1. ट्रॉपिकल एरिया में रहने या घूमने के दौरान
ऐसे इलाके जहां गर्मी ज्यादा होती है (ट्रॉपिकल रीजन) वहां के लोगों को और बच्चों में डेंगू का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे इलाके जैसे साउथईस्ट एशिया, वेस्टर्न पेसिफिक आइलैंड या लैटिन अमेरिका जैसे शहरों के ओर अगर ट्रेवल कर रहें हैं तो बच्चों का विशेष ख्याल रखें।
2. पेशेंट को पहले कभी डेंगू हुआ हो
बच्चों को डेंगू अगर पहले हो चूका है, तो ऐसे सिचुएशन में बच्चों की देखरेख पर ज्यादा ध्यान दें। लक्षण समझ आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों में डेंगू के बुखार का निदान कैसे किया जाता है?
हेल्थ एक्सपर्ट आप से बच्चों के हेल्थ से जुड़ी कई प्रश्न पूछ सकते हैं। जिसमें हाल ही में की गई यात्रा (बच्चों के साथ कहीं किसी बाहर के ट्रिप पर गयें हों) जैसे लक्षण-संबंधित प्रश्न शामिल होंगे। आपके रक्त परीक्षण से डेंगू के वायरस की पहचान की जा सकती है। डॉक्टर ब्लड की पूरी तरह से जानकारी की सलाह भी देते हैं। जिससे इस बात का अंदाजा मिल सके कि वायरस आपके बच्चे पर कितनी गंभीरता से असर कर रहा है , यही वायरस ब्लड प्लेटलेट्स को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। इसलिए बच्चों में डेंगू के लक्षण समझ आने पर जल्द से जल्द इस बुखार का इलाज शुरू की जा सकती है।
बच्चों में डेंगू का इलाज कैसे किया जाता है?
डेंगू की जानकारी मिलने के बाद ब्लड टेस्ट से तीन चीजें समझी जाती हैं। NS1 एंटीजन टेस्ट, एक सप्ताह के अंदर किया जाता है। जब पेशेंट में लक्षण दिखाना शुरू हो जाते हैं। बच्चे के इम्यून सिस्टम डेंगू इंफेक्शन से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाता है, ये एंटीबॉडी दूसरे सप्ताह से ब्लड टेस्ट में दिखाई देने लगते हैं। तीसरी और शायद सबसे जरुरी बात जो इस टेस्ट से पता चलती है वह है, डेंगू टेस्ट प्लेटलेट काउंट, यह आमतौर पर बीमारी की शुरुआत से तीसरे सप्ताह में किया जाता है। अस्पताल में डॉक्टर आपके बच्चे के ब्लड प्रेशर और ब्लड प्लेट्सलेट्स पर भी नजर बनाये रखते हैं। बच्चों में डेंगू होने पर ब्लड टेस्ट 2 से 3 दिनों के अंतराल फिर से की जा सकती है। बच्चों में डेंगू के इलाज के दौरान उनके शरीर में पानी की कमी न होने दें और उन्हें ज्यादा से ज्यादा आराम की सलाह दें।
बच्चों में डेंगू होने पर इलाज के साथ-साथ और क्या करें?
- अपने बच्चे को स्वस्थ और ताकत से भरपूर पौष्टिक आहार प्रदान करें।
- बच्चों की डायट में नियमित रूप से अंडे, चिकन, मछली, डेयरी उत्पादों को शामिल करें क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थ प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो जल्दी रिकवरी करने में मददगार हो सकते हैं।
- अपने बच्चे को ज्यादा से ज्यादा गर्म तरल पदार्थ पीने की सलाह दें।
- बच्चे को खेलने या काम करने से रोकें, क्योंकि इस बीमारी में आराम की सख्त आवश्यकता है।
- बुखार को कम करने के लिए डॉक्टर पैरासिटामोल बच्चे को खिला सकते हैं या इस समय डॉक्टर बच्चे को जो दवा लेने की सलाह देते हैं उसे समय-समय पर देते रहें।
- बच्चे को डेंगू से बचाने के लिए पूरे शरीर को ढ़कने वाले कपड़े पहनाएं।
- बच्चे को मच्छर के काटने से बचाएं। ऐसे में बच्चों को क्रीम लगाएं ताकि उन्हें मच्छर के काटने से बचाया जा सके।
- सोने के समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- बच्चों को डेंगू से बचाने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल का सेवन रोजाना करवाएं।
- अगर बच्चे के प्लेटलेट्स बहुत कम हो गया है, तो पपीते के पत्ते का जूस दिया जा सकता है। हालांकि इसके सेवन से पहले डॉक्टर से अवश्य पूछ लें क्योंकि कुछ लोगों को पपीते के पत्ते का जूस डायजेस्ट नहीं भी हो सकता है।
बच्चों में डेंगू होने पर परेशान न हो जल्द से जल्द इसके लक्षणों को समझें और खुद से इस्लाज न करें। अगर आप बच्चों में डेंगू से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
नोट : नए संशोधन की डॉ. प्रणाली पाटिल द्वारा समीक्षा