के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
अंजीर एक फल है जिसका इस्तेमाल दवाइयों में किया जाता है। अंग्रेजी में इसे फिग कहते हैं और इसका वानस्पतिक नाम फिकस कैरिका है। ये एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। इसमें कैल्शियम, विटामिन-ए, बी और सी काफी मात्रा में पाया जाता है। एक अंजीर में लगभग 47 कैलोरी होती हैं। इसका इस्तेमाल सदियों से कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जा रहा है। हाल ही में हुए कई शोधों में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि ये कई बीमारियों के इलाज में कारगर है। सदियों से इसका प्रयोग घरेलू उपचार के तौर पर कब्ज से राहत पाने के लिए किया जाता रहा है। इसका इस्तेमाल जैम और मुरब्बों को बनाने के लिए भी किया जाता है। इसमें मीठे स्वाद के साथ सुगंधित गंध होती है। ये खाने और पचाने में बहुत आसान होता है। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल डायबीटिज, हाई कोलेस्ट्रॉल, और स्किन संबंधित परेशानियां जैसे एक्जिमा, सोरायसिस और विटिलिगो के लिए किया जाता है।
इसका उपयोग निम्नलिखित बीमारियों में किया जाता है। जैसे-
कैंसर से बचाव:
अंजीर में फाइटोकेमिकल ‘बेंजेल्डिहाइड’ होता है जो, कैंसर से लड़ने की क्षमता रखता है। इसलिए यह कैंसर पेशेंट के लिए लाभदायक होता है।
कब्ज से राहत:
यूएसए की द यूनिवर्सिटी ऑफ स्क्रैंटन के शोधकर्ताओं की एक टीम के नेतृत्व में हुए एक अध्ययन के अनुसार, अंजीर में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है। फाइबर की उच्च मात्रा हमारी आंतों पर चिपके मल को बाहर निकालने में मदद करता है और कब्ज से राहत प्रदान करता है। कब्ज की समस्या कई अन्य बीमारियों के लिए दस्तक देने के लिए काफी होती है। इसलिए इसका सेवन कब्ज से बचने के साथ-साथ बवासीर के पेशेंट के लिए लाभकारी हो सकता है।
डायबीटिज को करे कंट्रोल:
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक अंजीर में उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो मधुमेह को नियंत्रण करने में मददगार है। इसकी पत्तियां मधुमेह के रोगियों में इंसुलिन की मात्रा कम करती है। ये पोटैशियम का अच्छा स्त्रोत है जो खाना खाने के बाद शरीर द्वारा अवशोषित शुगर की मात्रा को कंट्रोल करती है। साल 2011 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मटेक रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अधिक मात्रा में पोटेशियम लेने से शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। इसलिए डायबिटीज के पेशेंट को इसका सेवन करना चाहिए।
हड्डियों को करे मजबूत:
एक अध्ययन के अनुसार अंजीर कैल्शियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने और ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करने में मदद करता है। साथ ही यह फास्फोरस से भी समृद्ध है, जो हड्डियों के घनत्व के लिए बहुत जरूरी होता है। बच्चों के साथ-साथ हर उम्र के लोगों को इसका सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती हैं और वयस्क और बुजुर्गों की हड्डियां मजबूत रहती हैं।
यौन रोगों का उपचार:
परंपरागत रूप से अंजीर को यौन रोगों से निजात पाने के लिए इस्तेमाल किया गया है। हालांकि रिसर्च में इसके सकारात्मक प्रभाव की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। आयुर्वेद में भी इसे शक्तिशाली यौन पूरक माना गया है। फर्टिलिटी बढ़ाने के उपचार के लिए भी इसे बेहद प्रभावशाली माना जाता है।
आंखों के लिए फायदेमंद:
एक उम्र के बाद हमारी आंखों में मैक्युलर डीजेनेरेशन होने लगता है। इससे हमारी आंखों की दृष्टि कमजोर होती चली जाती है। अंजीर में मौजूद विटामिन मैक्युलर डीजेनेरेशन को रोकने में मदद करता है। इसका सेवन हर उम्र के लोगों के लिए लाभदयक होता है और आंखें स्वस्थ रहती हैं।
एनीमिया
सूखी अंजीर को आयरन का प्रमुख स्त्रोत माना जाता है। एनीमिया के मरीज या शरीर में खून की कमी होने पर इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
हदय रोग से बचाव
अंजीर रक्त में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करता है और ह्दय के स्वास्थय में सुधार करता है। इसमें मौजूद ओमेगा 3, फिनोल और ओमेगा-6 फैटी एसिड ह्दय संबंधित रोगों के जोखिम को कम करता है।
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कोलेस्ट्रॉल को करे कम
इसमें पेक्टिन (pectin) होता है जो एक घुलनशील फाइबर होता है। ये कॉलेटराल को नियंत्रित करने में बहुत प्रभावी है।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
आयुर्वद में बताया गया है कि अंजीर में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है।
अंजीर की पत्तियों में केमिकल होते हैं जो टाइप 1 डायबीटिज पेशेंट्स के लिए फायदेमंद होता है। ये पोटैशियम का अच्छा स्रोत है, जो रक्तचाप और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसमें मौजूद फैटी एसिड कोरोनरी हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसमें स्थित रेशे वजन को संतुलित रखते हुए मोटापे को कम रखते हैं। अमेरिकन कॉलेज ऑफ न्यूट्रिशन में छपे एक जर्नल के मुताबिक इसमें फिनोल एंटी-ऑक्सीडेंट्स, फाइबर और न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो हमारी ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं।
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किसी भी प्रकार के प्राकृतिक फल के इस्तेमाल पहले भी डॉक्टरी सलाह लेना आवश्यक हो सकता है। अगर आपको अंजीर से कोई एलर्जी है या उसके सेवन के बाद असुविधाजनक महसूस होता है तो डॉक्टर परामर्ष करें। ध्यान रहे की जड़ी बुटिया और फल भी हर व्यक्ति को अलग तरह से प्रभावित करते हैं।
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अंजीर की खुराक को लेकर कोई वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। ये मरीज की उम्र, स्वास्थय और कई दूसरी चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल का सेवन हमेशा सुरक्षित नहीं होता। इसलिए एक बार किसी चिकित्सक या हर्बलिस्ट से जरूर सलाह लें।
अगर आप अंजीर से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
डिस्क्लेमर
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