के 10 एनिमा तेल के रूप में दिए जाते हैं।
यह तो थी हाय कोलेस्ट्रॉल के आयुर्वेदिक उपाय के बारे में जानकारी, लेकिन अब कोलेस्ट्रॉल की आयुर्वेदिक दवा (High cholesterol Ayurvedic medicine) की भी जानकारी हासिल कर लेते हैं।
आयुर्वेद के नज़रिए से जानिए शरीर के दोषों के बारे में –
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कोलेस्ट्रॉल का आयुर्वेद उपाय : इन औषधियों की लें मदद (Ayurvedic medicine for High cholesterol)
हाय कोलेस्ट्रॉल की आयुर्वेदिक दवाएं (High cholesterol Ayurvedic medicine) बेहद कारगर साबित हो सकती हैं। यह अलग अलग गुणों से भरपूर होती हैं, जो हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या में रोगी की मदद कर सकती हैं। आइये जानते हैं इन दवाओं के बारे में।
आमलकी (Amalaki)
इस जड़ी बूटी में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट्स के गुणों से भरपूर मानी जाती हैं। इस दवा में आंवले का इस्तेमाल उत्सर्जन प्रणाली, पाचन तंत्र और परिसंचरण से जुड़े रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। यह रेचक, ब्लीडिंग से संबंधित समस्याओं, संकुचन ठीक करने के लिए काम आती है। आमलकी शरीर में मौजूद पित्त की समस्या (Bile problem) को संतुलित बनाती है और उसे ठीक करती है। यह लीवर और बड़ी धमनी में मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad cholesterol) का लेवल कम करती है।