पित्त दोष ( Pitta Dosha)
वात, पित्त और कफ दोष में दूसरा पित्त दोष है।पेट में होने वाले अधिक रोगों का कारण पित्त में असंतुलन के कारण होता है। पित्त से शरीर को बुद्वि और बल दोनों ही मिलता है। उनमें डायरिया, एसिडिटी, नींद न आना, क्रोध, चिड़चिड़ापन या हेपेटाइटिस आदि जैसी समस्याएं देखी जाती है। पित्त दोष वाले लोग , जो गर्म तत्वों के साथ पैदा होते हैं। उनमें अग्नि तत्व अधिक होता है। पित्त दोष वाले व्यक्ति आम तौर पर सक्रिय, गतिशील और बुद्धिमान होते हैं। उनके पास नेतृत्व गुण हो सकते हैं, जैसे कि उनकी तेज नाक और उनकी आंखें भी तेज होंगी। यदि किसी व्यक्ति में पित्त अंतुलित होता है, तो स्किन प्रॉब्लम, मुहांसे और बाल झड़ने जैसी समस्या हो सकती है। हालांकि आग और पानी का संयोजन, यह अग्नि तत्व के साथ अधिक प्रभावी है।
पित्त में असंतुलन के लक्षण
- ठंडी चीजों का सेवन करने की इच्छा होना
- त्वचा का पीला रंग
- चक्कर
- दुर्बलता
- नींद में कमी
- क्रोध अधिक आना
- जलन का अहसास
- अत्यधिक प्यास और भूख लगना
- मुंह में कड़वा स्वाद
- सांसों से बदबू आना
पित्त असंतुलन के कारण रोग
- पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer), पेट में दिक्कत या अन्नप्रणाली की सूजन
- त्वचा के विकार जैसे एक्जिमा, सोरायसिस
- थकान
- माइग्रेन (Migrain)
- एसिड रिफ्लक्स टेंडोनाइटिस
- हरपीज
- पीलिया (Jaundice)
- सांसों की बदबू (Bad Breath)
- अन्न-नलिका का रोग
- असंतोष महसूस होना
- पेट में दर्द (Stomach pain)
- त्वचा की लालिमा
पित्त दोष को रोकने के उपाय
- खाने, सोने और काम करने के लिए नियमित समय के साथ दैनिक दिनचर्या बनाए रखें।
- हर दिन 4-5 लीटर पानी पिएं।
- ऐसे लोगों के साथ तालमेल रखें जो खुश और सकारात्मक हों।
- मेडिटेशन करें । यह दूसरों के बीच क्रोध, चिड़चिड़ापन जैसी भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- मध्यम रूप से कठिन योगासन रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर और शरीर को डिटॉक्स करके पित्त को शांत कर सकते हैं।
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कफ दोष ( Kapha Dosha)
वात, पित्त और कफ दोष (Vata Pitta and Kapha dosha) में तीसरा कफ दोष है।अगर किसी में कफ असंतुलित होता है, तो उस व्यक्ति का मन और दिमाग अशांत रहता है। इसी के साथ ही तनाव (Tension) बना रहता है। कफ जल और पृथ्वी तत्व के पूर्वसर्ग को इंगित करता है। कफ दोष वाले लोग आमतौर पर शांत, आलसी, हंसमुख और अधिक वजन वाले होते हैं। दरअसल आयुर्वेद कहता है कि कफ दोष तीनों में सबसे कम परेशान करता है। यदि ये शांत रहें, तो व्यक्ति के बाल घने (Healthy Hair), काले और त्वचा चमकदार होती है। कफ असंतुलन होने पर हड्डियों और मांसपेशियों में एंठन होना। यह शरीर को नम रखता है। यह त्वचा को मॉइस्चराइज करता है और प्रतिरक्षा को बनाए रखता है। लेकिन असंतुलन होने पर लालच और ईर्ष्या जैसी नकारात्मक भावनाओं का कारण हो सकता है।