जड़ी बूटियों के फायदे (Benefits of herbs) चाहिए, तो आप घृतकुमारी का इस्तेमाल कर सकते हैं। एलोवेरा (घृतकुमारी) एक पौधा है जो कई रोगों के इलाज के लिए अत्यंत उपयोदी है। इसकी पत्तियों में से गूदा निकालकर त्वचा रोगों को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। पाचन संबंधी रोगों और अर्थराइटिस के इलाज के लिए भी इसको फायदेमंद माना जाता है। जिन महिलाओं के मासिक धर्म में अनियमितता रहती है उन्हें भी इसका इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। एक शोध के अनुसार, इसका इस्तेमाल मिर्गी के दौरे (seizures), कोलाइटिस, अवसाद, मधुमेह, अस्थमा, जुकाम, मोतियाबिंद, बवासीर, ऑस्टियोआर्थराइटिस, आंखों की समस्या और कैंसर जैसी बीमारियों में किया जाता है।
जड़ी बूटियों के फायदे: तुलसी (Basil)
तुलसी को आयुर्वेद में जड़ी बूटियों की रानी कहा जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर यह पौधा भारत में लगभग सभी घरों में आसानी से मिल जाएगा। इसमें एंटी-फंगल, एंटी-पायरेटिकस, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-सेप्टिक, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं। इसकी पत्तियों, तना और जड़ का इस्तेमाल कई बीमारियों की दवा बनाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग भूख न लगना, फ्लूइड रिटेंशन, जुकाम, वॉर्ट्स, पेट में ऐंठन, गैस, किडनी संबंधित परेशानी और पेट के कीड़ों के इलाज के लिए किया जाता है। सांप और कीट के कांटने पर भी इसे उपयोगी माना जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी यह मददगार है।
जड़ी बूटियों के फायदे: हल्दी (Turmeric)
हल्दी भारत में सर्वाधिक मसालों में एक है। लगभग हर घर में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसकी जड़ का प्रयोग कई दवाओं में किया जाता है। त्वचा रोगों, अपच, अल्सर, गॉलब्लेडर डिसऑर्डर, अर्थराइटिस, रक्तशोधक, आदि में इसका प्रयोग किया जाता है। दुनियाभर में कई प्रकार के कैंसर के इलाज में भी इसके प्रभावजनक परिणाम सामने आए हैं। इसमें करक्यूमिन (curcumin) नामक केमिकल पाया जाता है, जोकि सूजन को कम करता है। यही कारण है कि सूजन को दूर करने के लिए इसे लेने की सलाह दी जाती है।
और पढ़ें : Rice Bran Oil : राइस ब्रैन ऑयल क्या है?
जड़ी बूटियों के फायदे: मंजिष्ठा (Manjistha)